नौसेनाध्यक्ष (सीएनएस) एडमिरल आर हरि कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी शनिवार, 19 फरवरी 22 को विशाखापत्तनम पहुंचे। नौसेनाध्यक्ष ने 20 फरवरी 22 को राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू (पीएफआर) की समग्र तैयारियों का निरीक्षण किया। पीएफआर का 12वां संस्करण 21 फरवरी 22 को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के तहत विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है, जिसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। भारत के माननीय राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर श्री राम नाथ कोविंद राष्ट्रपति यॉट (नौका) आईएनएस सुमित्रा पर सवार होकर 60 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों तथा 55 विमानों से युक्त भारतीय नौसेना बेड़े का निरीक्षण करेंगे।
सभी नौसेना कमानों और अंडमान और निकोबार कमान के जहाज चार स्तंभों (कॉलम) में लंगर डाले हुए हैं। राष्ट्रपति का यॉट चार लेन में लंगर डाले हुए 44 जहाजों से गुजरेगी और उन्हें एक-एक कर औपचारिक सलामी दी जाएगी। समीक्षा में भाग लेने वाले प्लेटफार्मों में नए शामिल किए गए लड़ाकू प्लेटफॉर्म नवीनतम रेडार से बच निकलने वाला विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस वेला है, यह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी है जिसे हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। आईएन जहाज चेन्नई, दिल्ली, तेग और तीन शिवालिक श्रेणी के युद्धपोत तथा तीन कमोर्टा श्रेणी के एएसडब्ल्यू कार्वेट भी समीक्षा का हिस्सा होंगे। इसमें तटरक्षक बल, भारतीय नौवहन निगम और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जहाज भी भाग ले रहे हैं। चेतक, एएलएच, सी किंग्स, केएएमओवी, डोर्नियर्स, आईएल-38एसडी, पी81, हॉक्स और मिग 29के का एक समग्र फ्लाईपास्ट भी समीक्षा का हिस्सा होगा। यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि भाग लेने वाले 60 जहाजों और पनडुब्बियों में से 47 का निर्माण भारतीय पोत कारखाना (शिपयार्ड) में किया गया है, इसमें स्वदेशी क्षमताओं और आत्मनिभरता की प्रगति का प्रदर्शन किया गया है।