अखिल भारतीय तिमाही प्रतिष्‍ठान आधारित रोजगार सर्वे (एक्‍यूईईएस) के पहले दौर के परिणाम के अनुसार छठी आर्थिक गणना (2013-14) की तुलना में अर्थव्‍यवस्‍था के नौ चुनिंदा क्षेत्रों में रोजगार में 29 प्रतिशत की वृद्धि

दैनिक समाचार

सरकार ने अप्रैल, 2021 में अखिल भारतीय तिमाही प्रतिष्‍ठान आधारित रोजगार सर्वे (एक्‍यूईईएस) लॉन्‍च किया था। अप्रैल से जून 2021 की अवधि के लिए तिमाही रोजगार सर्वे के पहले दौर के परिणाम के अनुसार छठी आर्थिक गणना (2013-14) के 9 चुनिंदा क्षेत्रों के सामूहिक 2.37 करोड़ की तुलना में नौ चुनिंदा क्षेत्रों में रोजगार बढ़कर 3.08 करोड़ हो गया। इस तरह रोजगार में 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। शानदार वृद्धि आईटी/बीपीओ क्षेत्र में 152 प्रतिशत की हुई, जबकि स्‍वास्‍थ्‍य में 77 प्रतिशत, शिक्षा में 39 प्रतिशत, मैन्‍युफैक्‍चरिंग में 22 प्रतिशत, परिवहन में 68 प्रतिशत और निर्माण में 42 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

वार्षिक सावधिक श्रम शक्ति सर्वे (पीएलएफएस) के अनुसार देश में सामान्‍य स्थिति के आधार पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्‍यक्तियों के लिए अनुमानित बेरोजगारी दर (यूआर) 2017-18 में 6, 2018-19 में 5.8 और 2019-20 में 4.8 है।

सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन के साथ-साथ नियोजन के लिए कौशल में सुधार करना है। इसी के अनुसार भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्‍न कदम उठाये हैं। भारत सरकार ठोस निवेश तथा सार्वजनिक व्‍यय वाली विभिन्‍न परियोजनाओं को प्रोत्‍साहन दे रही है। इनमें सूक्ष्‍म, लघु तथा मध्‍यम उद्यम मंत्रालय का प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), ग्रामीण विकास मंत्रालय की पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय का दीनदयाल अंत्‍योदय योजना- राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) तथा कौशल विकास और उद्यमता मंत्रालय की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) हैं।

भारत सरकार ने व्‍यवसाय को प्रोत्‍साहित करने और कोविड-19 के नकारात्‍मक प्रभाव को दूर करने के लिए आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के अंतर्गत सरकार 27 लाख करोड़ रूपये से अधिक का राजकोषीय प्रोत्‍साहन दे रही है। भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना (पीएमजीकेवाई) ने कर्मचारी भविष्‍य निधि के अंतर्गत भारत 12 प्रतिशत नियोक्‍ता के शेयर और 12 प्रतिशत कर्मचारी के शेयर का योगदान दिया है। यह 15 हजार रूपये से कम आय वाले 90 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ 100 कर्मचारियों वाले प्रतिष्‍ठानों के लिए मार्च से अगस्‍त 2020 के वेतन का कुल 24 प्रतिशत है।

सरकार ने रोजगार को प्रोत्‍साहित करने तथा घर से वापस आये श्रमिकों और 6 राज्‍यों – बिहार, झारखंड, मध्‍य प्रदेश, ओडिशा, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश के 116 चुनिंदा जिलों में युवाओं सहित समान रूप से प्रभावित व्‍यक्तियों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून, 2020 को 125 दिनों का गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) लॉन्‍च किया। इस अभियान से 39,293 रूपये के कुल व्‍यय के साथ 50.78 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार सृजन हुआ।

आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के भाग के रूप में 1 अक्‍तूबर, 2020 से आत्‍म‍निर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) लांच की गई। इसका उद्देश्‍य सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ नये रोजगारों का सृजन और कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए नियोक्‍ताओं को संवेदी बनाना है। यह योजना कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्‍यम से लागू की जा रही है, इसका उद्देश्‍य नियोक्‍ताओं के वित्‍तीय बोझ को कम करना और उन्‍हें अधिक श्रमिकों को रखने के लिए प्रोत्‍साहित करना है। लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए अंतिम ति‍थि 30.06.2021 से बढ़ाकर 31.03.2022 तक कर दी गई है। 1.17 लाख प्रतिष्‍ठानों के माध्‍यम से 39.59 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेंडर आत्‍मनिर्भर निधि (पीएम स्‍वनिधि) योजना शहरी क्षेत्रों के स्‍ट्रीट वेंडरों को कामकाजी पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए 1 जून, 2020 को लॉन्‍च की गई। ऐसे स्‍ट्रीट वेंडरों के व्‍यवसाय पर कोविड-19 के कारण प्रति‍कूल प्रभाव पड़ा था। इस योजना के अंतर्गत 26.46 लाख लाभार्थियों को 2641.46 करोड़ रूपये दिये गये हैं।

स्‍वरोजगार में सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लागू की जा रही है। इसमें सूक्ष्‍म/लघु व्‍यवसाय उद्यमों तथा व्‍यक्तियों को अपनी व्‍यावसायिक गतिविधियां तेज करने या बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए बिना गारंटी के 10 लाख रूपये तक के ऋण का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत 31.28 करोड़ ऋण नवम्‍बर, 2021 तक मंजूर किए गए हैं।

इन पहलों के अतिरिक्‍त मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्‍मार्ट सिटी मिशन, अटल नवीकरण तथा शहरी परिवर्तन मिशन, सभी के लिए आवास, आधारभूत संरचना विकास, औद्योगिक गलियारों तथा उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना (पीएलआई) जैसे सरकार के अग्रणी कार्यक्रमों का उद्देश्‍य भी उत्‍पादक रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।

यह जानकारी आज लोकसभा में श्रम और रोजगार राज्‍यमंत्री श्री रामेश्‍वर तेली ने दी।               

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