मोदी सरकार का यूनियन बजट दिल्लीवासियों के लिए जीरो बजट रहा – चौ0 अनिल कुमार

दैनिक समाचार

नई दिल्ली, 1 फरवरी, 2022। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए यूनियन बजट में दिल्ली के लिए कुछ नही दिया है। 2022-23 का बजट पूरी तरह से जीरो बजट है जिसमें आसमान छूती मंहगाई और कोविड संक्रमण के कारण आर्थिक मंदी झेल रही राजधानी के लोगों को कोई राहत नही दी है। पेट्रोल-डीजल सहित रसोई गैस की बढ़ती दरों में कमी और पेट्रोल और डीजल पर एक्साईज ड्यूटी में राहत की उम्मीद कर रहे दिल्लीवासी, बजट के बाद खाली हाथ रह गए है। भाजपा की केन्द्र सरकार के 7 वर्षों के शासन में महंगाई और बेरोजगारी ने कीर्तिमान स्थापित किए है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट में अपने पूंजीपति मित्रों के हित साधने का काम किया है, जबकि गरीबों और नौकरीपेशा लोगों को राहत देने को पूरी तरह दूर रखा गया है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यदि मूल्यांकन किया जाए तो बजट में वेतन भोगियों, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, गरीबों और वंचितों, युवाओं, किसानों और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों, संगठित, असंगठित क्षेत्रों के लिए कुछ नही दिया है। बजट के बाद भाजपा सरकार से इन वर्गों की उम्मीदें टूट गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से हताहत दिल्लीवासी पिछले 2 वर्षों में आर्थिक बदहाल हो चुके है, भाजपा की गलत नीतियों के कारण दिल्ली में गरीबी और बेरोजगारी दर चरम पर पहुच रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यूनियन बजट में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक मदद करने के नाम पर हाशिए पर रखा है जबकि दिल्ली में निगम चुनाव होने वाले है और निगमों के पास डाक्टरों, नर्सों, टीचरों, सफाई कर्मचारियों, पेरोमेडिकल स्टॉफ सहित अन्य वर्गों के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए फंड की कमी होने बावजूद मोदी सराकर ने निगमों की आर्थिक सुदृढ़ता के लिए कोई घोषणा नहीं की।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्लीवालों को उनके हाल छोड़ दिया है। दिल्ली सरकार के पास दिल्ली के विकास और कल्याण के लिए पर्याप्त धन होने के बावजूद दिल्ली सरकार फिजूलखर्ची और अपने प्रचार के लिए विज्ञापना पर करदाताओं की राशि को खर्च कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 बजट में मोदी सरकार का एकमात्र उदेश्य अपने कुटिल राजनीतिक रणनीति को पूरा करना है, बजट में केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली के विकास के लिए कोई कोशिश नही की गई है।

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