- सरकार राज्य सैनिक बोर्ड के अंतर्गत दिल्ली में चारों जिला सैनिक बोर्ड की करेगी स्थापना
- केजरीवाल सरकार साउथ वेस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नार्थ वेस्ट दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में स्थापित करेगी एक-एक जिला सैनिक बोर्ड
- हर एक जिला सैनिक बोर्ड में सेक्रेटरी, असिस्टेंट सेक्रेटरी, हेड क्लर्क व स्टॉफ समेत 11 अधिकारियों की होगी नियुक्ति
- सरकार प्रत्येक जिला सैनिक बोर्ड पर प्रति वर्ष खर्च करेगी लगभग चार करोड़ रुपए, जबकि चारों सैनिक बोर्ड पर हर साल खर्च होंगे करीब 16 करोड़ रुपए
नई दिल्ली, 05 मई, 2022
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में आज हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली में चार जिला सैनिक बोर्ड स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। राजस्व विभाग की तरफ से चार जिला सैनिक बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया। राज्य सैनिक बोर्ड के अंतर्गत दिल्ली में यह चारों जिला सैनिक बोर्ड साउथ वेस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नार्थ वेस्ट दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में स्थापित किए जाएंगे। हर एक जिला सैनिक बोर्ड में कुल 11 अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे, जिसमें सेक्रेटरी, असिस्टेंट सेक्रेटरी, हेड क्लर्क व स्टॉफ समेत अन्य शामिल हैं। सरकार प्रत्येक जिला सैनिक बोर्ड पर प्रति वर्ष लगभग चार करोड़ रुपए खर्च करेगी, जबकि चारों सैनिक बोर्ड पर हर साल करीब 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य व जिला सैनिक बोर्ड पर होने वाले कुल खर्च में से 40 फीसद हिस्सा दिल्ली सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में सभी मंत्री मौजूद रहे। कैबिनेट में राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत की तरफ से दिल्ली के चार जिलों में सैनिक बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। यह सभी सैनिक बोर्ड राज्य सैनिक बोर्ड के अंतर्गत स्थापित किए जाने हैं। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया और जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।
प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सैनिक बोर्ड के अंतर्गत यह चारों जिला सैनिक बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। दिल्ली के साउथ वेस्ट दिल्ली जिला, ईस्ट दिल्ली जिला, नार्थ वेस्ट दिल्ली जिला और सेंट्रल दिल्ली जिला में एक-एक जिला सैनिक बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। जिन जिलों में 7500 से अधिक सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या है, वहां पर राज्य सरकार को अधिकार है कि वो जिला सैनिक बोर्ड की स्थापना कर सकती है। स्थापित होने वाले जिला सैनिक बोर्ड में कुल 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किए जाने का प्रावधान किया गया है। जिसमें सेक्रेटरी, असिस्टेंट सेक्रेटरी, हेड क्लर्क व स्टॉफ समेत अन्य कर्मचारी शामिल होंगे। प्रत्येक जिला सैनिक बोर्ड में कम्यूटर, कम्यूटर टेबल समेत अन्य जरूरी उपकरणों की खरीदे जाएंगे। इस पर करीब 25 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस तरह चार जिला सैनिक बोर्ड पर एक करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी तरह, स्टॉफ के भत्ते, कार्यालय के मेंटिनेंस, बिजली, टेलिफोन और वाहनों के लिए ईंधन आदि पर प्रत्येक जिला सैनिक बोर्ड पर चार करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इस तरह चारों जिला सैनिक बोर्ड में 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस तरह प्रत्येक वर्ष चारों जिला सैनिक बोर्ड पर करीब 17 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
जिला सैनिक बोर्ड से मिलने वाले लाभ
देश की सशस्त्र सेनाओं के सेवारत सैनिक, उनके परिवार, सेवनिर्वित सैनिक, शहीदों की विधवाओं और उनके आश्रितों के कल्याण, रोजगार, पुनर्वास, शिक्षा एवं अन्य लाभकारी योजनाओं को सुचारु रूप से उन तक पहुंचाने का कार्य जिला सैनिक बोर्ड करता है। सेवानिवृत्त सैनिकों के परिवारों के कल्याण की निगरानी एवं उन्हें स्थानीय प्रशासन अथवा रक्षा अधिकारियों के साथ उनके मामलों को प्रतिनिधित्व करने में सहायता प्रदान करना, रोजगार समस्या से लेकर अन्य समस्याओं को निपटारा करवाना, पेंशन की समस्याओं को हल कराने में मदद करना, भूमि संबंधी विवाद, परिवार की देखरेख, चिकित्सा, न्यायालय संबंधी मामलों में सहायता पहुंचने का कार्य जिला सैनिक बोर्ड करता है।
जिला सैनिक बोर्ड बनाने का उद्देश्य
बीते दिनों में सेवानिवृत्त सैनिकों की समस्याएं बीते तेजी से बढ़ रही है। सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, संयुक्त परिवार का टूटना, रोजगार बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा, जीवन यापन की लागत में वृद्धि और दवाओं और स्कूली शिक्षा सुविधाओं के प्रावधान की प्रणालीगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसलिए, बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। दिल्ली में राज्य सैनिक बोर्ड होने की वजह से इन सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों को समस्याओं से निपटने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसे देखते हुए दिल्ली में चार जिला सैनिक बोर्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे उनकी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। राज्य सैनिक बोर्ड में आने वाले अधिकांश कर्मचारी वृद्ध हैं और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसलिए चार जिला सैनिक बोर्ड की स्थापना से न केवल राज्य सैनिक बोर्ड दिल्ली में समस्याओं का सामना कर रहे सभी बुजुर्गों को सहायता मिलेगी, बल्कि सरकार इन कर्मियों की जरूरतों को अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से पूरा करने में भी सक्षम होगी।