खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उद्घाटन समाहरोह के मौके पर प्रधानमंत्री के संदेश का मूल पाठ

दैनिक समाचार

नमस्कार!

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए आप सभी को बहुत बहुत बधाई।

बेंगलुरू शहर अपने आप में देश के युवा जोश की पहचान है। बेंगलुरू प्रोफेशनल्स की आन बान और शान है। डिजिटल इंडिया वाले बेंगलुरू में खेलो इंडिया का आह्वान अपने आप में अहम है। स्टार्ट-अप्स की दुनिया में स्पोर्ट्स का ये संगम, अद्भुत है। बेंगलुरू में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का होना, इस खूबसूरत शहर की एनर्जी को और बढ़ाएगा और देश के नौजवान भी यहाँ से नयी ऊर्जा लेकर लौटेंगे । मैं कर्नाटका सरकार को इन खेलों के आयोजन के लिए बधाई देता हूँ। ग्लोबल पेंडेमिक की तमाम चुनौतियों के बीच ये खेल, भारत के युवाओं के दृढ़ संकल्प और जज़्बे का उदाहरण है। मैं आपके इन प्रयासों को, इस हौसले को salute करता हूँ। ये युवा हौसला आज देश को हर क्षेत्र में नई गति से आगे ले जा रहा है।

मेरे नौजवान साथियों,

सफल होने का पहला मंत्र होता है –

टीम स्पिरिट!

स्पोर्ट्स से हमें यही टीम स्पिरिट सीखने को मिलती है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी आप इसे साक्षात अनुभव करेंगे। यही टीम स्पिरिट आपको जिंदगी को देखने का एक नया नज़रिया भी देती है।

खेल में जीत का मतलब होता है-

holistic approach! 100 percent dedication!

हर दिशा में प्रयास, और शत प्रतिशत प्रयास!

आपमें से ही कई खिलाड़ी निकलेंगे जो आगे राज्य स्तर पर खेलेंगे। आपमें से कई युवा आगे इंटरनेशनल लेवेल पर देश को represent करेंगे। Sports field का आपका ये अनुभव आपको Life की हर field में help करेगा। स्पोर्ट्स, सच्चे अर्थ में जीवन का सच्चा सपोर्ट सिस्टम है। जो शक्ति, जो सीख आपको स्पोर्ट्स में आगे ले जाती है, वही आपको जीवन में भी आगे ले जाती है। स्पोर्ट्स और लाइफ, दोनों में जज्बे का, जोश का, passion का महत्व है। स्पोर्ट्स और लाइफ, दोनों में जो चुनौतियों को गले लगाता है, वही तो विजेता होता है। स्पोर्ट्स और लाइफ, दोनों में हार भी जीत होती है, हार भी सीख होती है। स्पोर्ट्स और लाइफ, दोनों में ईमानदारी आपको सबसे आगे तक लेकर जाती है। स्पोर्ट्स और लाइफ, दोनों में पल पल का महत्व है वर्तमान पल का अधिक महत्व है , इस पल में जीने, इस पल में कुछ कर गुजर जाने का महत्व है।

जीत को पचाने का हुनर और हार से सीखने की कला, जीवन की प्रगति के सबसे मूल्यवान अंग होते हैं। और ये हम मैदान में खेल-खेल में सीख लेते हैं। खेल में जब एक ओर शरीर ऊर्जा से भरा होता है, खिलाड़ी के एक्शन्स में तीव्रता हावी होती है। उस समय अच्छे खिलाड़ी का मस्तिष्क शांत होता है, धैर्य से भरा होता है। ये जीवन जीने की बहुत बड़ी कला होती है।

साथियों, आप नए भारत के युवा हैं। आप एक भारत-श्रेष्ठ भारत के ध्वजावाहक भी है। आपकी युवा सोच और आपका युवा अप्रोच आज देश की नीतियों को तय कर रही है। आज युवाओं ने फिटनेस को देश के विकास का मंत्र बना दिया है। आज युवाओं ने स्पोर्ट्स को पुरानी सोच के बंधनों से आजाद कर दिया है।

नई एजुकेशन पॉलिसी में स्पोर्ट्स पर बल हो, या फिर आधुनिक स्पोर्ट्स इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, प्लेयर्स के सलेक्शन में ट्रांसपेरेंसी हो, या फिर स्पोर्ट्स में आधुनिक टेक्नोलॉजी का बढ़ता इस्तेमाल,  यही है नए भारत की पहचान।

भारत के युवाओं की आकांक्षाएं, उनकी आशाएं, नए भारत के निर्णयों का आधार बन रही हैं। अब देश में नए Sports Science Centres स्थापित हो रहे हैं। अब देश में dedicated sports universities बन रही हैं।

ये आपकी सहूलियत के लिए है, आपके सपनों को पूरा करने के लिए है।

साथियों,

स्पोर्ट्स की पावर, देश की पावर बढ़ाती है। स्पोर्ट्स में पहचान, देश की पहचान बढ़ाती है। मुझे आज भी याद है, जब मैं टोक्यो ओलंपिक्स से लौटकर आए खिलाड़ियों से मिला था। उनके चेहरे पर अपनी जीत से ज्यादा, देश के लिए जीतने का गर्व था। देश की जीत से मिलने वाली खुशी का कोई मुकाबला नहीं।

आप भी आज सिर्फ अपने लिए या अपने परिवार के लिए नहीं खेल रहे हैं। ये यूनिवर्सिटी गेम्स भले हों लेकिन ये मानकर खेलिए कि आप देश के लिए खेल रहे हैं, देश के लिए आपके भीतर एक उत्तम खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं । यही जज्बा आपको आगे लेकर जाएगा। यही भावना आपको मैदान पर जिताएगी और मेडल भी दिलाएगी।

मुझे पूरा विश्वास है, आप सभी युवा साथी खूब खेलेंगे, खूब खिलेंगे।

इसी विश्वास के साथ, देश भर से आप सभी युवा साथियों को एक बार फिर बहुत बहुत शुभकामनाएँ। धन्यवाद ।

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