सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री विवेक जौहरी ने भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर) अधिकारियों के 71वें बैच के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की

दैनिक समाचार

दीक्षांत समारोह के अंतर्गत भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क व अप्रत्यक्ष कर) अधिकारियों के 71वें बैच के प्रोफेशनल प्रशिक्षण का समापन आज राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स (एनएसीआईएन), फरीदाबाद में संपन्न हुआ। 71वें बैच में 35 अधिकारी हैं, जिनमें 10 महिला अधिकारी शामिल हैं। ये युवा अधिकारी आजादी के पश्चात् अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली में भारत के सबसे प्रतिष्ठित सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को संचालित करने की कमान संभालेंगे। 

सी.बी.आई.सी. के अध्यक्ष श्री विवेक जौहरी ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया एवं परेड का निरीक्षण किया।
अपने समापन भाषण में सीबीआईसी के अध्यक्ष  ने अधिकारियों को हमेशा याद रखने का आह्वान किया कि यह उनके प्रशिक्षण का अंत हो सकता है लेकिन निश्चित रूप से उनकी शिक्षा का अंत नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को साहसिक निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया और आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठन को डेटा संचालित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। 
श्री जौहरी ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए 71वें बैच को बधाई दी और एक संपूर्ण व्यक्ति के रूप में विकसित करने के लिए अधिकारियों के परिवारों के योगदान को भी स्वीकार किया।    
एनएसीआईएन के प्रधान महानिदेशक श्री हिमांशु गुप्ता ने स्वागत स्वागत भाषण किया।  उन्होंने कड़ी मेहनत के महत्व एवं उनके प्रोफेशनल जीवन में एक अच्छी कार्य नीति बनाए रखने पर जोर दिया। 
सदस्य (प्रशासन)  श्रीमती संगीता शर्मा ने अपने संबोधन में 71वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सौंपे गए कार्य को उत्साहपूर्वक करें और देश की सेवा के लिए प्रेरित रहें। उन्होंने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और अकादमी में अपने प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध रहने हेतु बैच द्वारा प्रदर्शित असाधारण धैर्य और साहस की सराहना की।
दीक्षांत समारोह के दौरान, प्रशिक्षण के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच प्रशिक्षु अधिकारियों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए पदक से सम्मानित किया गया। श्री गजराज बछावत को सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए वित्त मंत्री स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

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