अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

Andaman and Nicobar
  • स्थापना का दिन                                  1 नवंबर 1956
  • क्षेत्रफल                                               8,249 वर्ग किमी
  • घनत्व                                                 46 प्रति वर्ग किमी
  • जनसंख्या (2011)                               380,581
  • पुरुषों की जनसंख्या (2011)                 202,871
  • महिलाओं की जनसंख्या (2011)          177,710
  • जिले                                                    3
  • राजधानी                                             पोर्ट ब्लेयर
  • नदियाँ                                                 हुगली, कलपोंग
  • वन एवं राष्ट्रीय उद्यान                        लिटिल निकोबार वन्यजीव अभयारण्य, लैंडफॉल आइलैंड वन्यजीव अभयारण्य
  • भाषाएँ                                                 बंगाली, हिंदी, तमिल, मलयालम, निकोबारी, तेलुगू
  • राजकीय पशु                                       दुगोंग
  • राजकीय पक्षी                                      लकड़ी कबूतर
  • राजकीय वृक्ष                                       अंडमान पड़ौक
  • नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011)             76883
  • साक्षरता दर (2011)                            77.65%
  • 1000 पुरुषों पर महिलायें                     878
  • विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र                     0
  • संसदीय निर्वाचन क्षेत्र                           अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

जिले

अंदमान निकोबार में कुल ३ ज़िले है, जिनमे उत्तरी और मध्य अंदमान सबसे बड़ा है, जिसका क्षेत्रफल ३,२२७ वर्ग किलोमीटर है।

    जिले                जनसंख्या  विकास दर लिंगानुपात   साक्षरता  क्षेत्र (वर्ग किमी) घनत्व (प्र.व.किमी)

दक्षिण अंडमान          238142     14.23%       871           89.13        3181                80

उत्तर- मध्य अंडमान  105597     -0.02%        925           83.91        3227                32

निकोबार                   36842       -12.42%      777           78.06        1841                20

  • निकोबार का अस्तित्व टॉल्मी के समय से जाने जाते है, लेकिन इस जगह के एक लंबे अलिखित इतिहास है। यहॉं के निवासियों कोपरा के व्यापार के माध्यम से बाहरी दुनिया के संपर्क में रहा था। हालांकि, उनके जीवन में आधुनिक दुनिया की प्रविष्टि भारत में प्रसिद्ध वास्कोडिगामा यात्रा के बाद शुरू हुई।
  • 17वीं शताब्दी के बाद पोर्तुगीज और फ्रांसीसी मिशनरियों ने निकोबार द्वीपसमूह में ईसाई धर्म का प्रचार करने की कोशिश की।
  • 1756 में डेनस ने इन द्वीपों का कब्जा कर लिया और कमोर्टा द्वीप पर अपनी मुख्यालय स्थापित की, लेकिन उन्होंने 1848 में इसे छोड़ दिया।
  • 1869 में अंग्रेजों ने औपचारिक रूप से इन द्वीपों पर कब्ज़ा कर लिया।
  • 1870 में उन्होंने कमोर्टा में एक पैनल सेटेलमेंट की स्थापना की, जो कि 1888 में बंद हो गया।
  • 1871 में इन द्वीपों को अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य आयुक्त के अधीन किया गया । यह प्रशासनिक व्यवस्था पूर्व स्वतंत्रता अवधि तक जारी रही। 1920 के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने निकोबार के पहले सहायक आयुक्त के रूप में श्री ई. हर्ट को नियुक्त किया।
  • केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह 6 और 14 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 92 और 94 डिग्री पूर्वी देशांतर में स्थित है।
  • यह 572 द्वीपों का समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है तथा म्यांमार के नेगरिस अंतरीप से 193 किलोमीटर, कोलकाता से 1255 किलोमीटर और चेन्नई से 1190 किलोमीटर दूर है।
  • रिची आर्किपेलागो और लेबीरिंथ द्वीपों के दो प्रमुख समूह हैं। निकोबार द्वीपसमूह अंडमान के दक्षिण में छोटे अंडमान द्वीप से 121 किलोमीटर दूर है। यहां आबादी वाले कुल 38 द्वीप हैं, जिनमें 25 अंडमान में और 13 निकोबार जिले में हैं।
  • 10° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में स्थित द्वीप अंडमान द्वीपसमूह कहलाते हैं, जबकि 10° उत्तरी अक्षांश के दक्षिण में स्थित द्वीप निकोबार द्वीपसमूह कहलाते हैं।
  • यहां की जलवायु नम, उष्णकटिबंधीय और तटीय है।
  • इस समस्त द्वीपसमूह में दक्षिण-पश्चिमी तथा उत्तर-पूर्वी- दोनों मानसूनों की वर्षा होती है। सर्वाधिक वर्षा मई और दिसंबर के महीनों में होती है।
  • इस द्वीप समूह के मूल निवासी जंगलों में रहते थे और शिकार तथा मछलियां पकड़कर अपना गुजारा चलाते थे।
  • अंडमान के द्वीपसमूहों में महा अंडमानी, ओंगे, जरवा और सेंटीनली नाम की चार निग्रेटो जातियां हैं तथा निकोबार द्वीपसमूह में निकोबारी तथा शोमपेन नाम की दो मंगोलायड जातियां हैं।

कृषि

  • धान यहां अनाज की प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जो कि मुख्यतः अंडमान द्वीपसमूह में उगाई जाती है; जबकि निकोबार द्वीपसमूह की मुख्य नकदी फसलें नारियल और सुपारी हैं।
  • रबी के मौसम के दौरान दालें, तिलहन और सब्जियां उगाई जाती हैं, जिसके बाद धान की फसल बोई जाती है।
  • यहां के किसान पहाड़ी जमीन और भिन्न-भिन्न प्रकार के फल, जैसे-आम, सेपोटा, संतरा, केला, पपीता, अनन्नास और कंदमूल आदि उगाते हैं।
  • यहां बहुफसल व्यवस्था के अंतर्गत मसाले, जैसे – मिर्च, लौंग, जायफल तथा दालचीनी आदि भी उगाए जाते हैं।
  • इन द्वीपों में रबड़, रेड आयल, ताड़ तथा काजू आदि भी थोड़ी-बहुत मात्रा में उगाए जाते हैं।

वन

  • इन द्वीपों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7,171 वर्ग किलोमीटर भाग वनों से ढका हुआ है।
  • इन द्वीपों पर लगभग सभी प्रकार के वन जैसे उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय अर्द्ध सदाबहार वन, आर्द्र पर्णपाती, गिरि शिखर पर होने वाले तथा तटवर्ती और दलदली वन पाए जाते हैं।
  • अंडमान निकोबार में विभिन्न प्रकार की लकड़ियां पाई जाती है। सबसे बहुमूल्य लकड़ियां पाडोक तथा गरजन की हैं। यह निकोबार में नहीं मिलतीं।

वन्यजीव

  • इन द्वीपों में 96 वन्यजीव अभयारण्य, नौ राष्ट्रीय पार्क तथा एक जैव संरक्षित क्षेत्र (बायोरिजर्व) हैं।
  • स्तनपायी अब तक अधिसूचित कुल 55 स्थलीय एवं 7 समुद्री स्तनपायी प्रजातियों में से 32 क्षेत्र विशेष में पाई जाती हैं।
  • पक्षी-द्वीपों में पक्षियों की 246 प्रजातियां एवं उपप्रजातियां मिलती हैं, जिनमें से 99 प्रजातियां एवं उपप्रजातियां क्षेत्र विशेष में पाई जाती हैं।
  • सरीसृप : इस राज्य में सरीसृपों की 76 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें से 24 क्षेत्र विशेष तक सीमित हैं।
  • समुद्री जीव-इन द्वीपों के समुद्र में मछलियों की 1200 से अधिक प्रजातियां, इकाइनो डर्म की 350, घोंघा (मोलस्का) समूह की 1000 तथा अन्य सूक्ष्म प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • कशेरूकी प्राणियों में मुख्यतः ड्यूगॉग, डॉल्फिन, व्हेल, खारे पानी के घड़ियाल, समुद्री कछुए तथा समुद्री सर्प इत्यादि मिलते हैं।
  • मूंगा एवं प्रवाल-अभी तक 61 वर्गों के प्रवालों की 179 प्रजातियों के बारे में जानकारी मिली है।
  • पूर्वी तट पर मुख्यतः झब्बेदार (फ्रिंजिंग) प्रकार के तथा पश्चिमी तट पर अविरोधी (बैरियर) प्रकार के प्रवाल पाए जाते हैं।

उद्योग

  • राज्य में 1,833 लघु व मध्यम उद्यम एवं हस्तशिल्प इकाइयां पंजीकृत थीं।
  • झींगा मछली प्रसंस्करण के क्षेत्र में दो इकाइयां शत-प्रतिशत निर्यातोन्मुख हैं। इसके अतिरिक्त सीपी एवं लकड़ी आधारित हस्तशिल्प इकाइयां हैं।
  • लघु व मध्यम उद्यम इकाइयां पेंट तथा वार्निश, छोटी आटा पिसाई चक्कियां, शीतल पेय एवं शराब, स्टील फर्नीचर एवं अन्य उपकरण, रेडीमेड कपड़े, लोहे के दरवाजे, ग्रिल इत्यादि के उत्पादन का कार्य करती हैं।
  • लघु औद्योगिक इकाइयां सीपी शिल्प, बेकरी उत्पादन, चावल निकालने तथा फर्नीचर बनाने का कार्य भी कर रही हैं।
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह समन्वित विकास निगम ने पर्यटन, मत्स्य उद्योग तथा औद्योगिक ऋण के क्षेत्रों में काम करना आरंभ कर दिया है तथा यह एलाएंस एयर /जेट एयरवेज/एयर दक्कन के अधिकृत एजेंट के रूप में भी कार्य कर रहा है।

पर्यटन स्थल

  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह एक पर्यावरण अनुकूल सुरक्षित पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है। पर्यटकों के इस स्वर्ग में सेल्यूलर जेल, रॉस आइलैंड तथा हैवलॉक आइलैंड जैसे विशिष्ट स्थान हैं।
  • अंडमान के उष्णकटिबंधीय सदाबहार घने वन, सुंदर रूपहले व रेतीले समुद्र तट, सर्पाकार मैंग्रोव युक्त क्रीक, दुर्लभ समुद्री वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं की प्रजातियों युक्त समुद्री परिवेश तथा मूंगे यहां पर्यटकों को एक स्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं।
  • समुद्र तट पर बने रिसार्ट्स, जलक्रीड़ा केंद्रों तथा पानी के साहसिक खेलों, ट्रेकिंग, आइलैंड कैंपिंग, प्रकृति के बीच निवास (नेचर ट्रेल) स्कूबा डाइविंग जैसे साहसिक पर्यटन के रूप में यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
  • इन द्वीपों की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के ठहरने की आरामदेह व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग की ओर से द्वीपों के विभिन्न भागों में विश्राम गृहों का संचालन किया जाता है।
  • यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों में मानवविज्ञान संग्रहालय, समुद्री संग्रहालय, जलक्रीड़ा परिसर, गांधी पार्क, उत्तरी खाड़ी (नार्थ बे) वाइपर आईलैंड, रॉस आइलैंड, चिड़िया टापू (बर्ड वाचिंग), रेडस्किन आइलैंड, कोर्बिन्स कोव बीच तथा नील आइलैंड, हैवलॉक आइलैंड, सिंक्बे, लघु अंडमान, दिगलीपुर (रॉस एवं स्मिथ) इत्यादि हैं।

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