सीमा सड़क संगठन ने वर्चुअल माध्यम के जरिए दूसरी सड़क सुरक्षा सेमिनार आयोजित की

दैनिक समाचार

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सड़क सुरक्षा और जागरूकता केंद्र (सीओईआरएसए) ने 15 दिसंबर, 2021 को वर्चुअल माध्यम के जरिए नई दिल्ली से दूसरी सड़क सुरक्षा सेमिनार का आयोजन किया। सीमा सड़क के महानिदेशक (डीजी बीआर) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने एडीजीबीआर पूर्व व उत्तर पश्चिम सहित सभी बीआरओ कर्मियों, परियोजनाओं के सभी मुख्य इंजीनियरों, सीमा सड़क कार्य बलों के कमांडरों और सड़क निर्माण कंपनियों के कमांडिंग अधिकारियों को संबोधित किया। वहीं, विभिन्न परियोजनाओं के प्रतिभागियों और आईआईटी दिल्ली के डॉ. केआर राव ने अपने व्याख्यान दिए।

इस सेमिनार में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। इनमें पहाड़ी सड़कों की सुरक्षा व क्षमता के मुद्दे, पहाड़ी सड़कों में सड़क सुरक्षा, सड़क रख-रखाव का महत्व, शून्य मृत्यु गलियारा, कार्य स्थलों पर सुरक्षा अभ्यास और सड़क सुरक्षा के लिए सड़क डिजाइन व फुटपाथ चिह्न शामिल हैं। इसके अलावा सड़क सुरक्षा ऑडिट के पहलू पर भी चर्चा की गई और प्रतिभागियों ने व्यावाहारिक चुनौतियों से निपटने के लिए अपने विचारों को साझा किया। सड़क सुरक्षा ऑडिट के अगले चरण का संचालन अब वे प्रमाणित ऑडिटर करेंगे जिन्होंने आईआईटी दिल्ली में अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वे विशेष रूप से पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्रों के लिए अन्य मुद्दों के साथ सड़क की ज्यामिति में बेहतर सुरक्षा पहलुओं को शामिल करने व डिजाइन में सुधार के लिए बीआरओ निर्माण अभ्यासों की जांच करेंगे। यह आगामी कार्य अवधि में किए जाने वाले सुधारों के लिए शीघ्र योजना बनाने में सहायक होगा।

इससे पहले ने जून, 2021 में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण के जरिए सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने व कीमती जीवन बचाने के तरीकों के बारे में सुझाव देने के लिए राष्ट्र को सीओईआरएसए समर्पित किया था। इसके बाद सीओईआरएसए ने सितंबर 2021 में अपना पहला सड़क सुरक्षा सेमिनार आयोजित किया और संगठन के व्यक्तियों ने सड़कों के ऑडिट के लिए प्रारंभिक रूपरेखा तैयार की। सड़क सुरक्षा ऑडिट का अभ्यास परियोजनाओं के भीतर व्यक्तियों द्वारा किए गए मौजूदा सड़कों के चरण-वार आंतरिक ऑडिट के साथ क्रमिक तरीके से शुरू किया गया था।

बीआरओ निर्मित सड़कों का उपयोग न केवल सशस्त्र बल और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल करती हैं, बल्कि पूरे देश के पर्यटक व साहसिक कार्यों को करने वाले भी बड़े पैमाने पर करते हैं। निर्माण प्रौद्योगिकी और अभ्यासों की उन्नति के साथ, सभी मौसमों में यातायात को चालू रखने के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे को तैयार किया जा रहा है।

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