✍🏻एक नजर ऐसी भी

दैनिक समाचार
       "क्या जरूरत"

यह गोली बारूद खून खराबे की क्या जरूरत,
सब कुछ अपने हित हथियाने की क्या जरूरत ,

हम अपने घरों में चैन सुकून से खुशी खुशी रहते ,
आप अपने घर में चैन सुकून से खुशी-खुशी रहते,
हमारी ईमानदारी परिश्रम का हक पूरा मिल जाता ,
नहीं कोई हम पर अपनी ताकत बल आजमाता,
किसी की खुशियां देख कर जलने की क्या जरूरत ,
सब कुछ अपने हित हथियाने की क्या जरूरत,

हम अपनी मेहनत, लगन से कामयाबी पा लेते,
आप भी परिश्रम कर अपना जीवन सफल बना लेते,
आगे बढ़ते जाते जीवन में निरंतर अपने प्रयासों से ,
छल, कपट, झूठ ,फरेब से मुक्त ही रहते इन दोषो से,
आगे बढ़ते किसी को नीचे गिराने की क्या जरूरत,
सब कुछ अपने हित हथियाने की क्या जरूरत ,

खाली हाथ आये खाली हाथ एक दिन जाना सभी को
दौलत मोह माया अपनों का साथ छोड़ जाना सभी को,
अच्छे ,बुरे कर्मों का हिसाब हम सभी को रखना पड़ेगा,
जो बो रहे आज वह आने बाली पीडी को सहना पड़ेगा,
फिर दिखावे की झूठी शान शौकत की क्या जरूरत ,
सब कुछ अपने हित हथियाने की क्या जरूरत ,

गोली,बारूद के धमाके से इंसानियत दफन करने चले,
खुश रहने के लिए थोड़ा ही काफी सब कुछ पाने चले,
लाशों के ढेर कर खुद को ताकत बर बताना चाहते हैं,
वहा लहू मानवता का अपना आशियाना बनाना चाहते हैं,
मर गई संवेदनाएं उनको इंसान कहने की क्या जरूरत ,
सब कुछ अपने हित हथियाने की क्या जरूरतर ||

                    एक नजर ऐसी भी
                    ✍रेनू गोस्वामी

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