भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच आज मुक्त व्यापार समझौते के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू हुई।
यह घोषणा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूनाइटेड किंगडम की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी मैरी ट्रेवेलेयन द्वारा की गई है, जो मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में हैं।
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए वास्तविक अवसर होगा और भारत यूके द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा।
भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापार संबंध पहले से ही महत्वपूर्ण हैं। दोनों पक्ष 2030 तक उस द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर सहमत हुए हैं, जो मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा घोषित रोडमैप 2030 में किया गया था। भारत और यूके दोनों देशों में नौकरी, व्यवसाय और समुदायों का सहयोग करने वाले पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते पर सहमत होने का प्रयास करेंगे।
व्यापार वार्ता दोनों देशों के लिए प्राथमिकता में होगी, जैसा कि मई 2021 में हमारे प्रधानमंत्रियों द्वारा उन्नत व्यापार भागीदारी निर्माण शुरू किया गया था।
वार्ता में और व्यापक समझौते के रास्ते पर दोनों सरकारें एक अंतरिम समझौते के विकल्प पर विचार करेंगी जो दोनों देशों के लिए शीघ्र लाभ अर्जित करेगा। व्यापार वार्ता के समानांतर भारत-यूके संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति भारत-यूके व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने और व्यापार समझौते के बाहर बाजार तक पहुंच की बाधाओं को दूर करने के लिए काम करना जारी रखेगी।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि पहले दौर की वार्ता 17 जनवरी से शुरू होगी और भविष्य के दौर की बातचीत लगभग हर पांच सप्ताह में होगी। भारतीय वार्ता दल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री निधि मणि त्रिपाठी करेंगी और ब्रिटेन की वार्ता टीम का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग में भारत वार्ता के निदेशक हरजिंदर कांग करेंगे।
दोनों देशों की महत्वाकांक्षा एक व्यापक समझौते के निर्माण पर बातचीत करना है जिससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
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