श्री करतारपुर लंघा संघर्ष समिति, श्री अमृतसर, पंजाब के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री इकबाल सिंह लालपुरा से मुलाकात की और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह को श्री करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने का बड़ा फैसला करने के लिए धन्यवाद देते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर (पाकिस्तान) का सिख पंथ में बहुत महत्व है। सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर में सिख धर्म का प्रचार करते हुए व्यतीत किए थे। देश के विभाजन के बाद, सिख पंथ और नानक नाम लेवा संगतों ने श्री गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल के दर्शन दीदार की लालसा व्यक्त की। करतारपुर गलियारे को दो साल पहले भारत सरकार की पहल पर संगत द्वारा 70 साल से की जा रही प्रार्थना और उनकी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिर से खोल दिया गया था। इसका उद्घाटन 9 नवंबर, 2019 को भारत की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। दुर्भाग्य से, कोविड-19 के प्रकोप के कारण, इसे 16 मार्च, 2020 को बंद कर दिया गया था। तब से, सिख संगत इस करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने का आग्रह करते आ रहे थे।
प्रतिनिधि मंडल ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। सरकार के इस निर्णय से 19 नवंबर, 2021 को श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर संगत में बहुत उत्साह और उल्लास भी आएगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि यह गलियारा निर्बाध रूप से जारी रहेगा और सरकार द्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की अधिकतम संख्या के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।