- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तैयारी करते हुए विभाग ने “एक स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता” विषय पर लोगों में जागरूकता बढ़ाई
-डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिया, “बदलेंगे सोच, बदलेंगे विचार, महिलाएं हैं विकास का आधार” का नारा
- महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिया, “भेदभाव पर खामोशी तोड़ो, एक समावेशी समाज बनाने के लिए साथ आओ” का नारा
नई दिल्ली, 06 मार्च, 2022
दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज सुबह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की उपस्थिति में महिला दिवस दौड़ का आयोजन किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जीवंत ‘महिला शक्ति के लिए दौड़’ कार्यक्रम में 700 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया और इस वर्ष के महिला सशक्तिकरण विषय, “एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता” पर जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर था। हेल्थ फिटनेस ट्रस्ट इस आयोजन में मैराथन के आयोजन में भागीदार था, जिसमें 10 किमी मैराथन, 5 किमी दौड़ और 1 किमी दौड़ शामिल थी, जिसे मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया।
एक अनूठे उत्सव में स्वास्थ्य के लिए खेल और सांस्कृतिक और स्मारक गतिविधियों का मिश्रण आयोजित किया गया, जिसमें डब्ल्यूसीडी विभाग के बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और पेशेवर एथलीटों द्वारा जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी शामिल थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नारा लगाया, “बदलेंगे सोच, बदलेंगे विचार, महिलायें है विकास का आधार।” वही, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने “भेदभाव पर खामोशी तोड़ो, एक समावेशी समाज बनाने के लिए साथ आओ” का भी आह्वान किया।
1000 महिलाओं को डब्ल्यूई एंड टेक कार्यक्रम के तहत लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन और मास्टर कार्ड के सहयोग से विभाग द्वारा उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने तीन महिलाओं – गजाला अनीस, सुनैना कुमारी और पिंकी को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने स्टार्ट-अप्स को 5000 रुपये की सीड मनी प्रदान करके किकस्टार्ट किया। यह स्टार्ट अप सीड मिनी 100 अन्य महिलाओं को भी दिया जाएगा। । रश्मि सिंह (आईएएस), विशेष सचिव सह निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि महिलाओं का प्रशिक्षण और परामर्श ‘खुद का रोजगार क्योंकि हम हैं हुनरदार’ के तहत हो रहा है। कार्यक्रम जो महिलाओं के समग्र विकास के लिए विभाग के सहेली समन्वय केंद्र (एसएसके) मंच के तहत महिलाओं के सामाजिक- आर्थिक सशक्तिकरण का एक हिस्सा है।
दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम परिसर और जेल रोड स्थित निर्मल छाया परिसर में बालिका गृह की युवा लड़कियों को भी सम्मानित किया गया। आयोजन का एक अनूठा घटक सीसीआई में रहने वाले लड़कों और लड़कियों के लिंग पूर्वाग्रह के खिलाफ मानसिकता में परिवर्तन का प्रदर्शन कर रहा था। कार्यशालाओं, नाटकों और कलात्मक और साहित्यिक गतिविधियों सहित कई रचनात्मक तरीकों के माध्यम से लगातार विभिन्न प्रकार के लैंगिक समानता कार्यक्रमों से अवगत कराया गया। संस्कार आश्रम के निवासियों द्वारा इस कार्यक्रम में एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लिंग के प्रति बच्चों के दृष्टिकोण में बदलाव लाया गया।
बच्चों की आवाज़ें कई स्टालों के साथ वॉक-थ्रू पवेलियन में भी प्रदर्शित की गईं। जिसमें संस्कार आश्रम में बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टर, लेखन, पेंटिंग, नारे और कला-कृति की एक झलक थी।