साम्प्रदायिक इतिहासकार मध्यकाल में सुल्तानों द्वारा तोड़े गये मंदिरों का अक्सर बड़े जोश-खरोश के साथ वर्णन करते हैं.
यह तो जाहिर है कि हिन्दुओं को इस्लाम के पक्ष में लाने के लिए मंदिरों को नहीं तोड़ा जाता रहा होगा, क्योंकि कोई भी यह कल्पना भी नहीं कर सकता है कि किसी जनमानस के हृदय को जीतने का तरीका है जाकर उसके मंदिरों को तोड़ डालें. मंदिरों को तोड़ने से हिन्दू प्रजा के हृदय […]
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