वृक्ष प्रत्यारोपण नीति के प्रति केजरीवाल सरकार सख़्त, सभी विभागों से 13 मई तक मांगी गई रिपोर्ट

दैनिक समाचार

-वृक्ष प्रत्यारोपण नीति के सम्बन्ध में आज दिल्ली सचिवालय में सभी विभागों तथा इमपैनल एजेंसी के उच्च अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की गई – गोपाल राय

-वृक्ष प्रत्यारोपण नीति के आधार पर सभी विभागों को 13 मई तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के दिए गए निर्देश – गोपाल राय

  • वन विभाग की 25 टीमें , विभागों द्वारा प्रत्यारोपित पेड़ों का ऑडिट करेंगी- गोपाल राय

-जिन विभागों का वृक्ष प्रत्यारोपण का कार्य बेहतर नहीं होगा, वन विभाग द्वारा उस विभाग के संबंधित फाईलों को अनुमति नहीं दी जाएगी- गोपाल राय

नई दिल्ली, 2 मई 2022

दिल्ली सचिवालय में आज वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में वृक्ष प्रत्यारोपण नीति के सम्बन्ध में सभी सम्बंधित विभागों एवं इनपैनल एजेंसियों के साथ उच्चस्तरीय संयुक्त समीक्षा बैठक की गई | इस बैठक में वन एवं वन्यजीव , एमसीडी , दिल्ली जल बोर्ड , डीएमआरसी , पीडब्लूडी , डीएसआईआईडीसी, इत्यादि सभी विभाग के अधिकारी एवं इससे संबंधित इमपैनल एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल रहें | इस बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने सभी विभागों को 13 मई तक वृक्ष प्रत्यारोपण को लेकर वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ विस्तृत रिपोर्ट विभाग में जमा करने के निर्देश जारी किए गए हैं | साथ ही वन विभाग इस संदर्भ में 25 टीमों का गठन करेगी जो विभागों द्वारा की गई वृक्षप्रत्यारोपण का अलग से ऑडिट करेगी।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में पहले विकास कार्य के लिए पौधों की कटिंग होती थी और उसके जगह पर नए पौधे लगाए जाते थे। बाद में हमने देखा कि जो नये पौधे लगाए जाते हैं , उनको विकसित होने में काफी समय लग जाता था इसलिए सरकार ने वृक्षप्रत्यारोपण पॉलिसी बनाई ताकि जो पौधे ट्रांसप्लांट हो सकते हैं उनको ट्रांसप्लांट किया जाए। इस पॉलिसी के अंतर्गत जो एजेंसिया विकास का काम करती हैं उन्हें पौधों को ट्रांसप्लाट करना पड़ता है। पिछले साल में जिन एजेंसियों ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन के लिए विभाग से अनुमति ली थी उसको लेकर आज समीक्षा बैठक की गई और विभागों को विस्तृत रिपोर्ट 13 मई तक देने का निर्देश दिया गया।
दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए गए तमाम उपायों के परिणामस्वरूप दिल्ली के अंदर हरित क्षेत्र (ग्रीन कवर ) में काफी इज़ाफ़ा देखा गया है | इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए आज दिल्ली सचिवालय में वन एवं वन्यजीव , एमसीडी , दिल्ली जल बोर्ड , सीपीडब्लूडी , डीएमआरसी , पीडब्लूडी , डीएसआईआईडीसी, इत्यादि सभी विभागों के उच्च अधिकारियों और इमपैनल एजेंसियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की गई |
आज की समीक्षा बैठक में यह देखा गया हैं कि कई विभाग के इस पॉलिसी के तहत संतोषजनक रिपोर्ट नहीं आए हैं | इसी को देखते हुए आज बैठक में उपस्थित सभी विभागों और एजेंसियों को 13 मई तक वीडियो रिकॉर्डिंग सहित विस्तृत रिपोर्ट वन विभाग में जमा करने के आदेश दिए गए हैं | खासतौर से एनएचआई और डीडीए, इन दोनों एजेंसियों के प्रतिनिधि ने अपनी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी है।

वन विभाग की 25 टीमों को ऑडिट करने के आदेश

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सभी विभागों की रिपोर्ट्स का वन विभाग द्वारा अलग से ऑडिट (सेपरेट पैरेलल ऑडिट) की जाएगी | जिसके लिए 25 टीमों का गठन किया गया हैं | प्रत्येक टीम में चार -चार सदस्य होंगे , जो प्रत्येक वृक्ष प्रतिरोपण की जगहों पर जाकर क्रॉस सत्यापित करेंगी | साथ ही यह टीमें भी वीडियो रिकॉर्डिंग बनाकर 13 मई तक विभाग में रिपोर्ट देंगी | इसी के आधार पर पर्यावरण विभाग तय करेगा की भविष्य में किस एजेंसी या विभाग को निर्माण कार्य के लिए अनुमति देनी चाहिए या नहीं | साथ ही जिस भी विभाग के संतोषजनक परिणाम नहीं मिलेंगे , उस विभाग की, इससे संबंधित किसी फाईल को अनुमति नहीं दी जाएगी |

पर्यावरण मंत्री ने बताया की दिल्ली में हरित क्षेत्र को अधिक से अधिक बढ़ाना ही हमारी सरकार का लक्ष्य हैं ताकि दिल्लीवालों को प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सकें| और इसके लिए केजरीवाल सरकार हर मुमकिन कोशिश करने के लिए तत्पर हैं |

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