राष्ट्रपति के फ्लीट रिव्यू 2022 (पीएफआर 2022) के तहत समुद्री यात्रा परेड गतिविधियों के हिस्से के रूप में छह महासागरीय भारतीय नौसेना नौकायन पोत (आईएनएसवी) महादेई, तारिणी, बुलबुल, हरियाल, कदलपुरा और नीलकंठ गोवा से विशाखापत्तनम पहुंचे हैं। ये सभी छह जहाज दक्षिणी नौसेना कमान के तहत गोवा के आईएनएस मंडोवी में महासागरीय नौकायन नोड का हिस्सा हैं और इन्हें नौसेना, अंडमान निकोबार कमान तथा रक्षा मंत्रालय के आईएचक्यू (नौसेना) में तीन कमानों से लिए गए नौसेना अधिकारियों द्वारा संचालित किया जा रहा है। चालक दल में छह महिला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
यह अभियान 12 जनवरी, 2022 को गोवा से शुरू हुआ था। नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के आईएचक्यू (एन), स्थित भारतीय नौसेना नौकायन संघ (आईएनएसए) के तत्वावधान में गोवा से विशाखापत्तनम तक आईएनएसवी द्वारा 1600 नॉटिकल मील (लगभग 3000 किलोमीटर) का मार्ग तय किया गया है।
इन पोतों का उपयोग भारतीय नौसेना द्वारा समुद्री नौकायन के लिए किया जाता है। समुद्री यात्राओं के लिए चालक दल का चयन पर्याप्त समुद्री नौकायन अनुभव वाले स्वयंसेवकों में से होता है। समुद्री नौकायन एक अत्यंत कठिन साहसिक कार्य है। भारतीय नौसेना नौवहन, संचार, इंजन और जहाज पर मशीनरी के तकनीकी कौशल, इनमारसैट उपकरण के संचालन, रसद योजना आदि सहित सभी आवश्यक नाविक कौशल का सम्मान करते हुए साहस की भावना पैदा करने तथा जोखिम लेने की क्षमता बढ़ाने में समुद्री नौकायन नौकाओं का उपयोग करती है। यह भारतीय नौसेना की क्षमता को भी बढ़ाता है। सागरीय परिक्रमा और केप टाउन से रियो दी जनेरियो दौड़, आईओएनएस नौकायन अभियान आदि जैसे नौकायन कार्यक्रमों में भाग लेकर भारतीय नौसेना दुनिया भर में अपनी सौम्य उपस्थिति को प्रदर्शित करती है।
इससे पहले, महादेई ने वर्ष 2010 में कैप्टन दिलीप डोंडे और 2013 में कमांडर अभिलाष टॉमी के साथ एकल परिनौचालन ‘सागर परिक्रमा‘ की है। उन्होंने साल 2011, 2014 और 2017 में केप टाउन से रियो दी जनेरियो रेस में भी हिस्सेदारी की है।
तारिणी ने साल 2017 में सभी महिला अधिकारियों के दल के साथ वैश्विक ‘नाविक सागर परिक्रमा‘ का परिनौचालन किया है।
आईएनएसवी के मार्च के अंत तक गोवा लौटने की योजना है।
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