सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा, 2020 की आरक्षित सूची

1.    सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा, 2020 का परिणाम, दिनांक 24.09.2021 के प्रेस नोट द्वारा घोषित किया गया था, जिसमें 836 रिक्तियों के लिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केन्द्रीय सेवा के समूह ‘क’ तथा समूह ‘ख’ में नियुक्ति हेतु योग्यताक्रम में 761 उम्मीदवारों की अनुशंसा की गई थी। 2.    आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा नियमावली के नियम 16 (4) और (5) के अनुसार संबंधित श्रेणियों के तहत अंतिम अनुशंसित उम्मीदवार के नीचे योग्यताक्रम में एक समेकित आरक्षित सूची भी तैयार की थी । 3.    कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा की गई मांग के अनुसार, शेष पदों को भरने के लिए आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा, 2020 के आधार पर अब 75 उम्मीदवारों की अनुशंसा की है, जिसमें सामान्य वर्ग के 52, अ.पि.व. के 19, इ.डब्ल्यू.एस. के 02 और अ.जा. का 02 उम्‍मीदवार शामिल है। इन उम्‍मीदवारों का विवरण संलग्‍न है। उक्‍त अनुशंसित उम्मीदवारों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग […]

Continue Reading


वस्त्र उद्योग क्षेत्र में मौजूदा दरें पहली जनवरी, 2022 के बाद भी जारी रहेंगी

राजस्व विभाग ने 18.11.2021 को एमएमएफ, एमएमएफ धागे, कपड़े और परिधान पर 12 प्रतिशत की दर से वस्तु और सेवा कर-जीएसटी अधिसूचित किया था, जो पहली जनवरी, 2022 से लागू होना था। वस्त्र और परिधान उद्योग ने जीएसटी स्लैब के 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की वृद्धि के इस संशोधन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल और वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना […]

Continue Reading

कार्बन प्रचुरता वाले तारे अपने से कम द्रव्यमान वाले तारों से भारी तत्व चुराते हैं

वैज्ञानिक लंबे समय से इस विषय को लेकर उत्सुक रहे हैं कि कार्बन की प्रचुरता वाले सितारों पर लोहे की तुलना में भारी तत्वों की उपलब्धता की बहुत अधिक संभावना है। भारतीय खगोलविदों के एक नए शोध में इस बात का पता चल है कि तारे अपने से कम द्रव्यमान वाले तारों यानि अपने से […]

Continue Reading

कार्बन प्रचुरता वाले तारे अपने से कम द्रव्यमान वाले तारों से भारी तत्व चुराते हैं

वैज्ञानिक लंबे समय से इस विषय को लेकर उत्सुक रहे हैं कि कार्बन की प्रचुरता वाले सितारों पर लोहे की तुलना में भारी तत्वों की उपलब्धता की बहुत अधिक संभावना है। भारतीय खगोलविदों के एक नए शोध में इस बात का पता चल है कि तारे अपने से कम द्रव्यमान वाले तारों यानि अपने से […]

Continue Reading

अगली पीढ़ी की कम लागत वाली सक्षम अर्धचालक सामग्री के लिए डोपिंग एजेंट बना रहा है स्वर्ण जयंती शोधकर्ता

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, हैदराबाद के रीडर और वर्ष 2020-21 के लिए स्वर्ण जयंती शोधकर्ता पबित्रा के. नायक अगली पीढ़ी की कम लागत वाली सक्षम अर्धचालक सामग्री बनाने करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं के समूह का नेतृत्व कर रहे हैं जो इस क्षेत्र की प्रौद्योगिकी में भारत की अगुवाई में योगदान कर सकता है। भारत ने हाल ही में अर्धचालक (सेमीकंडक्टर्स) के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में देश को वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए 2,30,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा की है क्योंकि आधारभूत बिल्डिंग ब्लॉक और अगली पीढ़ी की कम लागत वाली सक्षम अर्धचालक सामग्री आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के मुताबिक देश को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकती है। मेटल हैलाइड पेरोवस्काइट और कार्बनिक अर्धचालकों जैसी कम ऊर्जा संसाधित करने योग्य सामग्री से बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से साध्य इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोग सिद्ध हो सकता है। हालांकि, पारंपरिक अकार्बनिक अर्धचालकों के साथ प्रतिस्पर्धा में कार्बनिक पदार्थ और हैलाइड पेरोव्स्काइट अभी भी विद्युत चालकता में कम हैं। इस कमी को डोपिंग के माध्यम से दूर किया जा सकता है जिससे अधिक संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉनों (या छिद्र) की चालकता में वृद्धि हो या अन्य अर्धचालकों या धातुओं के इंटरफेस पर चार्ज इंजेक्शन/एक्सट्रैक्शन के गुणों को नियंत्रित करने के लिए, इस प्रकार उपकरणों के प्रदर्शन को प्रभावित किया जा सके। अनुसंधान समुदाय का अधिकांश ध्यान इलेक्ट्रॉनिक डोपेंट्स सिस्टम विकसित करने में रहा है जो अत्यधिक जटिल और प्रतिक्रियाशील कार्बनिक या कार्बनिक व धातुई जटिलताओं पर आधारित है, जो काफी हद तक अक्षम होती हैं और डिवाइस की दीर्घकालिक स्थायित्व को प्रभावित करने वाली अशुद्धियों को पीछे छोड़ देती हैं। इस प्रकार इन दृष्टिकोणों से परे और इलेक्ट्रॉनिक डोपिंग में अत्याधुनिक अनुसंधान से परे देखने की जरूरत है। डॉ. नायक ने ’नेचर मैटेरियल्स’ में प्रकाशित एक शोध-पत्र में कार्बनिक अर्धचालकों के लिए योगोत्पाद आधारित डोपेंट सिस्टम (अशुद्धियां जो अर्धचालकों की विद्युत चालकता को बदल सकते हैं) का पहला उदाहरण बताया है, जहां डोपेंट किसी भी साइड प्रोडक्ट यानी अशुद्धियों को पीछे नहीं छोड़ते हैं और डोपेंट की मौजूदा श्रेणी से बेहतर काम करते हैं। उभरते हुए सोलर सेल प्रौद्योगिकियों की प्रगति को आगे बढ़ाने वाली सामग्री हैलाइड पेरोव्स्काइट्स में क्रिस्टलीकरण और डोपिंग की समझ के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की स्वर्ण जयंती फेलोशिप के विजेता डॉ. नायक का लक्ष्य अब आण्विक योगोत्पादों (विशेष प्रकार के अनेक अणुओं के संयोजन से बनी है अणुओं की एक प्रजाति यानी मोलेक्यूलर स्पेसीज) और विभिन्न प्रकार के अर्धचालकों के सक्षम व स्वच्छ इलेक्ट्रॉनिक डोपिंग के लिए रेडिकल्स पर आधारित नए डोपिंग एजेंटों को विकसित करना है। उन्हें उम्मीद है कि इससे नये सिस्टम तैयार करने में मदद मिलेगी जिनका प्रदर्शन बेहतर होगा। उनका समूह कार्बनिक और मेटल हैलाइड पेरोव्स्काइट सेमीकंडक्टर्स के पी-टाइप और एन-टाइप इलेक्ट्रॉनिक डोपिंग के के मेकेनिज्म की जांच करेगा। इलेक्ट्रॉनिक दोषों को बेअसर करने के लिए प्रक्रियाएं विकसित की जाएंगी, जो अक्सर डिवाइस के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होती हैं। समूह द्वारा विकसित नई डोपिंग विधियों और सामग्रियों का उपयोग अत्याधुनिक पेरोव्स्काइट और कार्बनिक-आधारित सोलर सेल्स प्रकाश उत्सर्जक उपकरणों और ट्रांजिस्टर और विषम संरचनाओं साबित करने के लिए किया जाएगा। नई डोपिंग विधियों और डोपेंट से नरम अर्धचालकों के डोपिंग में एक बड़े बदलाव की उम्मीद है क्योंकि इनसे अत्यधिक महंगे डोपेंट अणुओं पर हमारी निर्भरता समाप्त हो जाएगी। डोपेंट की नई पीढ़ी अपनी दक्षता और स्थिरता में सुधार करके डिस्प्ले, सोलर सेल और बायो-इलेक्ट्रॉनिक्स में अगली क्रांति लाएगी। यह कम लागत और प्रिंट करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यापक अनुप्रयोग को सक्षम करेगा। डॉ. नायक ने बताया कि इन सभी संभावनाओं से अर्धचालक सामग्री अनुसंधान और विकास में भारत की प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा, जो स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से संचालित स्थायी सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। विस्तृत जानकारी के लिए पबित्रा कुमार नायक (pabitra.nayak@tifrh.res.in) से संपर्क किया जा सकता है। ****

Continue Reading

झारखंड की 2024 तक ‘हर घर जल’ वाला राज्य बनने की योजना है

झारखंड के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत 9,544 करोड़ रुपए की 315 जलापूर्ति योजनाएं स्वीकृत की गईं हैं। इन योजनाओं से राज्य के 4,424 गांवों में लगभग 8 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति की जाएगी। 15 अगस्त 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, झारखंड में केवल 3.45 लाख (5.83 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी। 28 महीनों में, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के बावजूद, राज्य ने 6.73 लाख (11.38 प्रतिशत) घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया है। अभी तक राज्य के 59.23 लाख ग्रामीण परिवारों में से 10.18 लाख (17.20 प्रतिशत) परिवारों को उनके घरों में नल का पानी मिल रहा है। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए की जाने वाली योजनाओं पर विचार और अनुमोदन के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) के गठन का प्रावधान है। एसएलएसएससी जल आपूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं पर विचार करने के लिए एक राज्य स्तरीय समिति के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) का एक नामांकित व्यक्ति समिति का सदस्य होता है। इस वर्ष केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 2,479.88 करोड़ रुपए जो पिछले वर्ष के आवंटन से चार गुना वृद्धि है। केंद्रीय मंत्री ने चार गुना वृद्धि को स्वीकृति देते हुए 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए राज्य को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। झारखंड को अब तक 512.22 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के त्वरित क्रियान्वयन के लिए धन की कोई कमी नहीं है। राज्य में समान वित्तीय प्रगति के साथ मिशन कार्यों की वास्तविक प्रगति के साथ, राज्य को आगे की राशि जारी की जाएगी। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को उनके घरों में नल का पानी मिले। इसके अलावा, […]

Continue Reading

ओडिशा को जल जीवन मिशन के अंतर्गत 831 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान जारी किया गया

ओडिशा में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए, भारत सरकार ने आज राज्य को 830.85 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ओडिशा 2024 में ‘हर घर जल’ वाला राज्य बनने की योजना बना रहा है। राज्य के 85.67 लाख ग्रामीण परिवारों में से 35.37 लाख (41.28 प्रतिशत) घरों में नल के पानी की आपूर्ति है। गांवों में नल से जलापूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जलापूर्ति का […]

Continue Reading

कोविड-19 अपडेट

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 144.54 करोड़ कोविड रोधी टीके लगाए जा चुके हैं भारत में वर्तमान में 91,361 सक्रिय मामले सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 प्रतिशत से कम हैं,वर्तमान में 0.26 प्रतिशत स्वस्थ होने की दर वर्तमान में 98.36 प्रतिशत पिछले 24 घंटों के दौरान 7,585 रोगी स्वस्थ हुए, देश भर में अभी तक कुल 3,42,66,363 मरीज स्वस्थ हुए बीते चौबीस घंटे के […]

Continue Reading

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 16.94 करोड़ से अधिक अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल हुई खुराकें  मौजूद हैं

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा विस्तृत करने और लोगों को टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीके को सभी के लिए उपलब्ध कराने के लिए नया चरण 21 जून 2021 से शुरू किया गया था। टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया है। […]

Continue Reading


साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर (0.89 प्रतिशत), बीते 47 दिनों से 1 प्रतिशत से कम

 पिछले 24 घंटों में 66,65,290 वैक्सीन की खुराक देने के साथ ही भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 144.54 करोड़ (1,44,54,16,714) से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 1,54,27,550 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है। आज सुबह 7 बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार कुल टीकाकरण का विवरण इस प्रकार से है: स्वास्थ्य कर्मी पहली खुराक  1,03,87,564 दूसरी खुराक 97,08,297 अग्रिम पंक्ति के कर्मी पहली खुराक  1,83,85,606 दूसरी खुराक 1,68,89,042 18-44 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक  49,88,95,079 दूसरी खुराक 33,05,31,530 45-59 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक  19,43,82,386 दूसरी खुराक […]

Continue Reading