किसी दूसरे प्रदेश में जब अपने प्रदेश का मिल जाता है तो वह बिल्कुल घर का व्यक्ति लगता
है

दैनिक समाचार

दूसरे देश में जब अपने देश वाला मिल जाता है तो उससे गांव जिला प्रदेश कुछ नहीं पूछा जाता बस उसका अपने देश वाला होना ही अपनेपन का आधार बनता है

अमेरिका में भारत पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल और श्रीलंका वाले देसी कहलाते है

अमेरिका में चाहे दिवाली हो या ईद इन सभी देशों के लोग इकट्ठे होकर मनाते हैं

वहां हिंदू मुसलमानों में झगड़े की कोई जरूरत ही नहीं है

क्योंकि हिंदू मुसलमान का झगड़ा करा कर सत्ता हासिल करने का तो वहां कोई सवाल ही नहीं है

मैंने खुद वहां ऐसे रेस्टोरेंट देखे हैं जिनके ऊपर इंडिया-पाकिस्तान रेस्टोरेंट लिखा होता है

वहां आपको पाकिस्तानी भी बड़े अपने लगते हैं क्योंकि आपसे वह आपकी जुबान में बात करते हैं

लेकिन जब आप भारत में होते हैं तो पाकिस्तानियों को अपना दुश्मन समझते हैं

इस सबसे यह बात समझ में आनी चाहिए कि प्यार और नफरत दोस्ती और दुश्मनी यह एक खास जगह में रहने की वजह से एक शक्ल ले लेती है और दूसरी जगह जाने पर इसकी कोई जरूरत नहीं रहती

मतलब यह है कि भारत में रहने पर ही आपको पाकिस्तानियों से नफरत करने की जरूरत पड़ती है अमेरिका में रहकर पाकिस्तानियों से नफरत करने की कोई जरूरत नहीं होती इसलिए वहां आप उनसे नफरत नहीं करते बल्कि मिलजुल कर रहते हैं

इसका मतलब है आप अगर अपना दिमाग ठीक कर ले तो भारत में रहकर भी आप पाकिस्तानियों के साथ दोस्ती से रह सकते हैं

इसका यह भी मतलब है कि आपको दुश्मनी करने के लिए झगड़ा करा कर सत्ता प्राप्त करने की चालाकी करने वाले नेता नफरत करना सिखा रहे हैं

तो भले मानुषों जब तुम्हें पता है कि तुम्हें नफरत करना सिखाया जा रहा है तो अकल से काम लेकर इस नफरत से निकलकर प्यार से रह कर अपनी जिंदगी को मजेदार क्यों नहीं बना लेते काहे नफरत में मरे जा रहे हो

याद रखो सांप्रदायिकता अपने ही संप्रदाय वालों का सत्यानाश करती है

मुसलमानों की सांप्रदायिकता मुसलमानों का नुकसान करती है

हिंदुओं की सांप्रदायिकता हिंदुओं का नुकसान कर रही है

भारत के हिंदू अपना हाल देख ही रहे हैं कि सांप्रदायिकता को अपने सिर पर बिठाया तो आज इनका क्या दुर्गति हो रही है लेकिन इन्हें अभी भी अक्ल नहीं आ रही है यह अभी भी सांप्रदायिकता और सांप्रदायिक नेता के खिलाफ न कुछ बोलने को तैयार है ना सुनने को

याद रखो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें मूर्ख कहेंगी और तुम्हारी हंसी उड़ाएंगी

और आखिर में एक बात और कान खोल कर सुन लो तुम जिस से नफरत करते हो उसका कुछ नहीं बिगड़ता बल्कि जो नफरत को अपने दिल में रखता है वह अपना ही नुकसान करता है क्योंकि नफरत एक ऐसी आग है जो तुम्हें अपने भीतर ही भीतर जलाती है

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