- मंचू राजवंश के पतन के साथ 1911 ई. में चीनी क्रान्ति सफल हुई। इस क्रान्ति का नायक सनयात सेन था। इसने 1905 ई. में तुंग-मेंग दल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य मंचू वंश के शासन को समाप्त करना था।
- क्रान्तिकारियों ने 29 दिसम्बर, 1911 को सनयात सेन को अपनी सरकार का अध्यक्ष चुना और चीन में गणतन्त्र शासन पद्धति की स्थापना हुई।
- कोवीनेड लीग सोसायटी का संस्थापक सनयात सेन था। इसने युआन शीह काई के समर्थन में अपना नेतृत्व वापस ले लिया था।
- 1912 ई. में सनयात सेन ने कुओमिनतांग पार्टी की स्थापना की तथा अपनी सेना को संगठित करने के लिए जनरल गैलेन को चुना।
- सनयात सेन के तीन सिद्धान्त थे. राष्ट्रवाद, लोकतन्त्रवाद और सामाजिक न्याय। उसे चीन का राष्ट्रपिता कहा जाता है। इसकी मृत्यु 1925 को हुई। उसके बाद च्यांग काई शेक ने 1926 में कुओमिनतांग पार्टी का नेतृत्व किया।
- च्यांग काई शेक ने केन्द्रीय सरकार की सत्ता नानकिंग में सँभाली तथा सरकार की स्थापना फारमोसा में की।
- साम्यवादियों के दमन करने के लिए च्यांग काई शेक ने ‘ब्लूशर्ट’ नामक आतंकवादी दल गठित की थी।
- 1927 ई. में कुओमिनतांग पार्टी से साम्यवादी लोग अलग हो गये और 1928 ई. से गृहयुद्ध शुरू हो गया।
- माओत्से तुंग के नेतृत्व में 1 अक्टूबर, 1949 को चीन में जनवादी गणराज्य की स्थापना हुई। इसने 1925 ई. में हूनान के विशाल किसान आन्दोलन का नेतृत्व किया था।
- चीनी साम्यवाद गणराज्य का प्रथम अध्यक्ष माओत्से तुंग तथा प्रथम प्रधानमन्त्री चाऊ-एन-लाई था। उसकी राजधानी हूनान थी।
- चीन ने खुले द्वार की नीति अपनाई। इसे खोलने का श्रेय ब्रिटेन को है तथा उसके प्रतिपादक जॉन हे थे।
- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थपना 1921 ई. में हुई थी।
- चीन ‘एशिया का मरीज’ के नाम से जाना गया।