पैसा कमा लो या राजनिती कर लो.

दैनिक समाचार

Shiv Shankar Singh Gahlot

जिस विपक्षी नेता पर भी भ्रष्टाचार का तिनका भर भी आरोप लगने का चांस है, वो मोदी सरकार के सामने टिक नहीं सकता. अखिलेश हो, मुलायम हो, मायावती हो, ममता हो, कमलनाथ हो, नितीश कुमार या कोई और, उन्हें या तो मुलायम और नितीश की तरह मोदी के सामने घुटने टेकने पड़ेंगें. बाकी जो जेल जाने से डरता हो उसका हाल अखिलेश जैसा होगा जिसकी फाईल तैयार टेबल पर रखी रहती है और वो खिलाफत बड़ी सोच समझ के बिना नाम लिये बोलता है. ममता का भी भतीजा अभिषेक जेल जा सकता है, जिस दिन जरूरत होगी चला जायेगा. ममता की अडाणी के साथ नजदीकी काम नहीं आयेगी पर 2024 में मोदी का साथ काम आ सकता है.

दूसरे राज्यों में जहां कांग्रेस मुख्य विपक्ष है वहां पर बीजेपी को चिंता है. कांग्रेस की कमान गांधी परिवार के हाथ है और भ्रष्टाचार के मामले में अभी तक उनके खिलाफ कुछ नहीं निकला बावजूद ऑगस्ता वैस्टलैंड आदि की आठ साल से चल रहे जांच के. इटली के मैरीन भी छोड़े गए ताकि बदले में सुराग जुटाए जा सकें, पर गांधी फेमिली आज तक बेदाग है. वाडरा तक के खिलाफ कुछ नहीं मिला.

राजनीती करनी है तो पी. चिदंबरम या डीके शिवकुमार जैसा जिगर चाहिये. जेल चले गये पर झुके नहीं, कुछ मिला नहीं और मोदी के खिलाफ बोलते हैं. बेटे को सताया जेल भेजा पर चिदंबरम विचलित नहीं हुए..ये होते हैं नेता ! लालू यादव जेल तो गये पर भ्रष्टाचार तो हुआ ही था!

मायावती और मुलायम तो जेल जाने से कांपते हैं. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को नोटिस मिला तो ममता कांप गयीं और इसी के चक्कर में मोदी से मिलने गयीं और बाहर निकलते ही कांग्रेस मुक्त विपक्ष का अभियान छेड़ दिया.

अरे बिना रीढ़ के विपक्ष के नेताओं, नेल्सन मंडेला की सोचो जो 29 साल जेल में रहा. अगर विपक्ष के नेता जेल जाने के डर को दिल से निकाल देते हैं तो मोदी का डराने का हथियार बेकार हो जायेगा. पैसा कमाने में लगोगे तो क्या सोचते हो, मोदी छोड़ देगा? कांग्रेस सरकार थी जो तुम्हारा धंधा पानी चल रहा था. आज वो बात नहीं है.

पैसा कमाना है तो बीजेपी में जाओ जैसे बंगाल के बहुत से नेता चिट फंड के चक्कर में चले गये थे.

भ्रष्ट लोगों ने कम्युनिस्ट आंदोलन का भी नुकसान किया जो कम से कम भ्रष्ट तो नहीं थे! कांग्रेस को तो एनसीपी और डीएमके के भ्रष्टाचार ने बदनाम किया वरना 2014 में कोई हटाने वाला नहीं था. कपिल सिब्बल ने अन्ना के जनलोकपाल मुद्दे को मिसहैंडल किया जिसमें कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ.

2024 में बीजेपी को दक्षिण भारत में सिर्फ कर्नाटक से कुछ उम्मीद है वरना पांव रखने की जगह नहीं है. मुस्लिम घृणा की राजनीति के चक्कर में उसने अपने को उत्तर भारत के हिन्दी क्षेत्र तक सीमित कर लिया है. आसाम, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में उनकी सरकार है. गुजरात में जोड़ तोड़ से बनी सरकार है पर जनाधार कांग्रेस के पास है.

जो लोग कांग्रेस को खत्म मान रहे हैं दरअसल वो बीजेपी के प्रोपेगंडा जाल में फंसे हुए हैं.

कांग्रेस ने 2019 में 12 करोड़ वोट प्राप्त किये थे और 52 सीटें जीत थीं.

बीजेपी को हटाने के लिये पूरे विपक्ष को लगभग 100 सीटें उससे छीननी होंगी. ये कोई मुश्किल काम नहीं है.

2024 में कांग्रेस का भविष्य उज्जवल है ये मेरा मानना है. इस सोच का आधार बीजेपी के कुत्सित एजेंडे के खिलाफ कांग्रेस की विचारधारा है. कांग्रेस का संविधान, लोकतन्त्र, धार्मिक आधार पर समानता एवम् भाईचारा आधारित विचार मुकाबला करने के लिये काफी बड़ा और प्रभावशाली है. गरीबों की दुख तकलीफों का कांग्रेस ने सदैव ध्यान रखा है. पूरे देश में कांग्रेस का जनाधार है. याद रखिये सोनिया गांधी से बड़े कद का नेता देश में नहीं है.

कांग्रेस में जो जी-23 वाले नेता हैं ज्यादातर पैसा कमा चुके हैं, उन्हें जाने दो रोको मत. नयी कांग्रेस का निर्माण करो जैसे 1967 में इन्दिरा गांधी ने किया था. ये मौका है और चूकना नहीं है.

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