- डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने सीआईआई द्वारा आयोजित दिल्ली वालंटियरिंग समिट को संबोधित किया
- केजरीवाल सरकार ने युवा वालंटियर का एक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से देश के मेंटर कार्यक्रम शुरू किया- जस्मिन शाह
- युवा वालंटियर स्थानीय मुद्दों और पर्यावरणीय कार्रवाई में दिल्ली सरकार के साथ शामिल हो सकेंगे- जस्मिन शाह
- युवाओं के भीतर वालंटियर करने की इच्छा है, अगर सरकार इन्हें अवसर देती है तो इसे चैनलाइज़ किया जा सकता है- जस्मिन शाह
- 2047 तक सपनों की दिल्ली बनाने के लिए दिल्ली@2047 युवा वालंटियर की मेजबानी करेगा- जस्मिन शाह
नई दिल्ली, 18 जनवरी, 2021
दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि युवा वालंटियर स्थानीय मुद्दों और पर्यावरणीय कार्रवाई में दिल्ली सरकार के साथ शामिल हो सकेंगे। दिल्ली सरकार का डीडीसी नीतिगत थिंक-टैंक है, जो नियमित रूप से कई शहरी विकास मुद्दों पर निगमों, संगठनों और नगर निकायों के साथ काम करता है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा इंडिया@75 पहल के तहत आयोजित दिल्ली वालंटियरिंग समिट को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि युवा वालंटियर ने गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जस्मिन शाह ने कहा कि अब तक नागरिक कर्तव्यों और नागरिकों की लोकतांत्रिक भागीदारी को लेकर जोर, केवल चुनावों पर रहा है। पूरे देश की सरकारें स्कूलों, अस्पतालों, पर्यावरण और नागरिक सुविधाओं जैसे मुद्दों पर वालंटियर को शामिल करने के लिए कोई औपचारिक मंच बनाने में विफल रही हैं। युवा वालंटियर का एक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर 2021 में “देश के मेंटर” कार्यक्रम शुरू किया। युवा वालंटियर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नौवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले लाखों छात्रों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं।
‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम में वालंटियर का आंकलन करने के लिए एक अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई प्रक्रिया है। वालंटियर साइकोमेट्रिक टेस्ट के लिए आवेदन करते हैं। इसमें पास होने पर उन्हें बच्चों को सलाह देने के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है। दो महीनों में 45 हजार युवा वालंटियर ने पंजीकरण कराया है और लगभग 1.75 लाख छात्रों को सलाह दे रहे हैं। इन 45 हजार वालंटियर में से लगभग 500-500 आईआईटी और आईआईएम से और 15 हजार अन्य मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों से हैं। यह साबित करता है कि युवाओं के भीतर वालंटियर करने की इच्छा है। अगर सरकार इन्हें अवसर देती है तो इसे चैनलाइज़ किया जा सकता है।
जस्मिन शाह ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों ने दिल्ली में शिक्षा प्रणाली के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 2009 में एसएमसी की शुरुआत हुई। लेकिन यह दिल्ली में 2015 तक निष्क्रिय थीं। 2015-16 में, केजरीवाल सरकार ने सदस्यों के चुनावों और स्थानीय वालंटियर की भागीदारी के माध्यम से समितियों को पुनर्जीवित किया। इस प्रक्रिया में बहुत सारे माता-पिता ने चुनावों में भाग लिया और स्थानीय वालंटियर की कोई कमी नहीं थी। ये समितियां दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए एक विकेन्द्रीकृत स्थानीय स्तर के शासन के रूप में कार्य करती हैं।
युवा वालंटियर के लिए अवसर की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगस्त 2020 में दिल्ली को एक बेहतरीन शहर बनाने के लिए दिल्ली @ 2047 पहल की शुरुआत की। जिसमें दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर होगी। डीडीसी द्वारा आयोजित दिल्ली@2047 पहल 2047 तक सपनों की दिल्ली बनाने के लिए व्यक्तियों और संगठनों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। पहले चरण में डीडीसी ने निजी क्षेत्र और संगठनों के साथ प्रमुख परियोजनाओं शहरी झीलों और स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिकों को लेकर साझेदारी की। पहल के अगले चरण में दिल्ली में डीडीसी जल्द ही स्थानीय मुद्दों और पर्यावरण से जुड़ी कार्रवाई के लिए युवाओं के लिए वालंटियर मंच शुरू करेगा। दिल्ली@2047 के विजन को तब तक साकार नहीं किया जा सकता जब तक कि युवाओं को इसमें शामिल नहीं किया जाता और इसका सार्थक उपयोग नहीं किया जाता।