एमसीडी की लापरवाही से गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग, केजरीवाल सरकार ने लगाया 50 लाख रुपए का जुर्माना- गोपाल राय

दैनिक समाचार
  • दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं- आतिशी
  • एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं- आतिशी
  • घटना के वक्त जो कर्मचारी-अधिकारी ऑन ड्यूटी पर थे, उनकी लापरवाही को देखते उनपर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं- गोपाल राय
  • डीपीसीसी ने आज आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की, जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों में बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई- गोपाल राय
  • लैंडफिल साइट पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए, एंटी स्मॉग गन भी काम नहीं कर रहा था- गोपाल राय
  • लैंडफिल साइट को मॉनिटर करने के लिए लगाए गए 24 सीसीटीवी कैमरे में से सिर्फ 17 कार्य करते हुए पाए गए- गोपाल राय
  • सीपीसीबी ने निर्देश दिया कि लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है- गोपाल राय
  • दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विभाग, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, फायर, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों की संयुक्त बैठक 4 अप्रैल को बुलाई गई है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके- गोपाल राय

नई दिल्ली, 23 मार्च, 2022

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि एमसीडी की लापरवाही से गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगी। केजरीवाल सरकार ने 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। घटना के वक्त जो कर्मचारी-अधिकारी ऑन ड्यूटी पर थे। उनकी लापरवाही को देखते उनपर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। डीपीसीसी ने आज आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की, जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों में बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई। लैंडफिल साइट पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए। एंटी स्मॉग गन भी काम नहीं कर रहा था। लैंडफिल साइट को मॉनिटर करने के लिए लगाए गए 24 सीसीटीवी कैमरे में से सिर्फ 17 कार्य करते हुए पाए गए हैं। सीपीसीबी ने निर्देश दिया कि लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है। दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विभाग, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, फायर, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों की संयुक्त बैठक 4 अप्रैल को बुलाई गई है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की चेयरमैन आतिशी ने कहा कि
दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दिल्ली के अंदर गाजीपुर लैंडफिल साइट में 28 मार्च को दोपहर आग लगने की घटना सामने आई थी। जिसकी वजह से वहां रहने वाले लोगों के लिए सांस लेने की दिक्कत पैदा हो गई। विधानसभा के अंदर वहां के स्थानीय विधायक ने सवाल उठाए। इस घटना के संज्ञान में आते हुए डीपीसीसी को 24 घंटे के अंदर पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिया था।

उन्होंने कहा कि डीपीसीसी की टीम ने कल रिपोर्ट सबमिट की थी लेकिन वह छोटी रिपोर्ट थी। इसके बाद कल दोबारा डिटेल रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए गए। डीपीसीसी ने आज आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की है। जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के जिन मानदंडों को वहां पर पालन करने की जरूरत है, उसमें बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई।

गोपाल राय ने कहा कि वहां पर बायो माइनिंग की प्रक्रिया चल रही है। जिससे कि इस तरह की आग लगने की संभावना कम हो सके। लेकिन वहां पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए। इसके अलावा एंटी स्मॉग गन जो कि अनिवार्य है, वह लगा है, लेकिन काम नहीं कर रहा है। इस साइट को मॉनिटर करने के लिए 24 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें से सिर्फ 17 कार्य करते हुए पाए गए हैं। यह सीसीटीवी कैमरे इस वजह से लगाए जाते हैं, ताकि अगर कोई आग लगे तो तुरंत संज्ञान में आए। उसको तुरंत नियंत्रित किया जा सके। लगभग 400 वर्ग मीटर तक आग लगी और फैल गई। 48 घंटे हो गए आग बुझने के बाद भी वहां से लगातार गैस और धुआं निकल रहा है। सीपीसीबी ने निर्देश दिया था कि उस लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है। इससे बाहर से कोई अनाधिकृत व्यक्ति आकर वहां इस तरह की घटना को अंजाम ना दे सके।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर जो उल्लंघन देखा गया उसके आधार पर अभी दो निर्देश डीपीसीसी को जारी किए हैं। पहला एमसीडी के ऊपर 50 लाख का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया है। दूसरा इस दौरान जो कर्मचारी और अधिकारी ऑन ड्यूटी पर थे, उनकी लापरवाही को देखते हुए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। उनकी जवाबदेही को तय किया जाए। इसके संबंध में डीपीसीसी की तरफ से एमसीडी को निर्देश दिया जा रहा है। जिससे कि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें। क्योंकि गर्मी बढ़ रहा है और लापरवाही की वजह से इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। ऐसी घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके इसलिए यह सख्त कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा कि साथ ही दिल्ली के अंदर इस तरह घटनाएं ना हों, इसके लिए पर्यावरण विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की है। दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विभाग, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, फायर, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों की संयुक्त बैठक 4 अप्रैल को दोपहर में 1 बजे बैठक बुलाई गई है। ताकि पूरी दिल्ली के अंदर इस तरह की आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अभियान चलाया जा सके। भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों और उनको नियंत्रित किया जा सके, उसके लिए बड़ी संयुक्त बैठक करके आगे की कार्य योजना तैयार करेंगे।

दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी कमिश्नर को समन जारी किया

दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति के चेयरमैन और विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने गाजीपुर लैंडफिल साइट आग मामले में ईडीएमसी कमिश्नर और डीपीसीसी के चेयरमैन को समन जारी किया है। ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं। इसके साथ ही कमेटी के सामने 4 अप्रैल को पेश होने से पहले ईडीएमसी के कमिश्नर से 6 सवालों के जवाब भी मांगे गए हैं। पर्यावरण समिति की चेयरपर्सन आतिशी के निर्देश पर ईडीएमसी कमिश्नर को गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर रोजाना लाए जा रहे कूड़े की मात्रा बताने को कहा है। इसके अलावा रोजाना किए जा रहे कूड़े के निस्तारण की मात्रा बताने, गाज़ीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग का कारण बताने, पिछले 2 साल में कितनी बार गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग का आंकड़ा बताने, आग की घटनाओं को रोकने के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी देने और लैंडफिल साइट को साफ करने करने के लिए उठाए गए कदम व इसे पूरी तरह साफ करने में लगने वाले समय के बारे में बताने के निर्देश दिए हैं।

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