आज एक मित्र ने मुझ पर कटाक्ष किया ,,,,

दैनिक समाचार

नदीम भाई क्या आप नमाज अदा करते हो ?
तो मैंने कहा ,,,,

हां मैं नमाज अदा करता हूं
लेकिन उस वक्त जब कोई बूढ़ा सड़क पार कर रहा होता है और मैं उसकी मदद करता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब कोई सड़क पर बच्चा रो रहा होता है और मैं उसे चुप कराने की कोशिश करता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब कोई इंसान किसी कुत्ते को पत्थर मारता है और मैं उसे बचाता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब कोई धर्म और मजहब के नाम पर झूठ , अंधविश्वास ,नफरत और जहर फैला रहा होता है और मैं उसका विरोध करता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब खूबसूरत पेड़ पौधों को पानी देता हूं और उन्हें गमलों में संवारता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब अपने घर के छज्जे पर पक्षियों के लिए पानी रखता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब शाम घर को मैं अपने बच्चों के लिए कुछ लेकर जाता हूं ।।

हां मैं नमाज अदा करता हूं जब अपने हाथों पर यकीन कर के कड़ी मेहनत करके अपना परिवार चलाता हूं और किसी खुदा और भगवान के आगे हाथ नहीं फैलाता
तो भाई इन सारे कामों के वक्त में नमाज ही तो अदा करता हूं ।।

नदीमकेलिएयहसबभीइबादत,,

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