प्रमुख तथ्य

विश्व इतिहास
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता ‘दजला’ व ‘फरात’ नामक दो नदियों के मध्य विकसित हुई थी। इसे सबसे प्राचीन सभ्यता मानी जाती है। इस कांस्ययुगीन सभ्यता का काल लगभग 3000 ई.पू. से 600 ई.पू. माना जाता है।
  • 2084 ई.पू. से 2024 ई.पू. के बीच हम्बूराबी बेबीलोन का शासक था, जिसने विश्व की पहिली विधि संहिता की रचना की थी।
  • मिस्र की सभ्यता नील नदी के आसपास विकसित हुई थी। इसके प्रथम राजवंश का प्रथम शासक 3400 ई.पू. के आसपास ‘मेनिस’ था।
  • सिन्धु घाटी या हड़प्पा की सभ्यता लगभग 2350-1750 ई.पू. के मध्य सिन्धु नदी और इसके आसपास क्षेत्रें में विकसित हुई थी।
  • चीन की प्रारम्भिक सभ्यता शांग सभ्यता थी। यह शांग वंश के शासनकाल 1765 ई.पू. से 1132 ई.पू. तक विकसित हुई। यहाँ लेखनकला का आविष्कार लगभग 2000 ई.पू. में हुआ था।
  • यूनान की सभ्यता को यूरोपीय सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। इसे ‘हेलनिक सभ्यता’ कहते हैं। इसका काल 3600 ई.पू. माना जाता है।
  • रोम की सभ्यता का विकास ‘रोम’ से हुआ था। रोम के साम्राज्य का बिना ताज का राजा जूलियस सीजर 365 दिनों का एक वर्ष बनाया है।
  • पेरिस (वर्साय) की सन्धि (1783) से अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध समाप्त हुआ, जिसके तहत इंग्लैण्ड ने 13 उपनिवेशों को स्वतन्त्रता प्रदान की।
  • क्रीमिया के युद्ध (1854-56) में ब्रिटेन, फ्रांस एवं टर्की की संयुक्त सेना ने रूस को पराजित किया।
  • नील नदी के युद्ध (1798) में ब्रिटिश नौसेनापति लॉर्ड नेल्सन ने फ्रांस एवं स्पेन के जहाजी बेडे़ को परास्त किया, परन्तु स्वयं इसी युद्ध में मारा गया।
  • प्रशा-आस्ट्रिया युद्ध (1866 ई.) में आस्ट्रिया पराजित हुआ तथा जर्मनी के 22 राज्यों का परिसंघ बना।
  • विश्व में शांति की स्थापना के उद्देश्य से 24 अक्टूबर, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की स्थापना हुई थी।
  • इटली के प्रसिद्ध लेखक मैकियावेली ने अपनी पुस्तक ‘द प्रिंस’ में राष्ट्रीय शासकीय भावना को जागृत किया।
  • पूर्वी यूरोप में बाइजेंटाइन साम्राज्य ने रोमन साम्राज्य की प्रवृत्तियों का विस्तार एशिया तक किया।
  • मानवतावादी विचारकों में रॉटरडम का डच लेखक ‘एरासमस’ प्रमुख था। उसे ‘यूरोप का विद्वान’ कहा जाता था।
  • फिशर ने पंद्रहवी शताब्दी के यूरोप को ‘यूनान की विरासत’ कहा था।
  • शेक्सपियर ने अंग्रेजी भाषा तथा साहित्य को चरमोत्कर्ष तक पहुँचाया। उसके नाटकों में सामंती व मध्यवर्गीय समाज के द्वन्द्व को उभारा गया है।
  • जूलियन हक्सले के अनुसार पुनर्जागरण की कला व्यवसाय द्वारा अर्जित नगरों की सम्पत्ति के कारण सम्भव हुआ।
  • धर्म सुधार आन्दोलन का प्रणेता मार्टिन लूथर का मानना था कि ‘‘जिसने प्रायश्चित कर लिया, उसे तो ईश्वर पहले ही क्षमा कर देता है।’’
  • 1689 ई. में इंग्लैंड की पार्लियामेन्ट ने ‘बिल ऑफ राइट्स’ लागू किया, जिसके द्वारा राजस्व का दैवी सिद्धांत स्वयं ही समाप्त हो गया तथा पार्लियामेन्ट के अधिकारों को वैधानिक स्वरूप प्रदान किया गया।
  • 1682 ई. में पीटर अपने बड़े भाई ईवान के साथ रूस के सिंहासन का वारिश बना। इसने ईवान को अपदस्थ कर गद्दी पर कब्जा किया, जिसे रूस के इतिहास में प्रसिद्ध शासक पीटर महान के रूप में याद किया जाता है।
  • 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति द्वारा मध्य वर्ग ने राजनीतिक ढांचे पर वर्चस्व कायम किया।
  • फ्रांस की क्रांति (1789 ई.) में रूसो का योगदान अविस्मरणीय है। उसने मनुष्य के नैसर्गिक विकास को मान्यता प्रदान की। अपनी पुस्तक ‘एमिले’ में उसने इसी नीति पर शिक्षा देने की बात की। उसने क्रांति की बात नहीं की, लेकिन तत्कालीन व्यवस्था को नकारकर मार्गदर्शन दिया।
  • रूसों ने सभी को स्वतंत्र तथा समान माना। उसका नारा था- समानता, स्वतंत्रता तथा बंधुत्व। उसने ‘सोशल कांट्रैक्स’ में राज्य की उत्पत्ति की परिकल्पना प्रस्तुत की। रूसों ने कहा, ‘‘मनुष्य पहले प्राकृतिक अवस्था में रहता था तथा इसी समाज ने अपने अधिकारों का सबके हित में परित्याग कर समवेत शक्ति गठित की।’’ उसका मानना था कि ‘‘मनुष्य जन्म से स्वतंत्र है, लेकिन प्रत्येक स्थान पर बन्धनों में जकड़ा हुआ है।’’
  • इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति की शुरूआत 1733 ई. में हुई।
  • 1764 ई. में जेम्स वाट ने भाप से चलने वाला इंजन बनाया, जिसके माध्यम से कई कार्य होने लगे। यातायात व्यवस्था में अद्भुद परिवर्तन हुआ। इस दौरान 1733 ई. में जॉन के ने फ्रलांइग शटल का आविष्कार किया।
  • जेम्स हारग्रीव्ज ने 1965 ई. में ‘स्पिनिंग जेनी’ बनाया।
  • रिचार्ड आर्टराइट ने 1767 ई. में पहला पावरलूम बनाया।
  • मेजनी राष्ट्रीय भावनाओं के वाहक के रूप में प्रसिद्ध हुआ। उसे ‘इटली की आत्मा’ भी कहा जाता था।
  • बिस्मार्क मैकियावेली की नीति का समर्थक था। उसने शासन में ‘लौह नीति’ की शुरूआत की।
  • 28 जून, 1914 को आस्ट्रिया के राजकुमार फ्रांसिस फर्डिनेंड की सारायेवो में हत्या के बाद प्रथम विश्वयुद्ध का आगाज हुआ।
  • प्रथम विश्वयुद्ध (1914-18) का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक परिणाम हुआ कि जर्मनी, आस्ट्रिया-हंगरी तथा रूस का साम्राज्य समाप्त हो गया।
  • ब्लादीमीर इल्यिच इलियानोव को विश्व लेनिन नाम से जानती है। 1870 ई. में जन्मे लेनिन ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस में क्रांति का नेतृत्व किया। उसने देश में सर्वहारा क्रांति का प्रथम सफल प्रयोग किया, जिसके अनुसार उत्पादन तथा वितरण पर राज्य का अधिकार था।
  • 1933 ई. में जर्मनी में सत्ता हिटलर के हाथों में आई। उसने साम्यवाद के विरुद्ध दमनकारी कार्यक्रम शुरू किया।
  • मई, 1939 ई. तक जर्मनी, इटली तथा जापान ने ‘पैक्ट ऑफ स्टील’ कर लिया था। इन राष्ट्रों को धुरी राष्ट्र कहा गया।
  • तारेक्टयू को ‘प्रथम राजनीतिशास्त्री’ कहा जाता है। उसने ‘सेपरेशन आफ पॉवर’ सिद्धांत दिया। वह वैधानिक राजतंत्र का पक्षधर था।
  • ‘पर्सियन लेटर्स’ (तत्कालीन फ्रांसीसी समाज) की आलोचना की थी।
  • वाल्टेयर, लाक से प्रभावित था। उसने अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता का समर्थन किया तथा भ्रष्ट एकतंत्र की आलोचना की। ‘लेटर्स ऑन इंग्लैंड’ लेखों की  शृंखला में इसने इंग्लैंड के नियंत्रित राजतंत्र की प्रशंसा की।
  • नेपोलियन ने 1801 ई. में पोप से एक समझौता किया, जिसे कोंकोर्दा कहा जाता है। इसके आधार पर फ्रांस का राजधर्म ‘कैथोलिक’ घोषित किया गया।
  • 1791 ई. में अमेरिका ने ‘बिल ऑफ राइट्स’ की घोषणा की। इसके द्वारा विधि-प्रशासन, चर्च और राज्य के पृथक्करण, भाषण, प्रेस की स्वतंत्रता को मान्यता दी गई।
  • चीन में 1911 ई. की राज्य क्रांति का नेतृत्व डॉ- सनयात सेन ने किया।
  • जापान में 1867 ई. में शोगुन शासन ‘मेईजी पुनर्स्थापना’ की गई, जो आधुनिक जापान के सूत्रपात का युग था।

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