उपराष्ट्रपति, श्री एम वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में दिव्यांगजनों के कौशल विकास, पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए समग्र क्षेत्रीय केंद्र का दौरा किया। अपनी इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने कौशल विकास इकाई की गतिविधियों, प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र और समग्र क्षेत्रीय केंद्र की अन्य गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और आंध्र प्रदेश सरकार के अंतर्गत आने वाले एनआईईपीआईडी, एलिम्को, एनएचएफडीसी, एनएससीएफडीसी और एनबीसीएफडीसी द्वारा स्थापित किए गए सूचना स्टालों का भी दौरा किया।
इसके बाद उपराष्ट्रपति ने लगभग 100 लाभार्थियों को सहायता और उपकरणों का वितरण किया। उन्होंने लाभार्थी को 32.40 लाख रुपये की लागत वाली ऋण प्रमाणपत्र भी जारी किया।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे उस समय से समग्र क्षेत्रीय केंद्र के साथ जुड़े हुए हैं जब इसकी स्थापना एक अस्थायी परिसर में की गई थी और वे इसके शिलान्यास और उसके बाद उद्घाटन में भी शामिल रहे थे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को जानकारी प्रदान की कि वे सीआरसी के कामकाज को देखने आए हैं, जिससे योजना, निर्माण और कार्यान्वयन का चक्र पूरा होता है। उन्होंने दिव्यांगजनों को शामिल करते हुए पीडब्ल्यूडी को प्रदान की जा रही सुविधाओं और सेवाओं पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा प्रदान की जा रही उत्कृष्ट सुविधाओं और सेवाओं के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को समान अवसर उत्पन्न करने और दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, जिससे कि वे निष्पक्ष समाज का निर्माण कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति होने के नाते वे सभी बैंकरों, वित्तीय संस्थानों और अन्य सेवा प्रदाताओं से आग्रह करते हैं कि वे दिव्यांगजनों के लिए अपने ऋणों का विस्तार करते हुए उन्हें स्वरोजगार प्रदान कर स्वतंत्र रूप से जीने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने एनआईईपीआईडी और सीआरसी, नेल्लोर के सभी अधिकारियों की सराहना की और यह सुझाव दिया कि वे दिव्यांगजनों के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करना जारी रखें।