- एक अलग राज्य के रूप में उत्तराखण्ड 9 नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया। इससे पूर्व यह उत्तर प्रदेश राज्य का एक भाग था।
- अलग राज्य उत्तराखण्ड की मांग 25 अगस्त, 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के पारित होने के साथ पूर्ण हुई। गठन के समय इसका नाम उत्तरांचल रखा गया; जो 21 दिसम्बर, 2006 को उत्तरांचल (नाम परिवर्तन) अधिनियम, 2006 के पारित होने पर परिवर्तित होकर उत्तराखण्ड हो गया तथा भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 29 दिसम्बर, 2006 के अनुसार 1 जनवरी, 2007 से प्रभावी हो गया।
- नव गठित राज्य उत्तराखण्ड हिमालय के सघन वन, ऊॅचे पहाड़ों तथा सुन्दर घाटियों के बीच स्थित है। यह राज्य हिमालय की तराई और भाभर की प्राकृतिक सुंदरता एवं संपन्नता के लिए मशहूर है। तिब्बत का स्वायत्त क्षेत्र राज्य के उत्तर में स्थित है।
- राज्य में 13 जिले यथा देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत तथा पिथौरागढ़ हैं।
- राज्य गठन के समय अनन्तिम विधान सभा में 30 सदस्य थे, जिसमें से 22 सदस्य उत्तर प्रदेश विधान सभा से तथा 8 सदस्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद् से थे।
- उत्तराखण्ड विधान सभा की 70 सीटों के लिए प्रथम आम चुनाव फरवरी 2002 में हुआ तथा एक सदस्य आंग्लभारतीय समुदाय से नामित किया गया। इस प्रकार विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 71 हो गयी।
- उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थानों और पूजन स्थल होने के कारण इस उत्तराखंड को ‘देव भूमि’ या ‘भगवान की भूमि’ भी कहा जाता है। इसे भक्ति और तीर्थयात्रा के लिए सबसे पवित्र और अनुकूल स्थान माना जाता है।
- देहरादून राज्य की राजधानी है और उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर है। उत्तराखंड की हाईकोर्ट नैनीताल में है, जो राज्य का एक और महत्वपूर्ण शहर है। हस्तशिल्प और हथकरघा राज्य के दो प्रमुख उद्योग हैं। यह चिपको आंदोलन की उत्पत्ति के लिए भी मशहूर हैं।
- उत्तराखंड का इतिहास इसके गौरवपूर्ण अतीत का गीत गाता है।
- इसकी उत्पत्ति और विकास का लंबा इतिहास रहा है, जिसमें कई महान राजाओं और सम्राज्यों की झलकियां हैं – जैसे कुशान, कुडिना, कनिष्क, समुद्रगुप्त, कटुरिया, पलास, चंद्र और पवार।
- उत्तराखंड का संदर्भ कई हिंदू पुराणों में मिलता है, लेकिन इसके इतिहास को सबसे अच्छे तरीके से गढ़वाल और कुमाउं के इतिहास के माध्यम से समझा जा सकता है।
भूगोल
- भौगोलिक दृष्टि से यह राज्य कुल 53,483 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में 28’43 से 31’27’ उ. अक्षांश तथा 71’34 से 81’02‘ पू. देशान्तर के मध्य अवस्थित है।
- इसकी सीमा में पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण में उत्तर प्रदेश तथा अन्तर्राष्ट्रीय सीमायें उत्तर पूर्व में हैं, जो नेपाल तथा चीन से मिलती हैं।
- उत्तराखंड में 13 जिले हैं : पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, उत्तर काशी, उधम सिंह नगर, चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार।
- राज्य का कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। राज्य का ज्यादातर क्षेत्र पहाड़ों और जंगलों से घिरा है। उत्तराखंड की विशिष्ट वनस्पतियों और जीव जंतुओं में स्नो लेपर्ड, भरल, बाघ, तेंदुए और असामान्य झाडि़यां और पेड़ शामिल हैं।
- भारत की दो बड़ी नदियां यमुना और गंगा के उद्गम स्थान राज्य में ही हैं।
- जनसांख्यिकी
उत्तराखंड राज्य का कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड की आबादी 1,00,86,292 है। - पिछली जनगणना के मुकाबले यह वृद्धि दर 19.17 प्रतिशत की थी।
- यहां पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 1000:963 है।
- उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व 189 प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- राज्य की साक्षरता दर 79.63 प्रतिशत है।
जिले जनसंख्या विकास दर लिंगानुपात साक्षरता क्षेत्र (वर्ग किमी) घनत्व (प्र.व.किमी)
1 अल्मोड़ा 622506 -1.28% 1139 80.47 3090 198
2 बागेश्वर 259898 4.18% 1090 80.01 2310 116
3 चमोली 391605 5.74% 1019 82.65 7692 49
4 चम्पावत 259648 15.63% 980 79.83 1781 147
5 देहरादून 1696694 32.33% 902 84.25 3088 550
6 हरिद्वार 1890422 30.63% 880 73.43 2360 817
7 नैनीताल 954605 25.13% 934 83.88 3853 225
8 पौड़ी गढ़वाल 687271 -1.41% 1103 82.02 5438 129
9 पिथौरागढ़ 483439 4.58% 1020 82.25 7110 69
10 रूद्रप्रयाग 242285 6.53% 1114 81.3 1896 119
11 टिहरी गढ़वाल 618931 2.35% 1077 76.36 4085 169
12 ऊधमसिंह नगर 1648902 33.45% 920 73.1 2912 648
13 उत्तरकाशी 330086 11.89% 958 75.81 7951 41
अर्थव्यवस्था
- कृषि उत्तराखंड की अर्थव्यस्था का महत्वपूर्ण आधार है। चावल, सोयाबीन, गेंहू, मूंगफली, दालें, मोटे अनाज और तिलहन यहां मुख्य फसलें हैं।
- सेब, नाशपाति, संतरा, आडू, प्लम और लीची व्यापक तौर पर उगाए जाते हैं और खाद्य उद्योग का महत्वपूर्ण भाग हैं।
- राज्य की प्रमुख नगदी फसल गन्ना है।
- राज्य पर्यटन का एक बड़ा केंद्र हैं।
संस्कृति
- उत्तराखंड के समाज को वहां की जीवनशैली, रिवाजों और परंपराओं से समझा जा सकता है। कुमाउं और गढ़वाल के इलाके के विभिन्न जातीय समूहों का यह विषम मिश्रण है।
- इस राज्य में रहने वाले ज्यादातर लोग हिंदू और बौद्ध धर्म से हैं। कुछ लोग सिख धर्म से भी हैं, जो सन् 1947 में पश्चिमी पंजाब से पलायन कर उत्तराखंड में आकर बस गए थे।
- यह क्षेत्र नृत्य जीवन और मानव अस्तिव से जुड़ा है, जो अनगिनत मानवीय भावनाएं दर्शाता है। संगीत उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग है। यहां के लोकप्रिय लोक गीतों में बसंती, मंगल, खुदेद और चैपाटी हैं।
- स्थानीय शिल्प में लकड़ी की नक्काशी प्रमुख है।
- हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा कुंभ मेला हरिद्वार में होता है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन माना जाता है।
- राज्य के अन्य महत्वपूर्ण उत्सवों में घी संक्राति, वट सावित्री, खतरुआ, फूल देई, हरेला मेला, नंदा देवी मेला आदि शामिल हैं।
भाषाएं
- उत्तराखंड की दो प्रमुख क्षेत्रीय भाषाएं गढ़वाली और कुमाउंनी हैं, लेकिन हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। गढ़वाल और कुमाउं क्षेत्र में क्रमशः गढ़वाली और कुमाउंनी भाषाएं बोली जाती हैं।
- पश्चिम और उत्तर में कुछ आदिवासी समुदाय जौनसारी और भोटिया बोलियां बोलते हैं। वहीं दूसरी ओर शहरी आबादी ज्यादातर हिंदी भाषा बोलती है, जो कि संस्कृत के साथ साथ उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
पर्यटनउत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थानों में हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, अल्मोड़ा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, जिम कार्बेट नेशनल पार्क नैनीताल, रानीखेत और पिथौरागढ़ हैं।