1. नशा मुक्त भारत अभियान
मादक पदार्थों के दुरुपयोग के मुद्दे से निपटने और भारत को नशा मुक्त बनाने के लिए देश में नशीले पदार्थों के उपयोग के मामले में सबसे संवेदनशील रूप से पहचान किए गए 272 जिलों में 15 अगस्त, 2020 को नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) की शुरुआत की गई थी। इन संवेदनशील जिलों की पहचान व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर की गई थी।
यह अभियान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशीले पदार्थों की आपूर्ति पर लगाए गए अंकुश, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पहुंच और जागरूकता तथा मांग में कमी लाने के प्रयास एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपचार को शामिल करते हुए एक तीन-आयामी हमला है।
युवाओं, शैक्षणिक संस्थानों, महिलाओं, बच्चों और नागरिक समाज संगठनों/गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की प्रमुख लक्षित आबादी और नशा मुक्ति अभियान के हितधारकों के रूप में परिकल्पना की गई है।
नशा मुक्त भारत अभियान 15 अगस्त, 2020 को पहचान किए गए 272 जिलों में शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत से ही पूरे देश में अनेक प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया गया है, जिनमें समाज के सभी वर्गों और हितधारकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है। जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तर नशा मुक्त समितियों ने योजना बनाकर अपने-अपने जिलों में इस अभियान के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई है।
- इस अभियान के लिए की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अब तक इन पहचान किए जिलों में 1.4 करोड़ से अधिक लोगों के साथ संपर्क किया गया है।
- इस अभियान की गतिविधियों में 45 लाख से अधिक युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया है।
- आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, महिला मंडलों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक बड़े समुदाय तक पहुंचने में 29.5 लाख से अधिक महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- पूरे देश में अब तक 30 लाख से अधिक छात्र स्कूलों और कॉलेजों जैसे 55,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और सत्रों में शामिल हुए हैं।
- इन पहचान किए गए 272 जिलों में इस अभियान की गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए मास्टर स्वयंसेवकों का चयन करके उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। 8,000 से अधिक मास्टर वालंटियर्स का मजबूत नेटवर्क इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
- मंत्रालय ने अनेक गतिविधियों और ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से ऑनलाइन स्पेस प्राप्त करने और विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ने का प्रयास किया है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अभियान के सोशल मीडिया अकाउंट्स ने ऑनलाइन उपस्थिति के लिए प्रभावी माध्यम के रूप में काम किया है।
- मंत्रालय के साथ-साथ राज्यों और जिलों के उच्च अधिकारियों, विभिन्न क्षेत्रों के विषयवस्तु मुद्दों और क्षेत्र विशेषज्ञों, मादक पदार्थों के क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवरों और बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी के साथ डीसी/डीएम के साथ पैनल चर्चाओं और ऑनलाइन प्रतियोगिताओं जैसे ऑनलाइन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
- मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया था, जिसे वास्तविक रूप से हो रही गतिविधियों की जानकारी देने और डेटा उपलब्ध करने के लिए शुरू किया गया था। इस ऐप का उपयोग चयन किए गए उन वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है जो अभियान के साथ-साथ जिले के अधिकारियों द्वारा आयोजित की जाने वाली गतिविधियों और उनके संचालन में शामिल हैं। सभी एकत्रित डेटा को एनएमबीए डैशबोर्ड में प्रस्तुत किया जाता है, जहां यह विस्तृत जानकारी जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर देखी जा सकती है।
- एनएमबीए के लिए एक वेबसाइट (http://nmba.dosje.gov.in) को इस अभियान के बारे में उपयोगकर्ता/दर्शक को विस्तृत जानकारी और पूरा ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से लाइव और सार्वजनिक किया गया है।
- एनएमबीए वेबसाइट में मादक पदार्थों के दुरुपयोग से संबंधित किसी प्रश्न के बारे में फोरम और चर्चा के लिए एक इंटरैक्टिव स्पेस भी है। 24 घंटे के भीतर विषयवस्तु और क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। ये विशेषज्ञ निम्हांस और पीजीआई एमईआर जैसे प्रसिद्ध संस्थानों से जुड़े हैं।
- मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सभी पुनर्वास, उपचार और परामर्श सुविधाओं को जियो-टैग किया गया है।
- इन तक इस वेबसाइट (https://www.google.com/maps/d/u/0/viewer?mid=1tdLtmShkciGDV57B25ZpzI_Mp6CDiN7U&ll=23.65618657066699%2C85.93051471425989&z=5) द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- इस अभियान और उसके उद्देश्यों और जिलों के प्रयासों के बारे में एक लघु फिल्म बनाई गई है।
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, वीआईटी जैसे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने परिसरों और उनके आसपास मौजूद संवेदनशील समुदायों में इस अभियान के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
- आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए, मंत्रालय ने परिभाषित मानकों के अनुसार अगस्त 2021 से अगस्त 2022 तक 100 जिलों को ‘नशीली दवा के संवेदनशील जिले’ घोषित करने की योजना बनाई है।
2. आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर रहने वाले व्यक्तियों के लिए ‘स्माइल’ योजना
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक प्रमुख योजना ‘स्माइल-सपोर्ट फॉर मार्जिनेलाइज्ड इंडिविजुअल फॉर लाइव्लीहुड एंड इंटरप्राइज’ योजना तैयार की है, जिसमें दो उप योजनाएं- ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास हेतु केंद्रीय क्षेत्र योजना’ और दूसरी भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के लिए’ केंद्रीय क्षेत्र योजना शामिल हैं। इस अम्ब्रेला योजना में कई व्यापक उपाय शामिल हैं, जिनमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और भीख मांगने के काम में लगे व्यक्तियों के लिए कल्याण उपायों सहित अनेक व्यापक उपाय शामिल हैं, जिनमें राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय शहरी निकायों, स्वैच्छिक संगठनों, समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) और अन्य संस्थानों की सहायता से पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास और आर्थिक संबंधों के बारे में व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है। इस योजना के जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है।
3. अनुसूचित जाति (एससी) छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
एससी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केंद्रीय कैबिनेट ने दिसंबर, 2020 में 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए योजना में परिवर्तनकारी बदलावों को मंजूरी दी थी। इनमें केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 की तय साझेदारी ढांचा और 2021-22 के बाद लाभार्थियों को केंद्रीय शेयर का डीबीटी शामिल है। मार्च, 2021 के दौरान संशोधित योजना के कार्यान्वयन को लेकर समय कम होने के बावजूद योजना के तहत आवंटन की उपलब्धि असाधारण थी और यह आवंटित बजट के 105 प्रतिशत से अधिक थी। 62 लाख से अधिक लाभार्थियों (अब तक राज्यों ने सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाए हैं) को कवर करते हुए 4008.60 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से लाभार्थियों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष केंद्रीय हिस्सा प्रदान किए जाने की बड़ी पहल को विभाग सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। इसके तहत 6 दिसंबर, 2021 तक 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के लिए कुल 245.42 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
4. एनएसकेएफडीसी की उपलब्धियां
- एनएसकेडीएससी की ऋण योजना की उपलब्धियां
- नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसकेएफडीसी) ने कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान 21.12.21 तक एनएसकेएफडीसी की विभिन्न ऋण योजनाओं का लाभ 21,869 लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए अपनी चैनलाइजिंग एजेंसियों को 99.33 करोड़ रुपये का वितरण किया है।
- मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देने और लक्षित समूह को आजीविका के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से, एनएसकेएफडीसी अपनी स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) के तहत मशीनीकृत सफाई उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। लक्षित समूह के लाभार्थियों को शहरी स्थानीय निकायों से मशीनीकृत सफाई के लिए दीर्घकालिक ठेका प्रदान किया जाता है और एसयूवाई योजना के अंतर्गत संबंधित उपकरणों/वाहनों को एसआरएमएस योजना के तहत पूंजी व ब्याज सब्सिडी के प्रावधान के साथ राशि प्रदान की जाती है।
- सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज के तहत विभिन्न शहरों में 28 ऋण मेलों का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य एनएसकेएफडीसी की स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) के तहत मशीनीकृत सफाई उपकरणों/वाहनों की खरीद के लिए एनएसकेएफडीसी के लक्षित समूह को वित्तीय सहायता प्रदान करना था।
- एनएसकेएफडीसी ने अपने लक्षित समूह के 142 लाभार्थियों के लिए कुल 13.73 करोड़ रुपये की लागत वाले मशीनीकृत सफाई उपकरणों की 117 इकाइयों की खरीद के लिए 5.19 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की है।
- स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई)
नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसकेएफडीसी) ने 2 अक्टूबर, 2014 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) की शुरुआत की थी। इस योजना को स्वच्छता और सफाई कर्मचारियों व उनके आश्रितों को आजीविका प्रदान करने व मैनुअल स्कैवेंजर्स से मुक्त करने के दोहरे उद्देश्य को साथ शुरू किया गया है। एनएसकेएफडीसी स्वच्छता संबंधी मशीनीकृत उपकरणों के संचालन और वाहनों की खरीद के लिए अपने लक्षित समूह को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
ए. एनएसकेएफडीसी की स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) के तहत शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को वित्तीय सहायता: एनएसकेएफडीसी की एसयूवाई योजना के तहत शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को किसी भी मशीनीकृत सफाई उपकरण/वाहन की खरीद के लिए ऋण प्रदान किया जाता है, जिसकी इकाई लागत 50.00 लाख रुपये से अधिक नहीं है। इसका विवरण निम्नलिखित है:
लाभार्थी का प्रोफाइल | अधिकतम सीमा (तक) | ब्याज दर | एनएसकेएफडीसी ऋण शेयर | यूएलबी शेयर | पुनर्भुगतान की अवधि |
नगर निगम/जल बोर्ड, जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग, छावनी बोर्ड आदि। | 50.00 लाख रुपये प्रति यूनिट (इकाइयों की संख्या 1 से अधिक हो सकती है) | 4 प्रतिशत वार्षिक (समय पर चुकाने के लिए 1 प्रतिशत छूट) | 90 प्रतिशत | 10 प्रतिशत | 10 साल तक |
बी. एनएसकेएफडीसी की स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) के तहत स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के जरिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
सी. एसयूवाई योजना के तहत लक्षित समूह को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है
एसआरएमएस योजना के तहत पूंजी और ब्याज सब्सिडी का अनुदान: एनएसकेएफडीसी इस पहल को बढ़ावा देने के लिए एसआरएमएस योजना के तहत अग्रिम पूंजी सब्सिडी और ब्याज सब्सिडी प्रदान करके मैनहोल से मशीन-होल की ओर बदलाव के उद्देश्य से सक्रियता के साथ काम कर रहा है।
पूंजीगत सब्सिडी:- एसआरएमएस योजना के तहत मशीनीकृत सफाई उपकरणों की खरीद के लिए अग्रिम पूंजीगत सब्सिडी भी निम्नानुसार स्वीकार्य है:
परियोजना लागत की सीमा (रुपए) | पूंजीगत सब्सिडी | ||
व्यक्तिगत के लिए | |||
5,00,000 रुपये तक | परियोजना लागत का 50 प्रतिशत | ||
5,00,000 से 15,00,000 | 2.5 लाख रुपये + शेष परियोजना लागत का 25 प्रतिशत | ||
समूह परियोजनाओं के लिए | |||
अधिकतम परियोजना लागत 50,00,000 रुपये के साथ प्रति लाभार्थी 10,00,000 रुपये तक | व्यक्तिगत लाभार्थियों के समान, प्रति लाभार्थी अधिकतम 3.75 लाख रुपये | ||
ब्याज सब्सिडी
योजना के तहत ब्याज की दर 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। मासिक आधार पर बैंक की ब्याज दर और योजना के तहत तय ब्याज दर के बीच के अंतर का भुगतान ब्याज सब्सिडी के रूप में किया जाता है।
स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं के लिए एसयूवाई योजना के तहत प्रगति
2021-22 के दौरान अब तक 139 लाभार्थियों को स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं से संबंधित उपकरणों/मशीनों की खरीद के लिए 5.09 करोड़ रुपये की अग्रिम पूंजी सब्सिडी प्रदान की गई है।
- प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (प्रधानमंत्री-दक्ष) योजना की उपलब्धियां
2020-21 में विभाग ने कचरा उठाने वालों के साथ अनुसूचित जाति (एससी) और सफाई कर्मचारियों को शामिल करते हुए ओबीसी/ईबीसी/डीएनटी के लिए कौशल से संबंधित सहायता की मौजूदा योजना में संशोधन किया था। इस संशोधन के बाद केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री-दक्ष योजना कर दिया गया। इसका उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता वाले संस्थानों और प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों/साझेदारों (टीआई/टीपी) के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कौशल प्रदान करना है, जिससे लक्षित समूह के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें। इसके अलावा वैसे ग्रामीण शिल्पकार जो बाजार में नई तकनीकों के आने की वजह से हाशिए पर चले गए हैं, उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे नई प्रक्रियाओं को अपना सकें और अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें। एसएफसी की मंजूरी के बाद सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (प्रधानमंत्री-दक्ष) योजना को जारी रखेगा। इसके तहत 450.25 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ अगले पांच वर्षों (2021-22 से 2025-26) की अवधि में कचरा उठाने वालों के साथ-साथ लगभग 2,71,000 एससी/ओबीसी/ईबीसी/डीएनटी/सफाई कर्मचारियों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
1.1 प्रधानमंत्री दक्ष योजना के तहत की गई पहल
- माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिनांक 07.08.2021 को प्रधानमंत्री-दक्ष पोर्टल और प्रधानमंत्री-दक्ष मोबाइल ऐप को लॉन्च किया था।
- प्रधानमंत्री-दक्ष पोर्टल ‘प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (प्रधानमंत्री-दक्ष) योजना’ के तहत नि:शुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान करता है। इसके तहत 18 से 45 वर्ष की उम्र के कूड़ा उठाने वालों के साथ एससी, ओबीसी, ईबीसी, डीएनटी, स्वच्छता कर्मचारी से संबंधित उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
- अप-स्किलिंग/री-स्किलिंग, अल्पावधि प्रशिक्षण, दीर्घावधि प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीबी) जैसी चार पहल उनके कौशल को बढ़ाने के लिए शुरू की गई हैं। इसके लिए इच्छुक उम्मीदवार pmdaksh.dosje.gov.in या मोबाइल ऐप “पीएम-दक्ष” को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करके उस पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
- प्रधानमंत्री-दक्ष योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकारों के प्रधान सचिवों और डीएम/डीसी को पहले ही पत्र लिखे जा चुके हैं।
1.2 पीएम –दक्ष की वर्षांत उपलब्धि
- पीएम-दक्ष पोर्टल और पीएम-दक्ष मोबाइल ऐप माननीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार द्वारा 07.08.2021 को लॉन्च किए गए थे। पीएम-दक्ष पोर्टल ‘प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना’ के तहत एक नि:शुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रस्तुत करता है। 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में एससी, ओबीसी, ईबीसी, डीएनटी, कचरा बीनने वाले सहित सफाई कर्मचारियों से संबंधित प्रत्याशियों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं तथा उनमें कौशल बढ़ाने के लिए अप-स्किलिंग/रि-स्किलिंग, अल्प अवधि प्रशिक्षण, दीर्घ अवधि प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) जैसी चार युक्तियां (इंटरवेंशन) शुरू की गई हैं।
- प्रत्याशियों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पोर्टल 08.08.2021 से 30.09.2021 तक खुला है। 30.11.2021 तक पीएम-दक्ष पोर्टल की स्थिति निम्नलिखित है:
क्रम संख्या. | युक्तियां | |
1 | पंजीकृत प्रत्याशियों की कुल संख्या | 51608 |
2 | पंजीकृत संस्थान/केंद्र की कुल संख्या | 76 |
3 | प्रस्तुत प्रशिक्षण/पाठ्यक्रमों की कुल संख्या | 341 |
4 | चल रहे बैचों की कुल संख्या | 537 |
5 | प्रत्याशियों की कुल संख्या जिनके लिए प्रशिक्षण आरंभ किया गया है | 19199 |
निगम वार भौतिक उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
भौतिक उपलब्धियां (30.11.2021 तक)
वर्ष | एनएसएफडीसी | एनबीसीएफडीसी | एनएसकेएफडीसी | कुल |
2021-22* | 6539 | 9770 | 2890 | 19,199 |
*लक्ष्य (49,800) में से, प्रशिक्षण कार्यक्रम 19,199 प्रत्याशियों के लिए आरंभ कर दिया गया है। आगे के प्रशिक्षण की शुरुआत प्रगति पर है।
- वित्तीय उपलब्धि
2021-22 के दौरान, इस स्कीम के तहत 80.19 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। 2021-22 में पीएम-दक्ष के लिए निगमों को कोई निधि जारी नहीं की गई है क्योंकि ऐसा निर्णय लिया गया है कि निगमों को पहले उनके पास बची शेष राशि व्यय करनी होगी और 2020-21 में उन्हें जारी की गई निधि के 80 प्रतिशत के उपयोग के बाद, वे और अधिक राशि जारी किए जाने के लिए प्रस्ताव भेज सकते हैं।
ii. हाथ से मैला उठाने वालों (एसआरएमएस) के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना की स्कीम
ए. यह योजना 1.4.2021 से संशोधित की गई है। इस स्कीम के तहत किए गए प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं:
i. स्वरोजगार परियोजनाओं के लिए पूंजीगत सब्सिडी की अधिकतम राशि की सीमा को 3.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5.00 लाख रुपये करना।
ii. पूंजीगत सब्सिडी का भुगतान अपफ्रंट यानी अग्रिम रूप से किया जाना चाहिए न कि बैक-एंडेड (बाद में)।
iii. सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों को भी स्वच्छता संबंधित परियोजनाओं के लिए पात्र बनाया गया है।
iv. 50 लाख रुपये तक की लागत वाली समूह परियोजनाओं के लिए भी सहायता स्वीकार्य होगी। समूह के प्रत्येक सदस्य के पास 10 लाख रुपये तक की परियोजना हिस्सेदारी हो सकती है। समूह के प्रत्येक सदस्य को स्वीकार्य अधिकतम पूंजीगत सब्सिडी 3.75 लाख रुपये है। समूह को स्वीकार्य अधिकतम पूंजीगत सब्सिडी 18.75 लाख रुपये है।
ब. 2021 के दौरान, अभी तक 142 स्वच्छता श्रमिकों को स्वच्छता संबंधित परियोजनाओं के लिए 5.19 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध कराई गई है।
5. वरिष्ठ नागरिक
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (आईडीओपी) के अवसर पर, मंत्रालय ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक समारोह का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता माननीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने की। माननीय उपराष्ट्रपति वयो नमन-2021 नामक इस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर निम्नलिखित कार्यकलाप आयोजित किए गए:
- वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किया जाना -वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
माननीय उपराष्ट्रपति ने 05 संस्थानों तथा 06 व्यक्तियों को वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किया। ये पुरस्कार बुजुर्गों के कल्याण के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए संस्थानों को तथा अलग-अलग वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य प्रदर्शित करने के लिए प्रदान किए गए।
- राष्ट्र को एल्डरलाइन समर्पित करना
राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एल्डरलाइन-14567 नामक एक टॉल फ्री राष्ट्रीय हेल्पलाइन समर्पित की। यह हेल्पलाइन शिकायत निवारण के लिए वरिष्ठ नागरिकों को एक मंच उपलब्ध कराती है। यह हेल्पलाइन माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख एवं कल्याण (एमडब्ल्यूपीएससी), 2007 तथा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए निमित्त केंद्रीय सरकार की स्कीमों के संबंध में जागरूकता निर्माण के क्षेत्र में भी योगदान देती है।
- सैक्रेड (एसएसीआरईडी) पोर्टल लॉन्च किया जाना
माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा सीनियर एबल सिटीजन फार री-एंप्लायमेंट इन डिगनिटी (एसएसीआरईडी) (https://sacred.dosje.gov.in/) नामक एक पोर्टल लॉन्च किया गया। यह पोर्टल ऐसी कंपनियों की प्राथमिकताओं को जो ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को नियुक्त करने के लिए तैयारी है, इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों की प्राथमिकताओं के साथ वर्चुअल रूप से मिलान करने के द्वारा उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया।
- एसएजीई (सेज) पोर्टल
अटल वयो अभ्युदय योजना के तहत देश में रजत अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक स्कीम लॉन्च की गई थी जिसका उद्देश्य वृद्धजन कल्याण (रजत अर्थव्यवस्था) के क्षेत्र में स्टार्टअप्स की सहायता करना है। इन स्टार्टअप्स की भारत सरकार की इक्विटी भागीदारी के तहत सहायता की जानी है जो अधिकतम 49 प्रतिशत इक्विटी के अधीन तथा अधिकतम प्रति स्टार्टअप 1 करोड़ रुपये के अधीन होगी। आईडीओपी के अवसर पर, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चयनित स्टार्टअप्स की घोषणा की गई।
6. डीएनटी समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्कीम (सीड)
मंत्रालय ने डीएनटी समुदायों के कल्याण के लिए अगले पांच वर्षों के लिए कुल 200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘डीएनटी समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्कीम (सीड)’ नामक एक स्कीम का निर्माण किया है जिसके निम्नलिखित चार घटक हैं: –
(i) डीएनटी प्रत्याशियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने में सक्षम बनाने के लिए उन्हें अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करना,
(ii) उन्हें स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना,
(iii) सामुदायिक स्तर पर आजीविका पहल को सुगम बनाना और
(iv) इन समुदाय के सदस्यों के लिए घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
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