प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क, कारखियां, वाराणसी में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी। 30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी। प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी से जुड़े 1.7 लाख से अधिक दूध उत्पादकों के बैंक खातों में लगभग 35 करोड़ रुपये का बोनस डिजिटल रूप से अंतरित किया। प्रधानमंत्री ने दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ संयंत्र, रामनगर, वाराणसी के लिए बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की मदद से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा विकसित एक पोर्टल और लोगो लॉन्च किया, जो दुग्ध उत्पादों की अनुपालन मूल्यांकन योजना के प्रति समर्पित है।
जमीनी स्तर पर भूमि के मालिकाना अधिकार से संबंधित समस्याओं में कमी लाने के एक अन्य प्रयास में, प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के 20 लाख से अधिक निवासियों को केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अधिकार रिकॉर्ड ‘घरौनी’ को वर्चुअल तौर पर वितरित किया।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इससे वाराणसी के चतुर्दिक विकास की दिशा में चल रही परियोजनाओं में और अधिक तेजी आएगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय भी उपस्थित थे।
सभा को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, ‘आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मजयंती है। उनकी स्मृति में देश, किसान दिवस मना रहा है।’
प्रधानमंत्री ने पशुधन के महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, “हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।” उन्होंने कहा, “भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना, आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है।” उन्होंने मवेशियों के बीच पैर और मुंह की बीमारी के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में कहा, “6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है।”
प्रधानमंत्री ने डेयरी क्षेत्र, पशुपालन की भूमिका और किसानों के जीवन को बदलने में श्वेत क्रांति के नए प्रयास में अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास के कई कारण भी हैं।” उन्होंने कहा, “पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के लिए एकीकृत व्यवस्था जारी की है। सर्टिफिकेशन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला एकीकृत लोगो भी लॉन्च किया गया है। ये प्रमाण, ये लोगो दिखेगा तो शुद्धता की पहचान आसान होगी और भारत के दूध उत्पादों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।”
प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई। उन्होंने कहा, “धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। यही आज समय की मांग है।” प्रधानमंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती और जैविक फसलों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे हमारी कृषि को आत्मनिर्भर बनाने में काफी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के 20 लाख से अधिक निवासियों को केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अधिकार रिकॉर्ड ‘घरौनी’ का वितरण किया। उन्होंने कहा कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों के लिए विकास एवं सम्मान के नए रास्ते खोलेगा और उन्हें विकास की कहानी में हिस्सेदार बनाएगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी तेजी से विकास के मॉडल के रूप में उभर रहा है। नई परियोजनाएं वाराणसी के लोगों के लिए अभूतपूर्व सहूलियतें और सुविधाएं ला रही हैं। उन्होंने कहा कि आज उद्घाटन और शुरू की गई परियोजनाओं से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बुनियादी ढांचे से संबंधित छवि और अधिक मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति को जाति, पंथ, धर्म के चश्मे से देखने वाले लोग डबल इंजन की डबल शक्ति की बात से परेशान हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग स्कूल, कॉलेज, सड़क, पानी, गरीबों के लिए घर, गैस कनेक्शन और शौचालय को विकास का हिस्सा नहीं मानते। प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं और यूपी का विकास भी कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री द्वारा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें लगभग 107 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय का इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन और 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से केन्द्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान में बनाया गया एक शिक्षक शिक्षण केंद्र शामिल है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा बीएचयू और आईटीआई करौंडी में आवासीय फ्लैटों और स्टाफ क्वार्टरों का भी उद्घाटन किया गया।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में, प्रधानमंत्री द्वारा 130 करोड़ रुपये की लागत से महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में डॉक्टरों के छात्रावास, एक नर्स छात्रावास और आश्रय गृह के निर्माण से संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। उन्होंने भद्रसी में 50 बिस्तरों वाले एक एकीकृत आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया। उन्होंने आयुष मिशन के तहत पिंडरा तहसील में 49 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की भी आधारशिला रखी।
सड़क के क्षेत्र में, प्रधानमंत्री ने प्रयागराज और भदोही जाने वाली सड़कों के लिए ‘4 से 6 लेन’ सड़क चौड़ीकरण की दो परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इससे वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यह शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान की दिशा में एक कदम होगा।
इस पवित्र शहर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने श्री गुरु रविदास जी मंदिर, संत गोवर्धन, वाराणसी से संबंधित पर्यटन विकास परियोजना के चरण -1 का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की गई अन्य परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी में एक स्पीड ब्रीडिंग की सुविधा, पयकपुर गांव में एक रीजनल रेफेरेंस स्टैण्डर्ड लेबोरेटरी और पिंडरा तहसील में एक अधिवक्ता भवन शामिल हैं।
आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मजयंती है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
उनकी स्मृति में देश, किसान दिवस मना रहा है: PM @narendramodi
हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है।
गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है: PM
भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना, आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है: PM @narendramodi
6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है।
मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है: PM @narendramodi
मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
इस विश्वास के कई कारण भी हैं: PM @narendramodi
पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं: PM @narendramodi
तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है: PM @narendramodi
भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के लिए एकीकृत व्यवस्था जारी की है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
सर्टिफिकेशन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला एकीकृत LOGO भी लॉन्च किया गया है।
ये प्रमाण, ये LOGO दिखेगा तो शुद्धता की पहचान आसान होगी और भारत के दूध उत्पादों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी: PM @narendramodi
समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा।
यही आज समय की मांग है: PM
समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा।
यही आज समय की मांग है: PM
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद।
उनके सिलबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा: PM @narendramodi
इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं: PM @narendramodi
मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मज़हब के चश्मे से ही देखा: PM @narendramodi
पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है।
— PMO India (@PMOIndia) December 23, 2021
हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं: PM @narendramodi