प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार साइबर अपराधों व अन्य अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में कई क़दम उठा रही है
कोरोना काल में देश के पुलिस व सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों ने उनके प्रति देश की जनता के नज़रिए को काफ़ी बदला है, हमें इसेऔर आगे ले जाने की जरुरत है
मोदी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर फ़ॉरेन्सिक साइंस के इस्तेमाल पर बल दे रही है और देश के हर ज़िले में मोबाइल फ़ॉरेन्सिक लैब स्थापित करने की कोशिश की जा रही है
परिवीक्षाधीन अधिकारियों से आह्वान करता हूँ कि‘मेरा क्या, मुझे क्या’की सोच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, इससे आप सहजता के साथ किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हो पाएंगे
मैं आप सभी से कहना चाहता हूँ कि आपकी गतिविधियों का केन्द्र पुलिस थाना और सूचना का केन्द्र बीट अफ़सर होना चाहिए, इससे आपको बहुत मदद मिलेगी
एक आईपीएस अधिकारी जब अपने काडर के राज्य की भाषा, इतिहास और सामाजिक संरचना को अच्छी तरह समझेगा तभी वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छे से कर पायेगा
सभी अधिकारियों को समग्रता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए
राज्यों के अधिकारों में दख़ल दिए बिना और संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए फ़ेक करंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है
देश के संविधान ने आप पर 30-35 साल तक देश की सेवा करने का भरोसा किया है और आपको निर्भय होकर संविधान की स्पिरिट को ज़मीन पर उतारने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जो लोग स्टैंड लेते हैं वही समाज में परिवर्तन के वाहक बनते हैं
अधिकारियों को एक अच्छा और अपने साथियों के हितों की चिंता करने वाला टीम लीडर बनना चाहिए तभी वे सबको साथ लेकर चल सकेंगे और पुलिस की छवि में बदलाव ला सकेंगे
आपको बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए
महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं के साथ नियमित संवाद करना चाहिए जिससे वे भी देश की सेवा में आगे आने के लिए प्रेरित हों
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज भारतीय पुलिस सेवा के 2020 बैच के 122 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से आज नई दिल्ली में मुलाक़ात की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अधिकारियों को अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव करने की दिशा में काम कर रही है और इसके अंतर्गत देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़, नारकोटिक्स और जाली करंसी जैसे कई अपराधों को जघन्य अपराधों की श्रेणी में लाकर इनसे निपटने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
श्री अमित शाह ने कहा कि आप‘मेरा क्या, मुझे क्या’की सोच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, जिससे आप सहजता के साथ किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को समग्रता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि राज्यों के अधिकारों में दख़ल दिए बिना और संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए फ़ेक करंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपकी गतिविधियों का केन्द्र पुलिस थाना और सूचना का केन्द्र बीट अफ़सर होना चाहिए, इससे आपको बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार साइबर अपराधों व अन्य अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में कई क़दम उठा रही है। मोदी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर फ़ॉरेन्सिक साइंस के इस्तेमाल पर बल दे रही है और देश के हर ज़िले में मोबाइल फ़ॉरेन्सिक लैब स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा देश के हर ज़िले में साइबर अपराध रोकने के लिए एक टीम बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। छह साल से ज़्यादा सज़ा वाले सभी मामलों में फ़ॉरेन्सिक सुबूतों को अनिवार्य बनाया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि अगर अपराधियों के सपोर्ट सिस्टम को नष्ट कर दिया जाए तो वे कुछ नहीं कर सकेंगे।
श्री अमित शाह ने कहा कि एक आईपीएस अधिकारी जब अपने काडर के राज्य की भाषा, इतिहास और सामाजिक संरचना को अच्छी तरह समझेगा तभी वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छे से कर पायेगा। अधिकारियों को एक अच्छा और अपने साथियों के हितों की चिंता करने वाला टीम लीडर बनना चाहिए तभी वे सबको साथ लेकर चल सकेंगे और पुलिस की छवि में बदलाव ला सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि देश के संविधान ने आप पर 30-35 साल तक देश की सेवा करने का भरोसा किया है और आपको निर्भय होकर संविधान की स्पिरिट को ज़मीन पर उतारने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जो लोग स्टैंड लेते हैं वही समाज में परिवर्तन के वाहक बनते हैं। श्री शाह ने अधिकारियों से कहा कि आपको बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए। कोरोना काल में देश के पुलिस व सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों ने उनके प्रति देश की जनता के नज़रिए को काफ़ी बदला है और हमें इसको और आगे ले जाने की जरुरत है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं के साथ नियमित संवाद करना चाहिए जिससे वे भी देश की सेवा में आगे आने के लिए प्रेरित हों।
इस बैच में कुल 139 परिवीक्षाधीन अधिकारी हैं जिनमें 17 विदेशी प्रशिक्षु अधिकारी भूटान, मालदीव और नेपाल से हैं। 122 भारतीय परिवीक्षाधीन अधिकारियों में 97 पुरूष अधिकारी जबकि 25 महिला अधिकारी हैं। ये अधिकारी 29 सप्ताह के ज़िला व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग स्थानों पर जाएंगे।
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