दिल्ली के हर बच्चे को वर्ल्ड-क्लास क्वालिटी एजुकेशन देकर उन्हें इमोशनल-मेंटल-प्रोफेशनल रूप से सक्षम बना रही है केजरीवाल सरकार:- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
केजरीवाल सरकार का माइंडसेट करिकुलम देश को दिखाएगा तरक्की की राह, नए युग के लीडर्स करेगा तैयार- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा में किए गए शानदार कामों व शिक्षकों के सशक्तिकरण की बदौलत कोरोना के मुश्किल दौर में भी नही रुकी बच्चों की शिक्षा – उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने थिंक-एडु कॉन्क्लेव 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर की चर्चा
08 मार्च, नई दिल्ली
“हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन देकर देश में एनईपी 2020 के लक्ष्यों को पाने के लिए देश की सभी सरकारों को शिक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करना होगा|“ उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बातें मंगलवार को “थिंक-एडु कॉन्क्लेव” के दौरान शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) और इसे लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर बच्चे को वर्ल्ड-क्लास क्वालिटी एजुकेशन देकर उन्हें इमोशनल-मेंटल-प्रोफेशनल रूप से सक्षम बना रही है| आज दिल्ली के शिक्षा मॉडल की पूरे देश में चर्चा है और यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शिक्षा को लेकर विज़न व उसे प्राथमिकता देने का नतीजा है| उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन का बेंचमार्क स्थापित करने पर फोकस किया है| हमनें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड-क्लास बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग देने और बच्चों में ग्रोथ माइंडसेट डेवलप करने पर काम किया है| और इसके लिए हमने हर साल अपने बजट का लगभग 25% शिक्षा को आवंटित किया| उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने से पहले तक, एजुकेशन कभी भी चुनावों का एजेंडा नहीं था लेकिन अब हर राज्य एक ऐसी सरकार चाहती है जो शिक्षा क्षेत्र में तरक्की लाने का काम कर सके और अब तो राजनीतिक दल भी शिक्षा को प्राथमिकता देने लगे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली सरकार के सभी स्कूल स्टेट-ऑफ़-आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस है जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, लैब, कंप्यूटर लैब, मोंटेसरी लैब और विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं शामिल हैं। और ये शिक्षा को प्राथमिकता देने से हुआ है| इसके अलावा दिल्ली सरकार ने टीचर-ट्रेनिंग और माइंडसेट करिकुलम पर भी व्यापक रूप से काम किया। हमने यह सुनिश्चित किया कि हमारे टीचर्स दुनिया की बेस्ट एजुकेशन सिस्टम को जानें और उनसे सीखें। इसके लिए उन्हें आईआईएम, एनआईई सिंगापुर, कैम्ब्रिज, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी आदि जैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख एक्सपोज़र विजिट के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया| इन एक्सपोजर ने टीचर्स में छात्रों और अभिभावकों के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदला और उनके प्रोफेशनल स्किल्स को बेहतर किया है। इसके अतिरिक्त केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की है जो शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में टीचर्स यूनिवर्सिटी की शुरुआत की है जो टीचर-एजुकेशन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा और एक वैश्विक संस्थान के रूप में उभरेगा। इस विश्वविद्यालय के माध्यम से हमारा उद्देश्य न केवल इन-हाउस सिस्टम को मजबूत करना है, बल्कि इच्छुक शिक्षकों को नियमित पाठ्यक्रमों के साथ-साथ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणालियों से सीखने का एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इससे हमें शिक्षकों को नए युग के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के माइंडसेट करिकुलम के बारे में साझा करते हुए, श्री सिसोदिया ने कहा कि यह केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। हमारे तीन पाठ्यक्रम- हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम का उद्देश्य स्कूली स्तर से ही बच्चों में सोशल,इमोशनल और प्रोफेशनल क्षमताओं को विकसित करना है। जहां हैप्पीनेस पाठ्यक्रम का उद्देश्य सेल्फ-अवेयरनेस, सेल्फ-मैनेजमेंट, सोशल-अवेयरनेस, डिसिशन मेकिंग व रिलेशनशिप स्किल्स जैसी क्षमताओं को विकसित करना है; EMC उन्हें जोखिम लेने वाले और भविष्य के लीडर्स बनने के लिए तैयार करती है। जबकि, देशभक्ति करिकुलम का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के बीच देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करना है। इन प्रयासों को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा भी मिली है। ये करिकुलम बच्चों को राष्ट्र के विकास में योगदान करने के लिए तैयार करेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति दिल्ली सरकार के दृष्टिकोण की बात करते हुए, उन्होंने कहा, वर्षों से, भारत में कई शिक्षा नीतियां बनाई गई हैं, लेकिन उन्हें कभी भी ठीक से लागू नहीं किया गया है। सभी नीतियों में स्टूडेंट्स व टीचर्स के बीच सामंजस्य, सोशल-इमोशनल वेलबींग और नए करिकुलम की बात की गई थी, लेकिन राज्य या केंद्र सरकार में से किसी ने भी इस तरह की चीजों को जमीनी स्तर पर लागू करने पर काम नहीं किया। आज भारत में एनईपी 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने और हर बच्चे को क्वालिटी देने के लिए सरकारों को फोकस्ड व समर्पित दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत है| अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पहले ही इस दिशा में कदम उठा चुकी है और इसका उद्देश्य शिक्षा, विशेष रूप से सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलना है। हमारे अब तक के प्रयासों ने सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के प्रति आम लोगों को नए विकल्प देकर उनका विश्वास बढ़ाने में मदद की है| भविष्य में क्वालिटी एजुकेशन के मानकों को बनाए रखने के साथ-साथ, केजरीवाल सरकार असेसमेंट सिस्टम में बदलाव लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए एक नया बोर्ड बनाया गया है, जो तीन घंटे की परीक्षा के बजाय साल भर छात्रों के आकलन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एजुकेशन सिस्टम के महत्वपूर्ण घटकों जैसे बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी मोर्चे पर शिक्षकों के प्रशिक्षण में शुरुआती निवेश के माध्यम से दिल्ली सरकार को महामारी के समय में भी हर बच्चे की शिक्षा जारी रखने में मदद मिली है। और अब जब स्कूल खुल गए हैं, हम सरकारी स्कूलों में प्रत्येक बच्चे के इमोशनल व लर्निंग-लेवल के असेसमेंट पर फोकस कर रहे है जो उनके पढ़ाई में हुए नुकसान को क्कम करने में मदद करेगा।