द्वारा : प्रमोद चौरसिया
युक्रेन का मतलब, युक्रेन के मुट्ठीभर पूंजीपति वर्ग होता है , इसी तरह से अन्य देश को भी वर्गीय दृष्टिकोण से देखना व समझना मार्क्सवाद है ।
पूंजीवाद इसी वर्गीय दृष्टिकोण को छुपा देता है , पूंजीवादी दृष्टिकोण से , अमेरिका का मतलब होता है वहा का समुची जनता यानि कि अमीर गरीब सब आ जाते । इसी तरह अन्य देश को भी ।
अब देखिए, रुस व युक्रेन की लड़ाई में कहां जा रहा है की रुस हमला कर रहा है और युक्रेन सामना कर रहा है , इससे ऐसा प्रतीत व मालूम पड़ रहा है जैसे कि रुस समुची जनता हमलावर हैं और युक्रेन की समुची जनता सामना कर रही हो
क्या ऐसा हैं ? बिल्कुल नहीं ।
रुस के पूंजीपति वर्ग रुस के शासक वर्गों से हमला करवा रहा है अपने वर्चस्व व प्रभुत्व के लिए और उसी तरह युक्रेन के पूंजीपति वर्ग अन्य देशों के पूंजीपति वर्गों के सहयोग से अपने युक्रेन के शासक वर्गों के द्बारा सामना कर रहा है । यह विश्व भर के पूंजीपतियों का आपसी अंतर्विरोध व वर्चस्व की लड़ाई है जो विश्वयुद्ध का भी रुप ले सकती है ।
रुस व युक्रेन के मेहनतकश वर्गों का शोषण दोहन से इकठ्ठा की हुई धन पानी की तरह बहाया जा रहा है । और इस लड़ाई में क्या विश्वयुद्ध भी हो जाय तो एक भी एक भी पूंजीपति नहीं मरेगा, मरेगी तो सिर्फ आम जनता दोनों देश के ।
इसलिए दोनों देश के आम जनता को अपने अपने देश के शाषक व शोषक वर्गों के खिलाफ जंग छेड़ देना चाहिए ।
और इन्हें उखाड़ फेकना चाहिए ।