-सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जायेगें – गोपाल राय
-सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर को हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया
-पारिस्थितिकीय बहाली की परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सेंट्रल रिज का दौरा
-पायलट परियोजना के तहत 10 हेक्टेयर भूमि पर जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से सेंट्रल रिज की पारिस्थितकी बहाली का कार्य आज से शुरू- गोपाल राय
-विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के कार्य की आज से शुरुआत
-परियोजना में कैनोपी लिफ्टिंग विधि से विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाए जायेगें – गोपाल राय
-दिल्ली सरकार की नर्सरी में सेंट्रल रिज एरिया में लगने वाले पौधे तथा घास तैयार किए जाएँगे- गोपाल राय
नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2022
दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से पारिस्थितकी बहाली के कार्य की समीक्षा के लिए सेंट्रल रिज का दौरा किया | वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आज हम प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं । दिल्ली में बढ़ रही विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जायेगें | परियोजना में कैनोपी लिफ्टिंग विधि से विदेशी कीकर को हटाने का कार्य किया जाएगा | इस पायलट परियोजना के तहत पहले फेज में सेंट्रल रिज के 10 हेक्टेयर भूमि पर कार्य शुरू किया जाएगा |
सेंट्रल रिज की समीक्षा के बाद आयोजित महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि दिल्ली में विदेशी कीकर की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,आज से जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से सेंट्रल रिज की पारिस्थितकी बहाली का कार्य शुरू किया गया हैं | साथ ही आज से विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के कार्य की शुरुआत की गयी है।दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए विभाग की ओर से इस कार्य की शुरुआत पहले चरण में 10 हेक्टेयर भूमि पर की जा रही हैं | आगे इस अभियान के तहत साढ़े सात हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र को पुनर्बहाल किया जाएगा |
उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत सबसे पहले सेंट्रल रिज क्षेत्र को कट रुट स्टॉक विधि के द्वारा विलायती किकर से मुक्त किया जाएगा क्योकि यह देखा गया हैं कि विदेशी प्रजातियों का विस्तार आक्रामक रूप से बढ़ रहा हैं | इस विस्तार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाने का काम आज से शुरू कर दिया गया है | इसके अलावा जिन स्थानों पर विलायती कीकर नहीं हैं वहां पर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है | इसमें मुख्य रूप से हिंगोट , बरगद , बहेड़ा , गोभी , चमरौद, पिलखन ,अमलतास , शहतूत ,पलाश , देशी बबूल , खैर , करेली ,गूलर ,हरसिंगार जैसे पौधे शामिल है। साथ ही घटबोड़, कड़ीपत्ता, शतावरी , करोंदा ,अश्वगंधा , झरबेरे , कढीपत्ता इत्यादि झाड़ियाँ भी लगायी जायेगी।
परियोजना के बारें में प्रकाश डालते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार के वन और वन्यजीव विभाग के द्वारा सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के तहत घास के मैदान भी विकसित किए जाएँगे | इसे पक्षियों और तितलियों के लिए सफारी के तौर पर भी विकसित किया जाएगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट में आसपास के पार्क भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने ने कहा कि इस पायलट परियोजना में चेक डेम और नेचुरल वाटर बॉडी का निर्माण भी किया जाएगा।जिससे की प्राकृतिक रूप से वहां जल का संग्रहण हो सके और भविष्य में भी पानी की समस्या से जूझना न पड़े |
- सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर को हटाने के लिए किया गया टास्क फोर्स का गठन
वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज सेंट्रल रिज में स्थानीय प्रजातियों के पौधरोपण के अभियान की भी शुरुआत की। साथ ही उन्होंने बताया कि सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर को हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जो विदेशी कीकर को हटाने के साथ साथ स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के काम की निगरानी भी करेगी | जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से सेंट्रल रिज की पारिस्थितकी बहाली का कार्य भी इन्ही की निगरानी में रहेगा।
-दिल्ली सरकार की नर्सरी में सेंट्रल रिज एरिया में लगने वाले पौधे तथा घास तैयार किए जाएँगे
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार की राज्य भर में 14 नर्सरी हैं, जहाँ सेंट्रल रिज के लिए पेड़ों, झाड़ियों, जड़ी-बूटियों की लगभग 60 पौधों की प्रजातियों को तैयार किया जाएगा | साथ ही विभाग विभिन्न नर्सरी और वृक्षारोपण तकनीकों पर वन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है ताकि कर्मचारी भविष्य में देशी वृक्षारोपण को लेकर संबंधित सभी नर्सरी कार्यों को संभालने में सक्षम हो सकें।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सेंट्रल रिज को विकसित करने से दिल्ली को काफी हद तक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।