- फ्लीट ऑपरेटरों के मौजूद बेड़े को ईवी में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर वर्चुअल कांफ्रेंस हुआ आयोजन
- दिल्ली देश का पहला राज्य है, जिसने एग्रीगेटर्स के लिए ईवी को अनिवार्य कर दिया है
- दिल्ली सरकार की पारदर्शिता और सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ ले कर चलने की प्रतिबद्धता के कारण ही दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना इतना आसान हो पाया है – कैलाश गहलोत
- मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में हम ईवी नीति के सफल क्रियान्वयन के अपने वादों को पूरा कर रहे हैं- कैलाश गहलोत
- दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक वेबसाइट भी लॉन्च की है, जो दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों से सम्बंधित जानकारी के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में कार्य कर रही है- कैलाश गहलोत
नई दिल्ली, 24 जनवरी, 2022
दिल्ली सरकार ने एग्रीगेटर स्कीम 2021 पर चर्चा और विचार-विमर्श के लिए आज एक वर्चुअल कांफ्रेंस का आयोजन किया। दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में सवारी एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। वर्चुअल कांफ्रेंस में एग्रीगेटर्स ने स्कीम से सम्बंधित रेगुलेटर और ऑपेरशन विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
वर्चुअल मीटिंग में ऑन- डिमांड सर्विस मोबिलिटी ऑपरेटरों, फ्लीट एग्रीगेटर्स, ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम), लास्ट-माइल डिलीवरी ऑपरेटर्स, सिविल सोसाइटी संगठनों और विशेषज्ञों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। साथ ही इस कॉन्फ्रेंस में 80 से अधिक उद्योग जगत के लीडर्स ने भाग लिया और फ्लीट एग्रीगेटर योजना के निर्बाध कार्यान्वयन पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव साझा किए। इस दौरान दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, प्रमुख सचिव-सह-आयुक्त (परिवहन) और दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (पर्यावरण) भी मौजूद थे।
वर्चुअल मीटिंग की शुरुआत में दिल्ली सरकार के एग्रीगेटर स्कीम 2021 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि योजना की शुरू के पहले 3 महीनों के भीतर एग्रीगेटर्स द्वारा नए ऑनबोर्ड दोपहिया और तिपहिया वाहनों का 10 फीसद वाहन इलेक्ट्रिक हों। साथ ही योजना के पहले वर्ष में एग्रीगेटर्स द्वारा नए ऑनबोर्ड दोपहिया और तिपहिया वाहनों का 50 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन हों। इसी तरह, योजना के तहत, एग्रीगेटर्स को अपने नए ऑनबोर्ड चार पहिया वाहनों में से 5 फीसद वाहनों को 3 महीने के भीतर इलेक्ट्रिक में बदलना होगा और योजना के पहले वर्ष में ऑनबोर्ड चार पहिया वाहन का 25 फीसद इलेक्ट्रिक करना होगा।
बैठक के दौरान औद्योगिक जगत के प्रतिनिधियों ने एग्रीगेटर नीति पर अपने इनपुट प्रदान किए। इस वर्चुअल मीटिंग का उद्देश्य फ्लीट ऑपरेटरों के मौजूदा बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना था। बैठक में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में हम ईवी नीति के सफल क्रियान्वयन के अपने वादों को पूरा कर रहे हैं। दिल्ली देश का पहला राज्य है, जिसने राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं के लिए ईवी को अनिवार्य कर दिया है।“ उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक वेबसाइट भी लॉन्च की है, जो दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों से सम्बंधित जानकारी के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में कार्य कर रही है।“
ईवी तंत्र में साझेदारी और सहयोग की आवश्यकता और परिवहन विभाग द्वारा एग्रीगेटर नीति को अपनाने पर प्रकाश डालते हुए परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव-सह-आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा, “हम बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे को हल करने के लिए शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पूरी प्रक्रिया को आसान रखना चाहते हैं, जिससे कि किसी को भी कठिनाई न हो।ड्राफ्ट योजना दिल्ली सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस योजना पर प्राप्त प्रतिक्रिया और सुझावों से हमें इन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।“