सुधारवाद और क्रांतिकारिता
Ashok Kumar पूंजीवादी व्यवस्था की यह विशेषता है कि इसमें सामंती अवशेषों के रूप में जातियों का अस्तित्व तो रहता है, और पूंजीवादी व्यवस्था के मौजूद रहने तक रहेगा ही, लेकिन सामंती व्यवस्था की तुलना में, पूंजीवादी व्यवस्था के खुलेपन के कारण इस व्यवस्था में, कोई भी पूरी जाति शोषित नहीं रह जाती, और न […]
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