खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ खेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप माननीय रेल मंत्री ने भारतीय रेल के पहलवानों को जल्द से जल्द अत्याधुनिक कुश्ती अकादमी उपलब्ध कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। रेलवे में विश्व स्तरीय कुश्ती अकादमी स्थापित करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए दिल्ली के किशनगंज में लगभग 30.76 करोड़ रूपये की लागत से एक परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह रेलवे के लिए एक और उपलब्धि होगी।
विशेष रूप से कुश्ती के लिए स्थापित यह अकादमी उन्नत प्रशिक्षण सुविधाओं से युक्त देश की सबसे बड़ी अकादमी होगी। आने वाले समय में यह अकादमी कई नए पहलवानों को चैंपियन बनने का अवसर प्रदान करेगी।
भारतीय रेल ने भारत में कुश्ती को बढ़ावा देने में एक उच्च स्तर की भूमिका निभाई है और अधिकांश प्रख्यात पहलवान रेलवे से ही हैं। भारत के लिए ओलंपिक की कुश्ती प्रतिस्पर्धा में भारतीय रेल के सुशील कुमार (2008 व 2012), साक्षी मलिक (2016), रवि कुमार और बजरंग पूनिया (2020) ने अधिकांश पदक जीते हैं।
हालिया टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय रेल के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अभूतपूर्व रहा। भारत के जीते गए 7 पदकों में से 3 व्यक्तिगत पदक मीराबाई चानू (भारोत्तोलन में रजत), रवि कुमार (कुश्ती में रजत), बजरंग पूनिया (कुश्ती में कांस्य) और कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी पुरुष टीम में दो खिलाड़ी भारतीय रेल से थे।
रेलवे खेलकूद संवर्द्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के जरिए भारतीय रेल बड़े पैमाने पर देश में खेलों को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रही है। रेलवे ने विभिन्न प्रोत्साहनों के साथ नौकरी की सुरक्षा देकर बड़ी संख्या में खिलाड़ियों की सहायता की है। वर्तमान में भारतीय रेल में 29 खेलों में 9000 से अधिक खिलाड़ी रोल पर हैं। रेलवे के खिलाड़ियों ने ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों आदि जैसे सभी प्रमुख खेल आयोजनों में देश के लिए गौरव प्राप्त किया है। उत्कृष्ट खेल की उपलब्धियों के लिए रेलवे के खिलाड़ियों को कुल 27 पद्मश्री, 176 अर्जुन, 12 ध्यानचंद, 14 द्रोणाचार्य और 9 मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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