केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज श्रम ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा घरेलू कामगारों पर किए जा रहे पहले अखिल भारतीय सर्वेक्षण की शुरुआत की। घरेलू कामगार (डीडब्ल्यू) अनौपचारिक क्षेत्र में कुल रोजगार का एक अहम हिस्सा हैं। हालांकि, घरेलू कामगारों की संख्या और उनकी मौजूदा रोजगार स्थितियों पर आंकड़ों की कमी है। इसलिए घरेलू कामगारों पर समय-श्रृंखला डेटा रखने की दृष्टि से, भारत सरकार ने श्रम ब्यूरो को डीडब्ल्यू पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण करने का काम सौंपा है।
इस अवसर पर श्री भूपेंद्र सिंह यादव ने घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण के लिए प्रश्नावली के साथ निर्देश पुस्तिका का भी विमोचन किया, जो देश भर के 37 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और 742 जिलों में कराया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसा राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह साक्ष्य आधारित, डेटा संचालित नीति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो सेवाओं के वितरण को लक्षित और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और इस तरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने आगे कहा कि ये सभी अखिल भारतीय सर्वेक्षण और ई-श्रम पोर्टल बड़े बदलाव लाएंगे और डेटा संचालित नीतियों में नए मानक स्थापित करेंगे।
Furthering PM Shri @narendramodi ji's goal of taking the benefits of govt's policy unto the last, flagged off the first ever All India Domestic Workers Survey. It will help the government understand significant issues and chart evidence-based data-driven policies. pic.twitter.com/63z7hp4syo
— Bhupender Yadav (मोदी का परिवार) (@byadavbjp) November 22, 2021
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली ने लॉन्च के दौरान अपने संदेश में कहा कि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने मंत्रालय और श्रम ब्यूरो के अधिकारियों को इसके लिए बधाई दी। इस कार्यक्रम में श्री सुनील बर्थवाल, सचिव (श्रम एवं रोजगार), श्री डी.पी.एस. नेगी, प्रधान श्रम एवं रोजगार सलाहकार एवं मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय),श्री आई.एस. नेगी,महानिदेशक, श्रम ब्यूरो और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण का उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर घरेलू कामगारों की संख्या और अनुपात, लिव-इन/लिव-आउट, औपचारिक/अनौपचारिक रोजगार, प्रवासी/गैर-प्रवासी, उनकी मजदूरी और अन्य सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं के संबंध में घरेलू कामगारों के प्रतिशत वितरण का अनुमान लगाना है।
यह सर्वेक्षण लिव-इन/लिव-आउट घरेलू कामगारों के घरेलू अनुमान और विभिन्न प्रकार के घरों में काम करने वाले घरेलू कामगारों की औसत संख्या भी उपलब्ध कराएगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
- राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर घरेलू कामगारों (डीडब्ल्यू) की संख्या/अनुपात का अनुमान लगाना।
- लिव-इन/लाइव-आउट डीडब्ल्यू के घरेलू अनुमान।
- विभिन्न प्रकार के घरों में काम पर रखे गए घरेलू कामगारों की औसत संख्या।
घरेलू कामगार सर्वेक्षण निम्नलिखित व्यापक मापदंडों पर जानकारी एकत्र करेगा:
• घरों की विशेषताएं जैसे एचएच आकार, धर्म,सामाजिक समूह, सामान्य मासिक खपत व्यय, आवास इकाई की प्रकृति।
• जनसांख्यिकीय विशेषताएं जैसे नाम, आयु, घर के मुखिया से संबंध, वैवाहिक स्थिति, सामान्य शिक्षा स्तर, सामान्य प्रधान गतिविधि स्थिति, सहायक गतिविधि स्थिति और घरेलू कामगारों की स्थिति।
• इसके अलावा, यह सर्वेक्षण घरेलू कामगारों के काम करने की आयु, सामाजिक समूह, प्रवासन स्थिति, व्यावसायिक प्रशिक्षण/शिक्षा,डीडब्ल्यू द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले एचएच की संख्या, उनके द्वारा किए जाने वाले काम, और काम किए गए दिनों की संख्या जैसी जानकारी भी एकत्र करता है। इससे काम के घंटे, पारिश्रमिक का प्रकार और इसकी आवृत्ति, अनुबंध का प्रकार, काम के लिए तय की जाने वाली दूरी, कोविड-19 महामारी से पहले और बाद में रखे गए घरेलू कामगार, और मजदूरी तथा नौकरी पर इसके प्रभाव, रहन-सहन का स्तर और सामाजिक सुरक्षा लाभ के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
• नियोक्ता एचएच के बारे में जानकारी भी एकत्र होगी जैसे लिंग और वैवाहिक स्थिति को देखते हुए घरेलू कामगारों को लेकर उनकी प्राथमिकताएं, मजदूरी के भुगतान का तरीका,काम किए गए दिनों की संख्या, काम पर रखने का तरीका, कोविड-19 महामारी के दौरान घरेलू कामगार की सेवाएं मिली या नहीं, डीडब्ल्यू को दी गई चिकित्सा सहायता आदि।
सर्वेक्षण का दायरा:
- भारत के 37 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों 3 और 742 जिलों को इसमें शामिल किया गया है।
- गणना की इकाई 2011 की जनगणना के अनुसार गांव और यूएफएस के नवीनतम चरण के अनुसार शहरी ब्लॉक हैं।
- अखिल भारतीय स्तर पर, कुल 12766 प्रथम चरण इकाइयों (एफएसयू) यानी 6190 गांवों और 6576 यूएफएस ब्लॉकों को सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा।
- 1,50,000 घरों यानी अल्टीमेट स्टेज यूनिट्स (यूएसयू) को शामिल किया जाएगा।
घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण के नतीजों के1 वर्ष की अवधि के भीतर आने की उम्मीद है।
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