भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की पोलिट ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात आज दिल्ली में नगर निगम द्वारा बिना किसी चेतावनी और नोटिस के जारी तोड़फोड़ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दरखास्त लगाई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे देकर तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद निरंकुश दिल्ली नगर निगम बदले की भावना से तोड़फोड़ किए जा रहा था। अधिकारियों का कहना था हमारे पास कोई आदेश नहीं है। जब कामरेड वृंदा करात सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर जेसीबी के आगे खड़ी हो गईं, तब तोड़-फोड़ रोकी गई। भाजपा का दिल्ली नगर निगम बदले की भावना से उसके एजेंट की तरह काम कर रहा है। साथ ही देश में नफरत फैलाने का भाजपा का काम आगे बढ़ा रहा है। यह लोग कोर्ट के आदेश के बावजूद भी तानाशाही कर रहे हैं।