अरुणाचल प्रदेश

Arunachal Pradesh
  • अरूणाचल प्रदेश को 20 फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्‍य का दर्जा मिला। 1972 तक यह पूर्वोत्‍तर सीमांत एजेंसी के नाम से जाना जाता था। इसे 20 जनवरी 1972 से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला।
  • 15 अगस्‍त, 1975 को चयनित विधानसभा का गठन किया गया तथा पहली मंत्री परिषद ने कार्यभार ग्रहण किया। प्रथम आम चुनाव फरवरी, 1978 में करवाए गए।
  • राज्‍य में 16 जिले हैं। राज्‍य की राजधानी ईटानगर पापुम पारा जिले में हैं। ईटानगर नाम ईटा किले पर पड़ा है, जिसका अर्थ है ईंटों का किला, जिसे 14 सदी पूर्व बनाया गया था। हिमालय पर्वत की तलहटी में स्थित है।
  • अरूणाचल प्रदेश के विभिन्‍न भागों में फैले पुरातात्विक अवशेषों से पता चलता है कि इसकी एक समृद्ध सांस्‍कृतिक परंपरा रही है।
  • क्षेत्रफल                      83,743 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्‍या                  13,82,611
  • राजधानी                    ईटानगर
  • मुख्‍य भाषाएं              मोनपा, मिजी, अका, शेरदुकपेन, निशी, अपतानी,तगिन, अदी, दिगारू-     मिशमी, इदु-मिशमी, मिजु-मिशमी, खमटी, नोकटे, तंगसा और वांचू
  • अरुणाचल प्रदेश 26 डिग्री और 28 मिनट और 29 डिग्री और 30` उत्तरी अक्षांश और 97 डिग्री और 30 मिनट और 97 डिग्री और 30 मिनट पूर्वी देशांतर के बीच है।
  • यह पूर्वी हिमालयी प्रांत में पुरापाषाण, इंडो-चीनी और इंडो-मलायन जैव-भौगोलिक क्षेत्रों के जंक्शन पर स्थित है।
  • अरुणाचल प्रदेश छ: प्राकृतिक क्षेत्रों में विभाजित है। कामेंग जिले के पश्चिमी भाग, तिरप जिला, ऊपरी, मध्य और निचले बेल्ट और अरुणाचल प्रदेश की तलहटी की केंद्रित पॉकेट छ: क्षेत्र हैं, जो अरुणाचल प्रदेश की स्थलाकृति का निर्माण करते हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश राज्य उत्तर-पूर्व का सबसे बड़ा राज्य है। यह हिमालय की तराई वाले पूर्वी हिमालय से लेकर ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी तक फैला हुआ है।
  • यह प्रदेश भूटान, चीन और बर्मा से घिरा हुआ है। असम अपने दक्षिण में स्थित है।
  • हिमालय के इस हिस्से में कांगो और न्येई कांगसांग और गोरी चेन पीक सबसे ऊंची चोटियों में से है।
  • पूरे क्षेत्र में अलग-अलग ऊँचाई वाली एक पहाड़ी प्रणाली है, जो कई नदियों और नालों द्वारा पार की जाती है। स्थलाकृति और जलवायु परिस्थितियों में विविधता से परिपूर्ण है, जो कि असंख्य पौधों और जानवरों के रूपों का घर हैं।
  • इन वनों में होने वाले वनस्पतियों और जीवों की समृद्धि 5,000 से अधिक पौधों, लगभग 85 स्थलीय स्तनधारियों, 500 से अधिक पक्षियों और बड़ी संख्या में तितलियों, कीटों और सरीसृपों के साथ जैविक विविधता का एक चित्रमाला प्रस्तुत करती है।
  • अरुणाचल प्रदेश की वनस्पति चार व्यापक जलवायु श्रेणियों के अंतर्गत आती है। इसे आगे पाँच व्यापक वन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये उष्णकटिबंधीय वन, उप उष्णकटिबंधीय वन, देवदार के जंगल, समशीतोष्ण वन और अल्पाइन वन हैं। बांस और अन्य घास के जंगल भी हैं।
  • राज्य से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ कामेंग नदी, सुबनसिरी नदी, सियांग नदी, लोहित नदी और तिरप नदी हैं। नदियों ने इन क्षेत्रों में व्यापक घाटियों का निर्माण किया है।
  • ऊंचाई के साथ जलवायु बदलती रहती है। मध्य हिमालय के समीप के क्षेत्र समशीतोष्ण जलवायु का अनुभव करते हैं। उप-हिमालयी और समुद्र-स्तर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बहुत गर्म ग्रीष्मकाल और हल्की सर्दियाँ के साथ आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव होता है।
  • राज्य में बहुत भारी वर्षा होती है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में नदियों और झीलों के लिए भी बारिश होती है। वर्षा ऋतु मई से सितंबर तक होती है।

कृषि और बागवानी

  • अरूणाचल प्रदेश के लोगों के जीवनयापन का मुख्‍य आधार कृषि है। यहां की अर्थव्‍यवस्‍था मुख्‍यत: झूम खेती पर आधारित है।
  • अब नकदी फसलों, जैसे- आलू और बागवानी की फसलों, जैसे- सेब, संतरे और अनन्‍नास आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

खनिज और उद्योग

  • राज्‍य की विशाल खनिज संपदा का पता लगाने तथा उसे संरक्षण के लिए 1991 में अरूणाचल प्रदेश खनिज विकास और व्‍यापार निगम लिमिटेड (ए.पी.एम.डी.टी.सी.एल.) की स्‍थापना की गई।
  • निगम ने नामचिक-नामफुक कोयला क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लिया है।

पर्यटन स्‍थल राज्‍य के प्रमुख पर्यटन स्‍थल हैं- तवांग, दिरांग, बोमडिला, टीपी, ईटानगर, मालिनीथान, लीकाबाली, पासीघाट, अलोंग, तेज़ू, मियाओ, रोइंग, दापोरिजो, नामदफा, भीष्‍मकनगर, परशुराम कुंड और खोंसा।

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