- चुनाव आयोग को डराने वाली भाजपा को चुनौती देता हूं कि यदि “आप” से डर नहीं है तो हफ्ते भर में चुनाव की घोषणा करो- गोपाल राय
- पंजाब की ऐतिहासिक जीत के बाद किसी को उम्मीद नहीं थी कि आज दिल्ली के लोगों को एमसीडी चुनाव के लिए आंदोलन करना पड़ेगा- गोपाल राय
- भाजपा निगम चुनाव टालने की कितनी भी कोशिश कर ले, आखिर में नतीजा शून्य ही रहेगा – पंकज गुप्ता
- भाजपा को डर था कि जिस तरह से दिल्ली विधानसभा में हमारी 62 सीटें आई थीं, पंजाब में 92 सीटें आईं, उसी तरह एमसीडी में भी 250 से अधिक सीटें आने वाली हैं- आतिशी
- हमें एमसीडी के एकीकरण से नहीं, बल्कि चुनाव स्थगित कराने से समस्या है, एमसीडी का एकीकरण चुनाव के बाद भी संभव- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 14 मार्च 2022
राज्य निर्वाचन आयोग को डरा-धमका कर एमसीडी चुनाव टलवाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने आज भाजपा कार्यालय का घेराव कर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि आज के बाद दिल्ली में हमें इस लड़ाई को अलग-अलग तरीके के जारी रखना है। आगे हम कार्यक्रम बनाएंगे और पूरी दिल्ली की जनता को बताएंगे कि भाजपा एमसीडी चुनाव में अपनी निश्चित पराजय से किस तरह डर रही है। ‘आप’ के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा कि जब अपने 15 सालों के कारनामो का नतीजा देखने का समय आया तो वे डर गए हैं। ‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि यह भाजपा की तानाशाही की शुरुआत है। इस तानाशाही का पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करेगी। “आप” के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी के सभी पार्षदों और नेताओं ने तय किया है कि किसी तरह से मोदी जी और अमित शाह से बात करके चुनाव स्थगित हो तो हमें जेब भरने के लिए 6 महीने का और वक्त मिल जाएगा।
इससे पहले, ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ‘आप’ के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक, राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता और विधायक आतिशी ने प्रदर्शन को संबोधित किया। इस दौरान विधायक कुलदीप कुमार, तीनों एमसीडी के एलओपी विकास गोयल, प्रेम चौहान और मनोज त्यागी भी मौजूद रहे। इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने विशाल प्रदर्शन करते हुए भाजपा मुख्यालय को घेर लिया। यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा।
“आप” के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि पंजाब की ऐतिहासिक जीत के बाद किसी को अनुमान नहीं था कि आज पूरी दिल्ली के लोगों को एमसीडी का चुनाव कराने के लिए आंदोलन करना पड़ेगा। शायद, अगर उस दिन चुनाव आयोग की प्रेसवार्ता हो गई होती तो आज हम एमसीडी चुनाव के लिए नामांकन की तैयारी कर रहे होते। पूरे देश को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी भाजपा चुनाव आयोग को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। हर समाज के अंदर नफरत भरने की कोशिश कर रही है। जो उसके खिलाफ बोलता है, उसकी फाइलें खोलकर उसे जेल में डालने का डर पैदा करने की कोशिश कर रही है। मैं आप लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि पिछले एक महीने में आपने एमसीडी में बदलाव के लिए गली-गली और घर-घर जाकर अभियान चलाया। आज पूरे देश में नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के अंधभक्तों तक में एक नाम है, जिससे भाजपा डरने लगी है। वह नाम है अरविंद केजरीवाल का।
पूरे देश को डराने वाली भाजपा आज आम आदमी पार्टी की सफेद टोपी से डरने लगी है। इसी का परिणाम है कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब आयोग ने चुनाव की तारीख साझा नहीं की। यहां तक कि एक दिन पहले भी आयोग चुनाव की तारीख बताने वाला था। आचार संहिता की घोषणा कर दी, लेकिन चुनाव की तारीख नहीं बताई। यह भी नहीं बताया कि आचार संहिता अभी भी लागू है या नहीं। चुनाव आयोग का मुंह बंद है। देश में पिछले 7 साल में संविधान की धज्जियां उड़ाने और डरा-धमकाकर चुनाव आयोग का मुंह बंद करने की कोशिश की गई। उसी कड़ी में दिल्ली में निगम चुनाव को रोकने की कोशिश की गई है।
जिस प्रकार से गुंडे कनपटी पर बंदूक रखकर आवाज़ बंद कर देते हैं, उसी प्रकार से सत्ता के नशे में चूर भाजपा ने चुनाव आयोग के सिर पर सत्ता की बंदूक लगाकर उसकी आवाज़ को बंद किया है। लेकिन मैं भाजपा के लोगों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने अपने अहंकार में खुद को डुबो दिया।आप भी इस रास्ते में मत बढ़िए। यदि आप लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश करेंगे तो जिस जनता ने आपको सत्ता में बिठाया है, वही आपको सत्ता से बाहर भी कर देगी। मैंने टीवी पर सुना, भाजपा ने कहा कि हम तो 4-4 राज्यों में चुनाव जीतकर आए। हम लोग क्यों डरने लगे। यदि डर नहीं है तो मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि एक हफ्ते के अंदर दिल्ली एमसीडी के चुनाव की तारीख घोषित करो। आपकी जमानत जब्त न हो जाए तो कहना। एक और बात कहना चाहता हूं, जितने दिन आप बढ़ाते रहेंगे, आपकी हार की संभावना बढ़ती जाएगी। हारने वाली सीटों की संख्या बढ़ती जाएगी।
यह 62, 92 और 250 का खतरा है, भाजपा को इससे डर है। भाजपा ने दिल्ली में सर्वे कराया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जहां से जीत कर आए हैं, वहां भी भाजपा की हार होने वाली है। उत्तर प्रदेश में भाजपा जीती तो मोदी गुजरात में रोड शो करने गए। डर केवल दिल्ली का नहीं है, बल्कि हर राज्य का है। डर यह है कि केजरीवाल पंजाब के बाद गुजरात आया तो वहां की जनता भी उसके साथ हो लेगी। इसमें भी भाजपा बहाना बता रही है कि दिल्ली में केजरवाल जीती, जहां पहले कांग्रेस की सरकार थी। पंजाब में जीती, वहां भी कांग्रेस की सरकार थी। गुजरात में तो भाजपा है, यहां कैसे जीतेगी।
एमसीडी ने 15 सालों के शासन में दिल्ली वालों को केवल कूड़ा दिया है। कूड़े के तीन बड़े-बड़े पहाड़ भेंट किया है। भाजपा को लग रहा है कि जिस एमसीडी में 15 सालों से हमारी हुकूमत है, आज चुनाव करा दिए तो आम आदमी पार्टी 272 जीतेगी। इसलिए एमसीडी के चुनाव रुकवाओं, गुजरात में मोर्चा संभालो। लगता है, गुजरात भी गया। पंजाब बदला है, गुजरात वाले गुजरात बदलेंगे। एक और चर्चा चल रही है। भाजपा ने प्लान बनाया है कि एमसीडी चुनाव टालते रहो। जब गुजरात के चुनाव होंगे, उसी समय दिल्ली में एमसीडी का चुनाव कराएंगे। क्यों? क्योंकि एमसीडी चुनाव जब भी होगा, जीतेगी आम आदमी पार्टी ही। लेकिन इनकी प्लानिंग एक तरफ और जनता की ताकत एक तरफ। इससे पहले भाजपा ने दिल्ली में 9 महीने चुनाव टाले थे। 9 महीने बाद आम आदमी पार्टी ने 68 सीटों के साथ जीत हासिल की थी। मतलब, चुनाव में जितनी देर करेंगे, जीत उतनी भारी सीटों से होगी।
अब भाजपा को फैसला करना है कि चुनाव कब होंगे। हम लड़ाई के लिए तैयार हैं और हम जीतेंगे भी। आज के बाद दिल्ली में हमें इस लड़ाई को अलग-अलग तरीके के जारी रखना है। पूरी दिल्ली को बताएंगे कि किस तरह से भाजपा डर रही है। इस अभियान में प्रदेश के जितने साथी यहां पर आएं हैं, उनसे मेरा निवेदन है कि आप जिस तरह से दिन-रात मेहनत करते रहे हैं, उसी प्रकार इसे आगे भी जारी रखना है। जैसे बूथ अभियान किया, उसी प्रकार से हम आगे भी अभियान करेंगे। अपनी तैयारी ऐसी रखो कि जब भी चुनाव का ऐलान हो, हम मोर्चा करने के लिए तैयार हों। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्वक होगा। यदि हमें रोका जाएगा तो हम वहीं सड़क पर बैठकर आंदोलन को जारी रखेंगे। किसी प्रकार की उत्तेजना में नहीं आना है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने सभी को पंजाब के चुनाव में ‘आप’ की भारी जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि ‘एक मौका केजरीवाल को’ यही नारा था, जिसे सुनकर भाजपा डर गई। उनको मालूम था कि दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी यही नारा चलेगा। दिल्ली के बच्चे-बच्चे को मालूम था कि अगर चुनाव होते हैं, तो हो सकता है कि जैसे पंजाब के विधानसभा में जीत मिली है, उसी तरह से एक तरफा जीत दिल्ली एमसीडी में भी मिलती।
मुझे ध्यान है कि जब परीक्षा के दिन आते थे तो पेट में दर्द शुरू हो जाता था। बिल्कुल यही हाल भाजपा का है। जब अपने 15 सालों के कामों का नतीजा देखने का समय आया तो वह डर गए। उनके पेट में दर्द शुरू हो गया। उन्होंने सोचा लोकसभा में कुछ कानून प्रस्तावित करके चुनाव को टाल देते हैं। जितनी तिकड़म कर सकते हैं, कर लें, क्या पता कुछ बदल जाए। लेकिन वह कुछ भी कर लें, आपको लगता है कि नतीजों में कुछ फर्क आएगा? कोई फर्क नहीं आएगा। नतीजें शून्य ही आएंगे। आज के प्रदर्शन में हमें पूरी ताकत से उन तक अपनी बात पहुंचानी है कि परीक्षा से मत भागो। जनता को बताओ कि तुमने इतने सालों तक क्या किया है। अगर कुछ नहीं किया है तो हारने को तैयार रहो, तरह-तरह के बहाने मत बनाओ। दिल्ली की जनता ने फैसला कर लिया है। आप चाहे कुछ भी कर लें, एमसीडी में इस बार केजरीवाल होंगे।
कालकाजी से आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की एमसीडी में होने वाली जीत से भाजपा डर गई है। 9 मार्च को स्टेट इलेक्शन कमिश्नर ने मीडिया को एक प्रेसवार्ता का न्योता दिया कि आज एमसीडी चुनाव की तारीख का ऐलान करेंगे। 5 बजे एमसीडी की तारीख का ऐलान होना था, और उससे ठीक एक घंटा पहले एमसीडी के बारे में केंद्र सरकार चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजती है। उस चिट्ठी में लिखते हैं कि हम तीनों निगमों को एक करने वाले हैं, इसलिए चुनाव मत करो।
मोदी की सरकार तो 7 साल पहले बनी थी, आपको अगर एमसीडी की इतनी चिंता थी तो यह सोचने के लिए आपके पास बहुत समय था। एक घंटा पहले ऐसा करने का ख्याल क्यों आया? क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में एक तरफा चुनाव जीतने वाली है। इसलिए उन्होंने गैरकानूनी तरीके से चुनाव को टालने की योजना बनाई। लेकिन चुनाव रद्द करने का उनका जो प्रयास है, आम आदमी पार्टी एड़ी-चोटी से इसका विरोध करेगी।
आम आदमी पार्टी को इस बात का डर नहीं है कि वह चुनाव जीतेगी या हारेगी। चुनाव कभी भी हों, जीतेंगे तो केजरीवाल ही। लेकिन चुनाव रद्द करने और स्थगित करने की यह जो प्रथा है, वह बहुत खतरनाक है। अगर एक बार भाजपा ने हार के डर से एमसीडी का चुनाव स्थगित कर दिया तो कल को किसी राज्य या लोकसभा चुनाव भी रद्द कर सकते हैं। उस दौरान भी चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख देंगे कि हमें 2 राज्यों को एक करना है, चुनाव नहीं हो सकते हैं। यह भाजपा और केंद्र सरकार की तानाशाही की शुरुआत है। इस तानाशाही का आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करेगी।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि देश में भाजपा के 1435 विधायक, 97 राज्यसभा सांसद और 301 लोकसभा सांसद हैं। वहीं लगभग 40 निगमों पर भाजपा का कब्जा है। देश की इतनी बड़ी पार्टी यदि आम आदमी पार्टी जैसी इतनी छोटी पार्टी से डर जाए तो सोचिए इससे बड़ी जीत हमारे लिए हो ही नहीं सकती है। पिछले 15 सालों से दिल्ली की जनता जिस भाजपा के कहर का शिकार है, आज भाजपा के नेताओं का कहना है कि उनके लिए यहां प्रचार करना मुश्किल हो गया है।
भाजपा कह रही है कि हम निगम का एकीकरण करना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी इसका विरोध नहीं कर रही है। लेकिन एकीकरण का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। चुनाव के बाद भी एकीकरण संभव है। इसका मतलब है कि एकीकरण एक बहाना है, भाजपा को चुनाव से भागना है। दिल्ली की भाजपा को पता है कि यहां उनका राजनीतिक भविष्य खत्म होने वाला है। इन्हें पता है कि यदि एक बार आम आदमी पार्टी प्रदेश के साथ-साथ निगम में भी आ गई तो, आगले 20 सालों तक कहीं नहीं जाने वाली है। इसलिए बीजेपी के लोगों ने तय किया कि किसी तरह से चुनाव स्थगित हो गए तो जेब भरने के लिए 6 महीने और मिल जाएंगे।
भाजपा की राजनीति को दिल्ली से पूरी तरह खत्म करना है। यह हम सभी की ज़िम्मेदारी है। दुर्भाग्य इस बात का है कि भाजपा ने दिल्ली के चुनाव आयोग को भी खत्म कर दिया है। अंत में मैं एक ही बात कहना चाहता हूं कि यदि आज चुनाव होते तो आम आदमी पार्टी कम से कम 260 सीटों के साथ जीत हांसिल करती। हर वॉर्ड कम से कम 5000 वोटों के साथ जीत होती। लेकिन आगे यह आंकड़ा बढ़कर 10 हज़ार से भी अधिक हो जाएगा। अगली बार हर वॉर्ड में इन्हें कम से कम 25 हज़ार से अधिक वोटों से हराना है।