क्या आप यह बात जानते हैं कि 2009 में भारत के विदेश मंत्रालय ने आपदा और युद्ध की स्थिति में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एक फंड बनाया था? इस फंड का नाम है इंडियन कम्युनीटी वेलफेयर फंड ICWF, यह फंड भारतीयों के लिए ही है। जब आप दूतावास या पासपोर्ट कार्यालय से दस्तावेज़ बनाते हैं तो इस फंड के लिए शुल्क लिया जाता है। यानी विदेशों में रहने वाली भारत की जनता के पैसे से ही यह फंड बना है। जिसके लिए वह दो या तीन डॉलर देती है। तो उसका हक बनता है कि इस पैसे से आपदा या युद्ध की स्थित में सरकार किराए पर विमान लेकर मुफ्त में सुविधा दे, नहीं तो यह पैसा किस काम का है। इसका इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ? कोविड के समय 44 करोड़ खर्च कर वाहवाही क्यों लूटी गई थी, अब जब देरी हुई है और सरकार सोती हुई पकड़ी गई है तो छात्रों पर ही हमला किया जा रहा है।
पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में भारत सरकार ने बताया है कि ICWF के पास 474 करोड़ का फंड है।