ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर आवास दिवस मनाया

दैनिक समाचार

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के 5 वर्ष पूरे होने और 20 नवंबर, 2021 को आवास दिवस के उत्सव की पूर्व संध्या पर, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने आवास दिवस मनाने के लिए भूमि पूजन, गृह प्रवेश, लाभार्थियों के घरों को दिखाने के लिए उनके घर जाना, पीएमएवाई-जी आदि के बारे में लाभार्थियोंको संवेदनशील बनाने जैसी विभिन्न गतिविधियां की हैं। सभी के लिए आवास के महान उद्देश्य की पूर्ति सुनिश्चित करते हुएराज्य सरकार के साथ साझेदारी में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय समय सीमा के भीतर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करताहै।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001O51T.png

असम

भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक “सभी को आवास” प्रदान करने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए संशोधित ग्रामीण आवास योजना शुरू की। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) 20 नवंबर, 2016 को शुरू की गई जो पहली अप्रैल 2016 से प्रभावी है। इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002RA5N.jpg

ओडिशा

योजना की भौतिक स्थिति :

योजना की शुरूआत के बाद से संचयी लक्ष्य के मुकाबले पीएमएवाई-जी के तहत उपलब्धि निम्नानुसार है:

2016-17 से 2020-21 तक पीएमएवाई-जी के तहत संचयी लक्ष्य2.62 करोड़  
पंजीकरण2.20 करोड़
जियोटैगयुक्त मकान2.16 करोड़
स्वीकृत मकान की संख्या2.09 करोड़
भुगतान की गई पहली किश्तों की संख्या1.98 करोड़  
भुगतान की गई दूसरी किश्तों की संख्या1.80 करोड़
भुगतान की गई तीसरी किस्तों की संख्या पूर्ण रूप से निर्मित घरों की संख्या1.63 करोड़  

15 नवंबर 2021 तक का आंकड़ा, जैसा कि एमआईएस आवाससॉफ्ट पर दर्ज किया गया है

वित्तीय स्थिति:

पीएमएनाई- जी योजना के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 7775.63 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। योजना की शुरुआत से राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को जारी की गई कुल राशि निम्नानुसार है:

(15 नवंबर, 2021 तक के आंकड़े)

वित्तीय वर्षराज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को जारी की गई कुल राशि (राशि करोड़ रुपये में)
2016-1716,058
2017-1829,889.86
2018-1929,331.05
2019-2027,305.84
2020-2136857.93
2021-227775.63
कुल1,47,218.31

पात्र लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, पीएमएवाई- जी अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी घरों की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करता है। योजना के लाभार्थी मनरेगा से 90/95श्रम दिन के अकुशल श्रम का भी हकदार है। शौचालय के निर्माण के लिए एसबीएम-जी को आवास योजना से जोड़ने के माध्यम से भी मदद ली जाएगी। पीएमएवाई-जी के लाभार्थी को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत पाइप से पेयजल, बिजली कनेक्शन, एलपीजी गैस कनेक्शन आदि भी मिल सकता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003L5ZC.jpg

मध्य प्रदेश

उन परिवारों की पहचान के लिए जो एसईसीसी-2011 के तहत निर्दिष्ट मानकों के अनुसार पीएमएवाई-जी के तहत मदद पाने के लिए पात्र हैं, लेकिन पात्र लाभार्थियों की सूची में उनके नाम शामिल नहीं हैं और ऐसे पात्र परिवारों की एक अतिरिक्त सूची बनाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन “आवास+” का उपयोग करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अभियान चलाया था। सर्वेक्षण जनवरी 2018 में शुरू किया गया, जो 7 मार्च, 2019 तक पूरा हुआ। आवास+ सर्वेक्षण में कुल 3.57 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया जिनमें से 2.76 करोड़ परिवार पात्र पाए गए। 51.07 लाख अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किए जा चुके हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004RRTB.jpg

महाराष्ट्र

इस कार्यक्रम को ई-गवर्नेंस समाधान आवास सॉफ्ट और आवास ऐप के माध्यम से लागू किया जा रहा है और इन्हीं ऐप के जरिए इनकी निगरानी भी की जा रही है। आवास सॉफ्ट ऐप इस योजना के कार्यान्वयन पहलुओं से संबंधित कई आंकड़ों की डेटा रखने और निगरानी के लिए बेहतर साधन के रूप में काम करता है। इन आँकड़ों में भौतिक प्रगति (पंजीकरण, स्वीकृतियाँ, मकान निर्माण पूरा करना और किश्तों का जारी होना आदि), वित्तीय प्रगति, अन्य योजनाओं के साथ मिलान की स्थिति आदि शामिल हैं। 2016 में इस योजना के शुभारंभ के बाद से ही इस सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर को अधिक सुगम बनाने और कार्यक्रम के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसमें नए मॉड्यूल जोड़े गए हैं। सॉफ़्टवेयर में हाल ही में जोड़े गए कुछ मॉड्यूल नीचे दिए गए हैं :

भूमिहीन मॉड्यूल – इस योजना में स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्लूएल) में शामिल भूमिहीन परिवारों का भी ध्यान रखा गया है। राज्य सरकार को भूमिहीन परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर भूमि का प्रावधान सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, पीएमएवाई-जी के पीडब्लूएल में शामिल भूमिहीन लाभार्थियों का सही खाका बनाने और उपलब्ध कराई गई ज़मीन की स्थिति का आकलन करने या भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की स्थिति का पता लगाने के लिए भूमिहीन पर एक मॉड्यूल विकसित किया गया है। यह मॉड्यूल भूमिहीन लाभार्थियों को या तो जमीन खरीदने के लिए आर्थिक रूप से सहायता या भौतिक रूप से जमीन देने की स्थिति को दर्शाता है।

ई-टिकटिंग प्रणाली– पीएमएवाई-जी के तहत राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बताई गईं तकनीकी के साथ-साथ गैर-तकनीकी मुद्दों से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए इस मॉड्यूल की शुरुआत की गई है।

आधार आधारित भुगतान प्रणाली-एबीपीएस सुरक्षित और प्रामाणिक लेनदेन के लिए संबंधित लाभार्थी के आधार नंबर से जुड़े उसके बैंक खाते में पीएमएवाई-जी लाभार्थी को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की अनुमति देता है।

उपरोक्त के अलावा, पीएमएवाईजी की विशेषताओं डिजाइन से लेकर निष्पादन तक को समझने पर एक मॉड्यूल आईजीओटी पर भी उपलब्ध है, जो पीएमएवाई-जी के हितधारकों के क्षमता निर्माण के लिए एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म है।

***

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *