A. 2021 में भारतीय दूरसंचार का परिदृश्य टेलीफोन सब्सक्रिप्शन में वृद्धि: कुल टेलीफोन कनेक्शन सितंबर 2021 में बढ़कर 118.9 करोड़ हो गये, जो मार्च 2014 में 93 करोड़ थे, इस अवधि के दौरान 28% की वृद्धि हुई। सितंबर 2021 में मोबाइल कनेक्शन की संख्या 1165.97 करोड़ तक पहुंच गयी। मार्च 2014 में दूरसंचार-घनत्व 75.23 प्रतिशत था, जो सितंबर 2021 में 86.89 प्रतिशत तक पहुंच गया है। शहरों में टेलीफोन कनेक्शन सितंबर 2021 में बढ़कर 66 करोड़ हो गये, जो मार्च 2014 में 55 करोड़ थे, यानि 20 प्रतिशत की वृद्धि, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्शन में वृद्धि 40 प्रतिशत थी, जो शहरों में दर्ज हुई वृद्धि दर का दोगुना है, ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 के 38 करोड़ से बढ़कर सितंबर 2021 में 53 करोड़ हो गये हैं। ग्रामीण टेलीफोन-घनत्व मार्च 2014 में 44% से बढ़कर सितंबर 2021 में 59% हो गया। इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की पहुंच में उछाल: · इंटरनेट कनेक्शन की संख्या मार्च 2014 के 25.15 करोड़ से बढ़कर जून 2021 में 83.37 करोड़ हो गयी, जो कि 231 प्रतिशत की वृद्धि है। · ब्रॉडबैंड कनेक्शन मार्च 2014 के 6.1 करोड़ से बढ़कर जून 2021 में 79 करोड़ हो गया, जो लगभग 1200 प्रतिशत बढ़ा है। · प्रत्येक ग्राहक के लिये प्रति जीबी वायरलेस डेटा औसत राजस्व प्राप्ति दिसंबर 2014 में 268.97 रुपये से घटकर जून 2021 में 9.8 रुपये पर आ गया, यानि 96% से अधिक की कमी। · प्रति वायरलेस डेटा उपभोक्ता की औसत मासिक डेटा खपत जून 2021 में 22605 प्रतिशत बढ़कर 14 जीबी हो गई, जो मार्च 2014 में 61.66 एमबी थी। बीटीएस और टावर्स में वृद्धि: · मोबाइल बेस ट्रान्सीवर स्टेशनों (बीटीएस) की संख्या 2014 में 8 लाख से बढ़कर 2021 में 23 लाख हो गयी, जो कि 187 प्रतिशत की बढ़त है। · मोबाइल टावरों की संख्या 2014 के 4 लाख से बढ़कर 2021 में 6.6 लाख हो गयी, इसमें 65% की वृद्धि हुई। एफडीआई में वृद्धि: दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2002 से 2014 के बीच के 62,386 करोड़ रु से बढ़कर 2014-2021 के दौरान 1,55,353 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, यानि 2002-2014 से 2014-2021 के बीच 150 प्रतिशत की बढ़त। (B) दूरसंचार सुधार (i) 15.9.2021 को घोषित दूरसंचार सुधार: दूरसंचार उद्योग के सामने आर्थिक समस्याओं और नकदी, तर्कसंगत शुल्क, समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) और स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण जैसे मुद्दों पर चुनौतियों को देखते हुए, सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र में कई संरचनात्मक और प्रक्रिया से जुड़े सुधारों को मंजूरी दी है। (a) संरचनात्मक सुधार 1. तर्कसंगत एजीआर: दूरसंचार से अलग आय को भावी आधार पर एजीआर की परिभाषा से बाहर रखा जाएगा। 2. बैंक गारंटी (बीजी) तर्कसंगत बनी: लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और अन्य समान शुल्क के प्रति बीजी आवश्यकताओं (80 प्रतिशत) में भारी कमी। देश में विभिन्न लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों (एलएसए) में एक से अधिक बीजी की कोई आवश्यकता नहीं। इसकी जगह, एक बीजी पर्याप्त होगा। 3. तर्कसंगत हुई ब्याज दरें/दंड हटाया गया: 1 अक्टूबर, 2021 से, लाइसेंस शुल्क (एलएफ)/स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के भुगतान में देरी पर एसबीआई के एमसीएलआर पर 4 प्रतिशत अतिरिक्त के स्थान पर एमसीएलआर पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगेगा. ब्याज मासिक के बजाय सालाना संयोजित होगा; जुर्माने पर जुर्माना और ब्याज हटाया गया। 4. अब से आयोजित होने वाली नीलामी के लिये, किश्त भुगतान प्राप्त करने में किसी बीजी की आवश्यकता नहीं होगी। उद्योग अब परिपक्व हो गये हैं और पहले चल रही बीजी प्रथा की अब आवश्यकता नहीं है। 5. स्पेक्ट्रम की अवधिः भविष्य की नीलामी में स्पेक्ट्रम की अवधि 20 से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गयी। 6. भविष्य की नीलामी में हासिल किये गये स्पेक्ट्रम में 10 साल बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने की अनुमति होगी। 7. भविष्य की स्पेक्ट्रम नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) नहीं। 8. स्पेक्ट्रम शेयरिंग को प्रोत्साहन- स्पेक्ट्रम शेयरिंग के लिए 0.5% का अतिरिक्त एसयूसी हटाया गया। 9. निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये, दूरसंचार क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है। सुरक्षा से जुड़े सभी उपाय लागू होंगे। (b) प्रक्रियात्मक सुधार 10. नीलामी कलैण्डर निर्धारित – स्पेक्ट्रम नीलामी सामान्यत प्रत्येक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में आयोजित की जाती है। 11. कारोबार में सुगमता को बढ़ावा – वायरलेस उपकरणों के लिए 1953 के सीमा शुल्क अधिसूचना के तहत लाइसेंस की बोझिल आवश्यकता को हटा दिया गया। इसे स्व-घोषणा के साथ बदला गया। 12. अपने ग्राहकों को जानें (केवाईसी) सुधार: स्व-केवाईसी (ऐप आधारित) की अनुमति । ई-केवाईसी दर संशोधित कर केवल एक रुपये की गयी। प्रीपेड से पोस्ट-पेड या पोस्टपेड से प्रीपेड स्थानांतरण के लिए नए केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी। 13. पेपर कस्टमर एक्विजिशन फॉर्म (सीएएफ) को डेटा के डिजिटल स्टोर से बदल दिया जाएगा। टीएसपी के विभिन्न गोदामों में पड़े लगभग 300-400 करोड़ पेपर सीएएफ की आवश्यकता नहीं होगी। सीएएफ के वेयरहाउस ऑडिट की आवश्यकता नहीं होगी। 14. दूरसंचार टावरों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आवंटन पर स्थायी सलाहकार समिति (एसएसीएफए) मंजूरी में ढील दी गयी। दूरसंचार विभाग स्व-घोषणा के आधार पर पोर्टल पर आंकड़े स्वीकार करेगा। अन्य एजेंसियों के पोर्टल (जैसे नागरिक उड्डयन) को डीओटी पोर्टल से जोड़ा जाएगा। (c) दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की नकदी आवश्यकताओं का समाधान सरकार ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के लिए निम्नलिखित कदमों को मंजूरी दी: 15. एजीआर पर फैसले के बाद सामने आने वाली देय राशि के वार्षिक भुगतान में चार साल तक का मोराटोरियम /विलम्बन, हालांकि, देय के शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) को संरक्षित करके रकम को सुरक्षित रखा जा रहा है। 16. पिछली नीलामियों (2021 की नीलामी को छोड़कर) में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के देय भुगतान पर संबंधित नीलामियों में निर्धारित ब्याज दर पर संरक्षित एनपीवी के साथ चार साल तक के लिए मोराटोरियम/विलम्बन। 17. टीएसपी को भुगतान को विलम्बित करने की वजह लगने वाले ब्याज राशि का भुगतान इक्विटी के माध्यम से करने का विकल्प। 18. सरकार के पास विकल्प है कि वह मोराटोरियम/विलम्बन अवधि के अंत में विलम्बित राशि से संबंधित देय रकम का भुगतान इक्विटी के माध्यम से भुगतान में परिवर्तित कर सकती है। C. परियोजनाएं और पहल (i) भारतनेट के माध्यम से गांवों में सेवाओं का वितरण – 2021 में प्रगति: · देश में सभी ग्राम पंचायतों (लगभग 2.6 लाख ग्राम पंचायतों) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए फ्लैगशिप भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। पहला चरण दिसंबर 2017 में पूरा हो गया है जिसमें 1 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को शामिल कर लिया गया है। · 2021 (01.1.2021 से 31.10.2021) में, कुल 17,232 ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया गया है, जिनमें से 16,344 जीपी ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये और 888 जीपी सैटेलाइट मीडिया के जरिये जोड़े गये हैं। · 01.11.2021 की स्थिति के अनुसार, भारतनेट चरण- द्वितीय के तहत जोड़ी जाने वाली शेष ग्राम पंचायतों में से कुल 1,79,247 ग्राम पंचायतों को 5,52,514 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाकर जोड़ा जा चुका है, जिनमें से 1 61,870 ग्राम पंचायत सेवा के लिए तैयार हैं। · इसके अलावा, 4218 ग्राम पंचायतों को उपग्रह के माध्यम से जोड़ा गया है जिससे कुल सेवा के लिए तैयार जीपी की संख्या 1,66,088 हो गयी है। · माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 15 अगस्त 2020 को की गयी घोषणा के अनुसार भारतनेट का दायरा अब देश के सभी गांवों तक बढ़ा दिया गया है। · 30.06.2021 को, सरकार ने देश के 16 राज्यों में लगभग 3.61 लाख गांवों (1.37 लाख ग्राम पंचायतों सहित) को शामिल करते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से भारतनेट के कार्यान्वयन के लिए एक संशोधित रणनीति को मंजूरी दी। (ii) एलडब्लूई प्रभावित हिस्सों में मोबाइल टावर की स्थापना: लेफ्ट विंग उग्रवाद (एलडब्लूई) प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये, सरकार ने इस परियोजना के पहले चरण के तहत 2343 स्थानों पर मोबाइल टावर स्थापित किए हैं और ये टावर मोबाइल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत, सरकार ने 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए 2542 टावरों की स्थापना को मंजूरी दी है और इस परियोजना पर कार्य जारी है। (iii) मोबाइल सेवाओं से दूर 354 गांवो में से 210 गांवों को कनेक्टिविटी मिली: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, सरकार ने 354 गांवों को जोड़ने की योजना बनाई है। अक्टूबर 2021 तक, लगभग 210 गांवों को मोबाइल सेवाओं से कवर कर लिया गया है। […]
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