- 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है- अरविंद केजरीवाल
- लोग कह रहे हैं कि तीनों एमसीडी को एक करना तो एक बहना है, असली मकसद तो चुनाव टालना है, क्योंकि ‘आप’ की जबरदस्त लहर है, जिसमें भाजपा हार जाएगी- अरविंद केजरीवाल
- पीएम से हाथ जोड़कर अपील है कि चुनाव कैंसिल न कराइए, अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है- अरविंद केजरीवाल
- कल केजरीवाल भी नहीं रहेगा और मोदी जी भी नहीं रहेंगे, लेकिन यह देश रहेगा और इस देश को अपने को कमजोर नहीं करना है- अरविंद केजरीवाल
- मुझे नहीं पता कि स्टेट इलेक्शन कमिश्नर को ऐसा क्या दबाव, धमकी या लालच दिया गया है- अरविंद केजरीवाल
- स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा- अरविंद केजरीवाल
- स्टेट इलेक्शन कमिश्नर को जो भी धमकी या लालच दी जा रही है, आप देश को बता दीजिए, पूरा देश आपका साथ देगा- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 11 मार्च, 2022
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव को टालने के दिल्ली चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने को कहना और आयोग का केंद्र के सामने झुक कर चुनाव टालना, दोनों ही जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है। पिछले 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है। लोग कह रहे हैं कि तीनों एमसीडी को एक करना तो एक बहना है, असली मकसद तो चुनाव टालना है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है, जिसमें भाजपा हार जाएगी। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम से हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि चुनाव कैंसिल न कराइए। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, तो यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। कल केजरीवाल भी नहीं रहेगा और मोदी जी भी नहीं रहेंगे, लेकिन यह देश रहेगा और इस देश को अपने को कमजोर नहीं करना है। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा।
केंद्र सरकार के कहे मुताबिक दिल्ली चुनाव आयोग ने एमसीडी चुनाव को टाल दिया- अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अभी चुनाव होने वाले थे। 9 मार्च को दिल्ली चुनाव आयोग ने सुबह-सुबह प्रेस को निमंत्रण भेजा कि आज शाम 5 बजे चुनाव आयोग एमसीडी के चुनावों की तारीख का एलान करेगा। किस तारीख को नामांकन होगा, किस तारीख तक नाम वापस लिए जा सकता हैं और चुनाव किस तारीख को होंगे आदि। शाम को 5 बजे चुनाव के तारीखों का एलान होने वाला था और उसके एक घंटा पहले शाम 4 बजे कंेद्र सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं। इसलिए आप यह चुनाव टाल दीजिए। जिसके बाद शाम पांच बजे दिल्ली चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के कहे मुताबिक चुनाव को टाल दिया। शायद आजादी के बाद भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव टालने के लिए कहा है।
लोग कह रहे हैं कि अगर भाजपा को तीनों एमसीडी को एक करना था, तो पिछले सात साल में क्यों नहीं किया?- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों के मन में दो-तीन बातें चल रही हैं। सात-आठ साल से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अगर इनको तीनों एमसीडी को एक करना था, तो पिछले सात साल में इन्होंने क्यों नहीं किया? चुनाव की तारीखों के एलान के एक घंटा पहले इनको अचानक याद आई कि तीनों एमसीडी को एक करना है, इसलिए चुनाव को टाल दिया जाएं। लोग कह रहे हैं कि एमसीडी को एक करना तो केवल एक बहाना है। असली मकसद तो चुनाव टालना था, क्योंकि बीजेपी को लग रहा था कि अगर दिल्ली नगर निगम के चुनाव होंगे, तो आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है। उस लहर में बीजेपी उस लहर में बह जाएगी और बीजेपी हार जाएगी। इसलिए चुनाव टालने की मंशा से यह किया गया है।
लोग कह रहे हैं कि चुनाव का तीनों नगर निगमों को एक करने से कोई लेना-देना है- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि यह भी लोग कह रहे हैं कि चुनाव का तीनों नगर निगमों को एक साथ करने से क्या लेना-देना है? आज तीन नगर निगम हैं और दिल्ली में कुल 272 वार्ड हैं। तीनों नगर निगमों के पार्षद अपने अलग-अलग नगर निगमों में बैठते हैं। चुनाव हो जाने दीजिए। अगर तीनों को एक भी कर देंगे, तो वो एक जगह बैठने लग जाएंगे। अभी चुनाव टालने की क्या जरूरत है? चुनाव कराओ। नए पार्षद आएंगे और जब तक तीनों नगर हैं, तब तक वे तीनों में बैठ जाएंगे और जब एक नगर निगम हो जाएगा, तो वे एक साथ आकर बैठ जाएंगे। इसलिए चुनाव टालने की तो कोई जरूरत ही नहीं थी। लेकिन इनका मकसद तीनों नगर निगमों को एक करने का नहीं था। अगर करना होता, तो ये लोग सात साल में कर लेते। इनका मकसद केवल चुनाव टालने का था। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। दोनों ही चीजें अच्छी नहीं है। पहला यह कि जो केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग को चुनाव टालने को कहा, वो भी ठीक नहीं है। दूसरा यह कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के सामने झुक गया और चुनाव टाल दिया। यह भी जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
हमें मिलकर देश की रक्षा करनी है और किसी भी हालत में संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ संयोजक अरवविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि सरकारें आती-जाती रहेंगी। कल आप भी नहीं होंगे और कल मैं भी नहीं होउंगा। हम महत्वपूर्ण नहीं हैं, लोग महत्वपूर्ण नहीं हैं, पार्टियां महत्वपूर्ण नहीं है। देश महत्वपूर्ण है। अगर हम चुनाव आयोग को दबाव डाल कर चुनाव कैंसिल कराते हैं, तो इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है और चुनाव कैंसिल होते हैं, तो देश कमजोर होता है। हम सब को मिलकर देश की रक्षा करनी है। किसी भी हालत में हमें संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है। मेरी विनती है कि चुनाव कैंसिल न कराइए। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। आज यह कहा जा रहा है कि हम तीनों एमसीडी एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए। मान लो कि कल को लोकसभा का चुनाव है और उससे पहले कहा जाएगा कि पार्टियामेंट्री सिस्टम अच्छा नहीं हैं, हम प्रेसिडेंशियल सिस्टम लाना चाहते हैं और संविधान में बदलाव करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाले जाएंगे। मान लो कि कल को कोई राज्य विधानसभा का चुनाव है और यह कहा जाएगा कि हम दो राज्यों को एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे। क्या जनतंत्र के अंदर ऐसे चुनाव टाले जा सकते हैं। यह बहुत बड़ा प्रश्न है।
स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि कल केजरीवाल भी नहीं रहेगा, कल मोदी जी भी नहीं रहेंगे, लेकिन यह देश रहेगा और इस देश को अपने को कमजोर नहीं करना है। मुझे नहीं पता कि जो हमारे स्टेट इलेक्शन कमिश्नर हैं, उन पर ऐसा क्या दबाव डाला गया, उनको क्या धमकी दी गई, इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई की कोई धमकी दी गई या अभी वे अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, तो उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद उनको कोई लालच दिया गया। यह सब मुझे नहीं पता कि क्या दिया गया? लेकिन वो तुरंत एक घंटे के अंदर चुनाव टालने को तैयार हो गए। ऐसे संस्थाएं कैसे चलेंगी? मैं स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। इस देश ने आजादी किस लिए पाई थी। क्योंकि इस देश के अंदर जनतंत्र है, जनता का राज है। आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। मुझे नहीं पता कि आप पर क्या दबाव डाला जा रहा है? मुझे नहीं पता कि आपको क्या धमकी दी जा रही है या क्या लालच दिया जा रहा है, लेकिन जो भी धमकी या लालच दी जा रही है, आप बाहर आकर देश को बता दीजिए। सारी जनता को बता दीजिए। पूरा देश आपके साथ खड़ा होगा, पूरा देश आपका साथ देगा, लेकिन किसी के सामने झुकिए मत। यह देश की बात है, जनतंत्र की बात है।