श्री नरेन्द्र मोदी आज़ादी के बाद देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया

देश का विकास और पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनना उनके समर्पण और महत्वपूर्ण योगदान के बिना संभव नहीं है केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा चलाए जा रहे ‘अखिल भारतीय वृक्षरोपण अभियान-2021’ के अंतर्गत आज महाराष्ट्र के नांदेड में CRPF ट्रेनिंग सेंटर में 1 करोड़वें पौधे का रोपण किया।इस अवसर पर केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल(CRPF) के महानिदेशक सहित बल के वरिष्ठ अधिकारी और जवान भी उपस्थित थे। इस मौक़े पर श्री अमित शाह ने कहा कि उनके लिए ये एक हर्ष का विषय हैजो एक लक्ष्य तय किया गया था कि सभी बल इकट्ठा होकर एक करोड़ से ज़्यादा वृक्ष लगाएंगे और उन्हें अपने सिर से ऊपर तक ले जाने की वैज्ञानिक व्यवस्था भी करेंगे, उन्हीं के हाथों से पीपल का एक वृक्ष यहां लगाया गया है, और एक करोड़ का लक्ष्य हम पूर्ण कर रहे हैं। देशभर के 170 से ज़्यादा ज़िलों में एक करोड़ वृक्ष लगाने का काम हमारे सीएपीएफ़ ने किया है। ये और भी महत्वपूर्ण है कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन है और इसी दिन हम इस लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है और आज ही हमने एक करोड़वां वृक्ष आज यहां बोया है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी आज़ादी के बाद देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया क्योंकि उस वक़्त दुनिया में भी बहुत कम लोग ऐसे थे जो इस पर ध्यान देते थे। लोग सड़कें बनाते थे, इमारतें बनाते थे, पीने के पानी की व्यवस्था करते थे, शिक्षा के लिए संरचनाएं होती थी, सभी क्षेत्रों में विकास होता था, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने सर्वप्रथम सरकार में जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया और ये भारत में पहली बार था कि शासन ने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया। जलवायु परिवर्तन पर काम करने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था शासन की ओर से कैसे हो सकता है, इसकी शुरूआत श्री नरेन्द्र मोदी ने की। आज उन्हीं के जन्मदिवस पर हम एक करोड़वां वृक्ष लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां नर्सरी भी बनाई गई है, वृक्षों की मृत्यु दर को ध्यान में रख कर उन्हें फिर से लगाने की व्यवस्था भी की गई है, जवानों को वृक्षों के साथ जोड़ने की वैज्ञानिक व्यवस्था भी की गई है, और ये सारे पौधे बहुत जल्द पृथ्वी के पर्यावरण की सेवा में लगेंगे। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये वृक्ष ऐसी जगह लगाया जा रहा है जो मराठवाड़ा का एक हिस्सा है, नांदेड़, जहां गुरू गोविंद सिंह जी की स्मृति में आज भी हुज़ूर साहब बना हुआ है और आज ही के दिन ये हिस्सा आज़ाद हुआ था। आज ही के दिन हैदराबाद के निज़ाम के ज़ुल्मी शासन से ये पूरा क्षेत्र आज़ाद हुआ था। देश के पहले गृह मंत्री और भारत रत्न सरदार पटेल ने दृढ़ता, वीरता और रणनीतिक कुशलता के साथ इनके नापाक इरादों को नाक़ामयाब करते हुए इस पूरे क्षेत्र को अखंड भारत का हिस्सा बनाने में आज ही के दिन सफलता प्राप्त की थी। आज हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, यहां के निवासियों के लिए और महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि पूरा देश 15 अगस्त, 1947 को आज़ाद हो गया था लेकिन ये क्षेत्र उसके 13 महीने के बाद आज़ाद हुआ और इस मायने में इस क्षेत्र की आज़ादी का दिन आज ही है। इस क्षेत्र की आज़ादी के लिए कई दिग्गजों ने अपने प्राण न्योछावर किए और एक लड़ाई लड़ी।श्री शाह ने कहा कि निज़ाम की क्रूर फ़ौजों के सामने लड़ाई लड़कर ये हिस्सा आज भारत के साथ जुड़ा हुआ है और इसके लिए उन सभी आत्माओं का सर्वोच्च बलिदान देश कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने देश के सभी सीएपीएफ़ के जवानों की ओर से उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान के कारण ही ये हिस्सा आज देश के साथ जुड़ा है। श्री अमित शाह ने कहा कि अंधाधुंध विकास के कारण दुनिया के पर्यावरण को ख़ासा नुकसान पहुंचा है। ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज ऐसे दो ख़तरे बने हैं, जो हर देश के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश, अकाल, भूस्खलन अब काफ़ी संख्या में सामने आ रहे हैं और इनका मूल कारण जलवायु परिवर्तन है। पृथ्वी का तापमान बढ़ता ही जा रहा है और इसका मूल कारण है अंधाधुंध विकास और कार्बन उत्सर्जन के कारण ओज़ोन की परत धीरे धीरे पतली होती जा रही है औरअगर इस प्रक्रिया को हमने नहीं रोका तो पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि यहां मानव जीवन के अस्तित्व को बचाना मुश्किल हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने से ही इन सभी विकृतियों को रोका जा सकता है।उन्होंने कहा कि प्रकृति और क़ुदरती संपत्तियों का दोहन करना चाहिए, शोषण नहीं। उन्होंने कहा कि विकास की गति के साथ-साथ ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चिंता को व्यवस्था में ही शामिल करना होगा और उसका सबसे सरल रास्ता है, कार्बन उत्सर्जन को कम करना और उत्सर्जित कार्बन की व्यवस्था करना और इसका एक ही रास्ता है कि वृक्षों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी तभी ऑक्सीजन मिलती रहेगी और ओज़ोन की परत सुरक्षित रहेगी। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि गत दो वर्षों से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। गत वर्ष भी बहुत बड़ा वृक्षारोपण अभियान चलाया गया था जिसके अंतर्गत एक करोड़ तीस लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य था और सीएपीएफ़ के जवानों ने एक करोड़ 47 लाख वृक्ष लगाए थे और आज एक करोड़ वृक्ष लगाने का काम पूरा हुआ है।      श्री अमित शाह ने देशभर के सीआरपीएफ़ और सीएपीएफ़ के जवानों से स्वयं को एक वृक्ष के साथ जोड़ने का आह्वान किया और कहा कि अगर आप ख़ुद को एक वृक्ष के साथ जोड़ लेंगे तो आपको उससे लगाव हो जाएगा, जो आपको आत्मसंतुष्टि देगा, तनाव कम करेगा और जीवन जीने के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण भी देगा क्योंकि सृजन ही ईश्वर की सबसे बड़ी कृपा और कला है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष को बड़ा होते देखने से लेकर उसे सींचने और उसकी देखभाल करने के प्रयासों के बाद जब वो छाया देने लगता है और वातावरण को शुद्ध करने लगता है तब जो संतोष मिलता है उसका कोई माप नहीं है। उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाना सरकार का कार्यक्रम है, उसको जीवित रखना, बड़ा करना और एक पौधे को वृक्ष में परिवर्तित करना जवान का कार्यक्रम होना चाहिए। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुराणों, उपनिषदों और वेदों में धार्मिक दृष्टि से वृक्ष के महत्व को समझाया गया है। पुराणों में कहा गया है कि दस पुत्रों से ज़्यादा फ़ायदा एक वृक्ष देता है। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं क्योंकि सभी वृक्षों में श्रेष्ठ वृक्ष पीपल ही है जो सबसे ज़्यादा ऑक्सीजन वापिस देता है। पीपल का वृक्ष कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड को कम करता है और सबसे ज़्यादा ऑक्सीजन देता है। श्री अमित शाह ने कहा कि जब यह कार्यक्रम शुरू किया गया था तब उन्होंने यह आग्रह किया था कि लंबी आयु के वृक्ष अधिक लगाए जाएं, जिससे बाद में पृथ्वी को उसका फायदा मिल सके और उनके सुझाव के अनुसार लगाए गए वृक्षों में 60% से ज्यादा वृक्ष ऐसे हैं जिनकी आयु 100 वर्ष से अधिक है। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस सीआरपीएफ़ प्रशिक्षण संस्थान में नागरिक से रक्षक बनाने का काम होता है और आमजन से देशभक्त और सशस्त्र सेनानी बनाने का काम होता है और यहीं से आप अपने जीवन को अनुशासन में ढालने की शुरूआत करते हैं। उन्होंने सीआरपीएफ के 2000 से ज़्यादा जवानों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनके इसी बलिदान के कारण आज हमारा देश सुरक्षित है। श्री शाह ने कहा कि जब बहुत सारी व्यवस्थाएं नहीं थीं, तब 1959 में भारत –चीन की सीमा से सटा हॉटस्प्रिंग हो या सरदार चौकी हो, भुज हो, हर जगह पर सबसे पहले दुश्मन को चुनौती देने का काम सीआरपीएफ ने किया है। जब आज़ादी के बाद देश आगे बढ़ता गया और हमारी यात्रा आगे बढ़ती गई, और सीआरपीएफ़ के काम में तब से आज तक आमूल-चूल परिवर्तन आया है और सीआरपीएफ ने हर परिवर्तन को बहुत ही सहज तरीके से आत्मसात करके अपने आप को नए खाके में ढाला है। श्री अमित शाह ने कहा कि पहले सीआरपीएफ़ पर देश की देश की सीमाओं की और आंतरिक सुरक्षा की ज़िम्मेदारी थी, फिर दंगे रोकने की ज़िम्मेदारी आई, फिर वामपंथी उग्रवादियों के सामने लड़ने की ज़िम्मेदारी आई, या पूर्वोत्तर में काम करने की जिम्मेदारी आई, कश्मीर में काम करने की ज़िम्मेदारी आई, सीआरपीएफ के जवानों ने हर आवश्यकता के अनुसार अपने आप को ढालकर हर अपेक्षा को पूरा करने का काम बख़ूबी किया और हर मोर्चे पर सीआरपीएफ की विजय पताका को गौरव के साथ आसमान तक ऊंचा किया है। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई लोगों को ये बात अतिश्योक्ति लग सकती है लेकिन वो इसे वास्तविकता मानते हैं कि सीआरपीएफ के बगैर देश की आंतरिक सुरक्षा की कल्पना हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि उन्हें और पूरे देश को सीआरपीएफ़ के जवानों के त्याग, बलिदान और समर्पण पर गर्व है और देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि देश का विकास और पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनना उनके समर्पण और महत्वपूर्ण योगदानके बिना संभव नहीं है।

Continue Reading

प्रधानमंत्री ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लोगों को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लोगों को बधाई दी है। एक टवीट में प्रधानमंत्री ने कहा; “भगवान विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। देशवासियों पर देवशिल्पी की कृपा सदैव बनी रहे और हमारा देश प्रगति और समृद्धि की नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त करता […]

Continue Reading

Bhupendra Patel new CM of Gujarat: Who is he?

By MunibarBarui                 On September 12, 2021 the BJP high command selected Bhupendra Patel as the new Chief Minister of Gujarat, after Vijay Rupani abruptly tendered resignation. The choice of new CM from the Patidar community seems to be quite equated as seen in current context. This brings us to the first question: Who is […]

Continue Reading

भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए सीएम: कौन हैं वे?

द्वारा : मुनिबारबरुई हिन्दी अनुवादक : प्रतीक जे. चौरसिया                 12 सितंबर, 2021 को भाजपा आलाकमान ने भूपेंद्र पटेल को गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना, जब विजय रूपाणी ने अचानक इस्तीफा दे दिया। पाटीदार समुदाय से नए सीएम का चुनाव काफी समान लगता है जैसा कि वर्तमान संदर्भ में देखा जाता है। […]

Continue Reading

Vijay Rupani resigns as CM of Gujarat: Why such change took place? What next?

By Munibar Barui                 On September 11, 2021 the Chief Minister of Gujarat Vijay Rupani was replaced by the BJP high command. This was the 5th Chief Minister of a BJP-run state, which was changed by the part in this year itself. The high command is set to meet at Gandhinagar on September 12, 2020 […]

Continue Reading

विजय रूपाणी ने गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा दिया: ऐसा बदलाव क्यों हुआ? आगे क्या?

द्वारा : मुनिबार बरुई हिन्दी अनुवादक : प्रतीक जे. चौरसिया                 11 सितंबर, 2021 को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को भाजपा आलाकमान ने बदल दिया। यह किसी भाजपा शासित राज्य के 5वें मुख्यमंत्री थे, जिन्हें इस वर्ष में ही बदल दिया गया। गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री के लिए अगले उम्मीदवार पर चर्चा करने के […]

Continue Reading

Debunking Sedition: the peculiar case of Vinod Dua

By : Satyaki Paul On June 3, 2021 the Supreme Court of India dismissed the case of sedition against Vinod Dua for passing some remarks at PM Modi and the central government’s management of migrant crisis during the 2020 lockdown. A Supreme Court two-bench led by Justice Uday Umesh Lalit and Justice Vineet Saran observed […]

Continue Reading

परिसीमन आयोग : जम्मू-कश्मीर के लिये क्यों आवश्यक है?

      परिसीमन से तात्पर्य किसी भी राज्य की लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की राजनीतिक  सीमाओं  का रेखांकन है, अर्थात इसके माध्यम से लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की सीमायें तय की जाती हैं।       परिसीमन आयोग को भारतीय सीमा आयोग भी कहते हैं। इसके अंतर्गत सीटों की संख्या के आवंटन और क्षेत्रों में उनके सीमांकन का […]

Continue Reading

Tirath Singh Rawat quits, and Pushkar Singh Dhami takes charge as CM of UK : What will happen in Bengal?

By Sabatini Chatterjee On July 03, 2021 Pushkar Singh Dhami took charge as the new Chief Minister of Uttarakhand after Tirath Singh Rawat quits citing constitutional crisis on July 02, 2021. Later, he took oath as CM on June 04, 2021 thereby becoming the 11th CM of the Uttarakhand and the youngest person to become […]

Continue Reading