अरुणाचल प्रदेश के मेरे भाइयों और बहनों ! जय हिंद ! आप सभी को अरुणाचल प्रदेश के 36वें (छत्तीसवें) राज्य स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई। 50 वर्ष पूर्व नेफा को अरुणाचल प्रदेश के रूप में नया नाम, नई पहचान मिली थी। उगते सूरज की इस पहचान को, इस नई ऊर्जा को इन 50 वर्षों में आप सभी परिश्रमी, राष्ट्रभक्त बहनों-भाइयों ने निरंतर सशक्त किया है। अरुणाचल की इसी भव्यता को देखते हुए पांच दशक पहले भारत रत्न डॉक्टर भूपेन हजारिका जी ने ‘अरुणाचल हमारा’ नाम से एक गीत लिखा था। मुझे पता है ये गीत हर अरुणाचल वासी को बहुत पसंद है, कोई भी समारोह इस गीत के बिना पूरा नहीं होता। इसलिए मैं भी आपसे बात करते हुए इस गीत की कुछ पंक्तियां जरूर बोलना चाहता हूं। अरुण किरण शीश भूषण, अरुण किरण शीश भूषण, कंठ हिम की धारा, प्रभात सूरज चुम्बित देश, अरुणाचल हमारा, अरुणाचल हमारा, भारत मां का राजदुलारा भारत मां का राजदुलारा अरुणाचल हमारा! साथियों, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सद्भाव की जिस भावना को अरुणाचल प्रदेश ने नई ऊंचाई दी है, अपनी सांस्कृतिक विरासत को जिस प्रकार आपने संजोया-संवारा है, परंपरा और प्रगति को जिस प्रकार आप साथ-साथ लेकर चल रहे हैं, वो पूरे देश के लिए प्रेरणा है। साथियों, आज़ादी के अमृत महोत्सव पर देश, अरुणाचल प्रदेश के उन सभी शहीदों को भी याद कर रहा है, जिन्होंने खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। एंग्लो आबोर युद्ध हो या फिर आजादी के बाद सीमा की सुरक्षा, अरुणाचल वासियों की वीरता की गाथाएं प्रत्येक भारतवासी के लिए अनमोल विरासत हैं। ये मेरा सौभाग्य है मुझे अनेक बार आप सबके बीच आने का मौका मिला है। मुझे इस बात का भी बहुत संतोष है कि हमारे मुख्यमंत्री और युवा मुख्यमंत्री पेमा खांडु जी के नेतृत्व पर जिस आकांक्षा के साथ आपने हम पर भरोसा जताया था, उस पर सरकार खरी उतर रही है। आपका विश्वास डबल इंजन की सरकार को और अधिक काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है, और अधिक प्रयास करने की शक्ति देता है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का ये मार्ग अरुणाचल प्रदेश के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने वाला है। साथियों, मेरा ये पक्का विश्वास रहा है कि पूर्वी भारत और खासकर पूर्वोत्तर भारत 21वीं सदी में देश के विकास का इंजन बनेगा। इसी भावना के साथ अरुणाचल प्रदेश के विकास को गति देने के लिए बीते […]
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