जूते मारने वालों की संख्या बढ़ा दो (कहानी)

दैनिक समाचार

किसी रियासत का राजा,जानना चाहता था कि उसकी प्रजा कितनी जागरूक है…उसने एक ऐसी जगह पुल बना डाला…जहां पुल की कोई ज़रुरत ही नहीं थी…और पुल के एक तरफ एक पेटी रख दी…ताकि लोग अपने विचार लिखकर इसमें डालें…लोगों ने पुल के ऊपर से आना जाना शुरू कर दिया…कुछ दिनों बाद राजा ने लोगों की राय जानने के लिए …पेटी खोली…राजा हैरान था…उसमे एक भी मत पर्ची नहीं थी….राजा ने पुल पार करने वालों पर टैक्स लगा दिया… कि अब तो कोई विरोध करेगा….राजा एक बार फिर चकित रह गया…इस बार भी मत पेटी में किसी का कोई मत नहीं था….इस बार राजा ने, यह नियम बनाया की पुल पार करने वाले टैक्स भी देंगे और दो दो जूते भी खाएंगे….राजा को उम्मीद थी की इस बार तो जनता आवाज़ उठाएगी….कुछ दिनों बाद राजा ने जब मत पेटी खुलवाई …तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था…इस बार.पेटी में एक पर्ची थी….जिसमें नागरिक ने अपने विचार लिखे थे …..’ महाराज हम कायदे से टैक्स दे रहे हैं और जूते भी खा रहे है….लेकिन जूते मारने वाले दो ही लोग है….जिसकी वजह से ज्यादा भीड़ ज़्यादा होने के कारण…हम काम पर जाने के लिए लेट हो जाते हैं…..कृपया अगर हो सके तो जूते मारने वालों की संख्या बढा दी जाए….ताकि हम जूते खाकर…समय पर काम पर पहुँच सकें… राजा समझ गया कि इस जनता का कोई कुछ नहीं सुधार सकता….क्योंकि इन्हें अच्छे बुरे का बोध ही नहीं…..

क्या समझे 😄

(साभार)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *