भारत निर्वाचन आयोग ने कल सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का आयोजन मतदाता सूची, पोलिंग स्टेशनों, चालू विशेष वृत्तांत समीक्षा, आईटी एप्लीकेशनों, निर्धारित समयवधि के भीतर शिकायतों का समाधान, ईवीएम/वीवीपैट, पोलिंग स्टाफ, मीडिया एवं संचार का प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण तथा मतदाता तक पहुंच बढ़ाने के कार्यक्रम सम्बंधी विभिन्न विषय आधारित मुद्दों पर चर्चा व समीक्षा करने के लिये किया गया था।
अपने सम्बोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्र ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की कुशलता और उनकी सक्रियता के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि ये सभी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करें, उन न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, जिनका आश्वासन दिया गया है तथा यह भी सुनिश्चित करें कि सभी मतदान केंद्रों में मतदाताओं को बेहतर सुविधायें प्रदान की जायेंगी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे सभी लंबित आवेदनों को तेजी से निपटायें, खासतौर से मतदाता पंजीकरण के मामलों को। उन्होंने दोहराया कि मतदाताओं को वास्तव में बेहतर अनुभव हो, इसे सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को नियमित रूप से राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करनी चाहिये, ताकि उनकी कोई शिकायत हो, तो उसे दूर किया जा सके।
श्री सुशील चंद्र ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य खामियों और चुनौतियों की पहचान करना है, ताकि आयोग के निर्देशों का देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव सम्बंधी गतिविधियों के लिये नई पहलों और बेहतर कामकाज के बारे में सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को मीडिया तथा लोगों तक पहुंच बनाकर जानकारी देनी चाहिये।
चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से बातचीत करते हुये कहा कि चुनावों का कानूनी और नियामक ढांचा बहुत मजबूत है, हालांकि आयोग के विभिन्न निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू करना बहुत जरूरी है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि उन्हें नई सोच रखनी चाहिये, ज्यादा सक्रिय होना चाहिये तथा एक-दूसरे की बेहतर कार्यप्रणाली तथा चुनौतियों से सीख लेनी चाहिये। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का आह्वान किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों से लगातार बातचीत करें, ताकि समन्वय और निगरानी का काम हो सके। उन्हें अहम फीडबैक के लिये दौरे भी करने चाहिये, ताकि आवश्यक सुधार किये जा सकें।
निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने बीएलओ के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर दिया, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग की गतिविधियों का असर और निर्देशों का कारगर क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर काम करने वाले चुनाव अधिकारियों पर ही निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों तथा अधिकारियों को शामिल करके लोगों तक पहुंचबनाने का काम औरसुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम(एसवीईईपी) गतिविधियां गैर-चुनावी समय में भी साल भर चलाई जानी चाहिये। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारीयह सुनिश्चित करें कि सही सूचना और तथ्य नियमित रूप से स्थानीय मीडिया के साथ साझा किये जायें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बन सके।
महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि यह सम्मेलन इसलिये आयोजित किया जा रहा है, ताकि जमीनी स्तर पर कामकाज, विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय और आयोग के निर्देशों के क्रियान्वयन को समझा जा सके। उन्होंने जोर दिया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क करते रहना चाहिये, ताकि मूल्यांकन किया जा सके और आवश्यक सुधार हो सकें।
सम्मेलन के दौरान कल आयोग ने ‘कम्पेंडियम ऑफ केसेस ऑन इलेक्शन लॉ’ जारी किया। आयोग ने एक कॉफी टेबल बुक ‘कंडक्ट ऑफ जनरल इलेक्शंस टू दी असम लेजिस्लेटिव असेम्बली 2021’ और एक लघु वीडियो ‘कॉल ऑफ ड्यूटी’ भी जारी किया। इसे असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने विकसित किया था। वीडियों में दिखाया गया है कि दूर-दराज और दुर्गम स्थानों पर पोलिंग स्टेशन स्थापित करने में चुनाव अधिकारियों को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक मतदाता-गान ‘पावर ऑफ 18’ भी जारी किया गया, जिसे नये मतदाताओं के लिये मणिपुर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने तैयार किया था।।
स्वीप गतिविधियों के बारे में एक मल्टी-मीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जो फोटो मतदाता सूची 2020 की विशेष समीक्षा के बारे में थी। इसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने तैयार किया था। इन सबके अलावा विभिन्न श्रव्य-दृश्य रचनायें, प्रिंट विज्ञापन और फोटो मतदाता सूची 2022 मेंराज्य के दिग्गजों की तरफ से संदेशों को भी शामिल किया गया था।
सम्मेलन में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, वरिष्ठ डीईसी, डीईसी, डीजी और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अलग से एक समीक्षा बैठक चुनाव होने वाले राज्यों के साथ आज भारत निर्वाचन आयोग में तय की गई है, जिसमें चुनाव प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मामलों पर चर्चा की जायेगी।
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