- बजट में कर्मचारियों का ज़िक्र ना करके भाजपा शासित एमसीडी ने अपनी नाकामी साबित की- प्रेम चौहान
- बजट में निगम में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए न कोई सुझाव था और न कोई नीति निर्धारण- प्रेम चौहान
- स्पष्ट है सारा भ्रष्टाचार भाजपा शासित एमसीडी के नेताओं के संरक्षण में हो रहा है- प्रेम चौहान
नई दिल्ली: 10 फरवरी 2022
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की आज की बैठक में सदन ने बजट पेश किया गया। नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने उस बजट को एमसीडी में शासित भाजपा के झूठे वादों का जीता-जागता स्वरूप बताया। प्रेम चौहान ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी अपने कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं तक देने में नाकाम रही है। और आज प्रस्तुत बजट में उनका ज़िक्र ना करके भाजपा ने अपनी नाकामी को साबित कर दिया है। नेता विपक्ष के अनुसार बजट में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कोई सुझाव नहीं दिया गया जिससे साबित होता है कि निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा नेता ज़िम्मेदार हैं।
साउथ एमसीडी के नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि आज सदन की बैठक में बजट पेश किया गया। हैरानी की बात है कि एमसीडी की सत्ता पर आसीन भाजपा पिछले 15 सालों से जो झूठे वादे करती आ रही है, आज का प्रस्तावित बजट उसी का जीता-जागता स्वरूप है। जिसमें केवल भविष्य की योजनाओं को ही पेश किया गया है। उन्होंने पहले क्या वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे किए, उन्होंने इसका कहीं कोई ज़िक्र नहीं किया। ज़ाहिर है इन 15 सालों में वह अपने किए कोई वादे पूरे नहीं कर पाए हैं। यहां तक कि कर्मचारियों विषेशकर स्वच्छता सैनिकों को मूलभूत सुविधाएं तक देने में नाकाम रहे हैं। और जब बात नियमितिकरण की आई तो एमसीडी में शासित भाजपा उस वादे को भी पूरा नहीं कर पाई। बजट को पेश करते वक्त भाजपा शासित एमसीडी ने कर्मचारियों का ज़िक्र ना करके भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि कर्मचारियों का सिर्फ शोषण ही किया गया है।
आज के बजट में एक और दिलचस्प बात देखने को मिली। यह तो सभी को पता है कि निगम में किस कदर भ्रष्टाचार हो रहा है। आए दिन उनकी लूट की एक नई स्कीम देखने को मिलती है। उन्होंने हर प्रकार से जनता को लूटने का काम किया है। बजट के दौरान निगम में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई भी सुझाव या नीति निर्धारण ना करके भाजपा शासित एमसीडी ने साबित कर दिया है कि यह सारा भ्रष्टाचार उनके नेताओं के संरक्षण में ही हो रहा है। यही वजह है कि उन्होंने इसका ज़िक्र करना भी ज़रूरी नहीं समझा। लेकिन दिल्ली की जनता सब देख रही है। सभी ने मन बना लिया है कि अप्रैल में होने वाले एमसीडी चुनाव में भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाना है।