शालीमार बाग के स्कूल और बुजुर्गों के मनोरंजन केंद्र को बेचने की तैयारी में भाजपा शासित एमसीडी

दैनिक समाचार
  • बीजेपी एमसीडी पहले भी शालीमार बाग के एक स्कूल को बेच चुकी है, अब एक और स्कूल को अपने नेताओं को बेचने का प्रस्ताव ला रही है- दुर्गेश पाठक
  • दिल्ली के बुजुर्गों के मनोरंजन केंद्र को बेचने का प्रस्ताव लाकर बीजेपी एमसीडी ने अपना बुजुर्ग विरोधी चेहरा दिखाया है- दुर्गेश पाठक
  • यह लोग ज़मीनों को एनजीओ के नाम करने का दावा करते हैं, जबकी वह एनजीओ भी बीजेपी के लोगों के होते हैं- दुर्गेश पाठक
  • आम आदमी पार्टी बीजेपी एमसीडी के दोनों प्रस्तावों का कड़ा विरोध करती है- दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली: 24 फरवरी 2022

‘आप’ प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी एमसीडी ने कुछ दिनों पहले ही शालीमार बाग के एक स्कूल की ज़मीन को बेचा था, अब एक और स्कूल को अपने नेताओं को बेचने का प्रस्ताव ला रही है। इसके साथ ही एक एनजीओ, जो बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए है, उसे भी बेचने का प्रस्ताव है। दिल्ली के बुजुर्गों के मनोरंजन केंद्र को बेचने का प्रस्ताव लाकर बीजेपी एमसीडी ने अपना बुजुर्ग विरोधी चेहरा दिखाया है। दुर्गेश पाठक ने कहा कि यह लोग ज़मीनों को एनजीओ के नाम करने का दावा करते हैं, जबकी वह एनजीओ भी बीजेपी के लोगों के होते हैं। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के दोनों प्रस्तावों का कड़ा विरोध किया है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि चुनाव में अब मुश्किल से 1-1.5 महीने का वक्त बचा है। बताया जा रहा है कि अप्रैल के महीने में एमसीडी का चुनाव है। पिछले 15 सालों से बीजेपी एमसीडी में काबिज है। हमने आपको बताया कि किन-किन तरीकों से इन्होंने समय-समय पर हर विभाग के हर प्रॉजेक्ट में पैसे खाए। उसका नतीजा यह निकला कि पूरी दिल्ली गंदी है। दिल्ली के कोने-कोने में आपको सिर्फ कूड़ा मिलेगा। एक बहुत ही दिलचस्प बात देखने को मिली कि पिछले 5-6 महीनों से यह एमसीडी की ज़मीने बेचने लगे हैं। चूंकि, एमसीडी में अब कुछ बचा नहीं है, अब सिर्फ ज़मीनें ही बची हैं, तो बीजेपी ने एमसीडी की ज़मीने बेचना शुरू कर दिया।

करोलबाग की ज़मीन हो या दिल्ली की ऐतिहासिक ज़मीनें हों, इन्होंने लगभग हर ज़मीन बेच दी जो एमसीडी के हिस्से में आती है। हमने कई बार जनता को इसके बारे में बताया, हमने प्रदर्शन किया, यहां तक कि जेल में बंद होना पड़ा। वहीं बीजेपी कहती रही कि इसके बाद से ऐसा नहीं होगा, अब हम ऐसा नहीं करेंगे। इनकी स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग होनी है, जिसमें शालीमार बाग के स्कूल की ज़मीन को बेचने का प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। हमने पहले भी बताया था कि शालीमार बाग का एक स्कूल एमसीडी पहले ही बेच चुकी है। शालीमार बाग में एक और स्कूल की ज़मीन है, अब उसे भी बेचने जा रहे हैं।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज दिल्ली सरकार नए स्कूल बनाने में लगी है। आज दिल्ली सरकार नई-नई चीजें इजात करने में लगी है कि कैसे बच्चों को अच्छी-से अच्छी शिक्षा मिले। लेकिन बीजेपी शासित एमसीडी स्कूलों को बेचने में लगी है। इसके बाद यूवी ब्लॉक में एक ज़मीन है, यह लोग उसे अपने नेताओं को पार्किंग के लिए बेचने जा रहे हैं। एक एनजीओ है, जो कि वृद्ध लोगों के मनोरंजन के लिए है। उसे भी बीजेपी एमसीडी अपने लोगों को बेचने पर उतारू हो गई है। मतलब यह लोग सिर्फ स्कूल ही नहीं बल्कि बुजुर्गों का घर भी छीन रहे हैं। ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने यह मान लिया है कि अब उन्हें एमसीडी में वापस नहीं आना है। इसलिए दिल्ली की बची-कुची ज़मीनों को भी बेचने का काम शुरू कर दिया है।

एमसीडी के प्रस्ताव का विरोध करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमने आपको बताया कि कैसे यह लोग ज़मीनों को एनजीओ के नाम करने का दावा करते हैं, जबकी वह एनजीओ भी बीजेपी के लोगों के होते हैं। हमने आपको बताया कि कैसे वज़ीरपुर की एक पार्षदा ने अपने ही पति के एनजीओ के नाम पर ज़मीन दे दी। इसी तरह से अब मुझे पता चला है कि अगले 10-12 दिनों में एमसीडी के स्कूल और बुजुर्गों के मनोरंजन केंद्र को भाजपा के पार्षद या नेता या उनके रिश्तेदार खरीदने की कोशिश में हैं। आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है। मैं सभी अधिकारियों से एक ही बात कहना चाहता हूं कि आप इनका साथ ना दें। मुझे पता है कि आप लोगों पर इनका दबाव है और इनका साथ देना आपकी मजबूरी है। फिर भी मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि मानवता के नाते, दिल्ली वालों की खातिर बीजेपी के भ्रष्टाचार का साथ ना दें। यह लोग 10-15 दिनों के महमान रह गए हैं। इसके बाद इन सबको जेल में जाना है। इसके बाद इन सभी ज़मीनों के मामलों की जांच होगी, बीजेपी के भ्रष्टाचार की जांच होगी। आम आदमी पार्टी इन दोनों प्रस्ताव का पुरजोर तरीके से विरोध करती है।

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