1. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 56 (2) मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 पर धारा 23 के माध्यम से प्रस्तुत की गई मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 56 (2) केंद्र सरकार को स्वचालित परीक्षण स्टेशनों की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के लिए नियम बनाने का अधिकार देती है।
2. एक स्वचालित परीक्षण केंद्र (ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन-एटीएस) किसी भी वाहन की सक्षमता (फिटनेस) की जांच के लिए आवश्यक विभिन्न परीक्षणों को स्वचालित करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करता है।वाणिज्यिक वाहनों (परिवहन) के लिए फिटनेस का परीक्षण पहले 08 वर्ष तक हर 2 साल में और 8 साल से पुराने वाहनों के लिए प्रति वर्ष किया जाता है। निजी वाहन (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस परीक्षण 15 वर्ष बाद पंजीकरण के नवीनीकरण के समय किया जाता है और फिर पंजीकरण के नवीनीकरण के मामले में इसे हर पांच साल के बाद दोहराया जाता है।
3. ये नियम वाहन सुरक्षा और उत्सर्जन आवश्यकताओं, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को ध्यान में रखते हैं। इन्हें भारत में मौजूद वाहनों और प्रणालियों के अनुसार शामिल किया गया है।
4. परीक्षण केंद्र (ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन-एटीएस) का स्वामित्व या संचालन किसी व्यक्ति या कंपनी या संघ या व्यक्तियों के निकाय या विशेष प्रयोजन वाहन या राज्य सरकार सहित किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।
5. हितों के टकराव से बचने के लिए कोई वित्तीय या व्यावसायिक हित नहीं होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि ऐसा कोई भी व्यक्तिगत, वित्तीय, या अन्य विचार जो एक स्वचालित परीक्षण स्टेशन के मालिक या ऑपरेटर के पेशेवर व्यवहार को प्रभावित या समझौता करने की क्षमता रखते है। यह सुविधा केवल परीक्षण सुविधा के रूप में कार्य करेगी और वाहनों की मरम्मत या वाहनों या ऑटोमोबाइल पुर्जों के निर्माण या बिक्री से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान नहीं करेगी। वाहन की संरचना और प्रकार संबंधित परीक्षण परिणामों के संबंध में जानकारी की सख्त गोपनीयता रखी जाएगी।
6. एटीएस के पूर्व-पंजीकरण/पंजीकरण के लिए एक ही स्थान से स्वीकृति (सिंगल विंडो क्लीयरेन्स) की प्रणाली उपलब्ध कराई जाएगी। पंजीकरण प्राधिकारी राज्य के परिवहन आयुक्त के पद से नीचे का नहीं होगा।
7. स्टेशन के पास वाहन की श्रेणी, पंजीयन (बुकिंग)/नकदी काउंटर,सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सर्वर, उपयोगिताओं, पार्किंग और वाहनों की मुक्त आवाजाही आदि के अनुसार परीक्षण लेन को परिभाषित करने के लिए उपयुक्त स्थान होना चाहिए। वाहन तक सुरक्षित पहुंच के लिए ऐसी आईटी प्रणाली के पास साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र होना चाहिए। इन नियमों में स्टेशन पर कर्मचारियों (नियोजित जनशक्ति) की शैक्षिक योग्यता और अनुभव भी निर्धारित किया गया है।
8. केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 और उत्तीर्ण–अनुत्तीर्ण (पास-फेल) मानदंड के अनुसार किए जाने वाले विभिन्न स्वचालित परीक्षण और दृश्य जांच नियमों में सूचीबद्ध हैं परीक्षण और आईटी उपकरणों के न्यूनतम विनिर्देश भी दिए गए हैं।
9. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा विकसित एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही ऐसे किसी स्वचालित परीक्षण स्टेशन पर फिटनेस परीक्षण के लिए समय दिया जाएगा।
10. वाहन पर किए गए परीक्षणों के परिणामों के साथ सभी स्वचालित और हस्तचालित (मैन्युअल) आंकड़े स्वचालित रूप से एक केंद्रीय इकाई को प्रेषित किए जाएंगे। सभी परिणामों को परीक्षण लेन पर गुप्त रखा (छिपाया) जाएगा और परीक्षण के आंकड़ों (डेटा) को कूटबद्ध (एन्क्रिप्ट) किया जाएगा। परीक्षण रिपोर्ट सभी परीक्षणों के पूरा होने के बाद स्वचालित रूप से उत्पन्न हो जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से वाहन के पंजीकृत मालिक/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता को भेजी जाएगी।
11. यदि कोई वाहन आवश्यक परीक्षणों में विफल रहता है, तो वाहन के पंजीकृत मालिक/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता पुन: परीक्षण के लिए उचित शुल्क जमा करने के बाद पुन: परीक्षण का विकल्प चुन सकते हैं। यदि कोई वाहन इस तरह के पुन: परीक्षण में भी विफल रहता है तब उसके जीवन काल की समाप्ति (एंड ऑफ लाइफ व्हीकल-ईएलवी) घोषित कर दी जाएगी ।
12. यदि पंजीकृत स्वामी/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपेक्षित शुल्क के साथ अपील प्रस्तुत कर सकता है। अपील प्राधिकारी ऐसी अपील प्राप्त होने के पंद्रह कार्य दिवसों के भीतर वाहन के आंशिक या पूर्ण पुन: निरीक्षण का आदेश दे सकता है। ऐसे पुन: निरीक्षण से गुजरने वाले वाहन के परिणामस्वरूप, अपीलीय प्राधिकारी ऐसे वाहन को फिटनेस का प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश देगा। अपीलीय प्राधिकारी का निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी होगा।
13. इन नियमों के तहत स्थापित एटीएस का लेखापरीक्षण (ऑडिट) हर छह महीने में राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज-एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। इस तरह के ऑडिट का खर्च ऐसे स्टेशन के ऑपरेटर द्वारा वहन किया जाएगा। असाधारण परिस्थितियों में, जो पर्याप्त रूप से दर्ज हैं, औचक लेखापरीक्षण भी किया जा सकता है। विस्तृत प्रक्रिया नियमों में उपलब्ध कराई गई है।
14. पंजीकरण प्राधिकारी की कार्रवाइयों के खिलाफ अपील की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है। प्रारंभिक पंजीकरण/पंजीकरण के नवीनीकरण/लेखापरीक्षा और अपील के लिए विवरण प्रपत्र भी उपलब्ध कराए गए हैं।