केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वस्त्र क्षेत्र में अगला यूनिकॉर्न रसायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीटी) से आना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने ‘आत्मनिर्भर पुनर्जागरण’ विषयवस्तु पर मुंबई स्थित रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के ई-शिखर सम्मेलन- 2022 को संबोधित किया। उन्होंने आईसीटी के छात्रों से टैक्स-प्रीन्योरशिप यानी वस्त्र क्षेत्र की उद्यमिता का नेतृत्व करने का आह्वाहन किया।
श्री गोयल ने कहा कि आईसीटी के पास देश में भारत का सबसे अच्छा रेशा और वस्त्र प्रौद्योगिकी विभाग है। उन्होंने आगे बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, कैडिला फार्मास्युटिकल्स के इंद्रवदन मोदी, ल्यूपिन लिमिटेड के नीलेश गुप्ता और एशियन पेंट्स के अश्विन दानी आईसीटी के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं।
श्री गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में मंत्री ने कहा, “उन्होंने भारत को, विशेष रूप से रसायन और औषध (फार्मा) क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह अविश्वसनीय लगता है कि कैसे एक संस्थान पूरे क्षेत्र को आकार दे सकता है। वास्तव में कुछ मायने में आईसीटी देशों के बीच काफी प्रतिष्ठित रसायन उद्योग क्षेत्र के आइवी लीग कॉलेजों में है, जो प्रौद्योगिकी की दुनिया या प्रबंधन के संसार से जुड़ा हुआ है। और मुझे विश्वास है कि इस विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आपके हर एक छात्र की है!”
श्री गोयल ने जॉन एफ कैनेडी (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) के कथन “एक व्यक्ति बदलाव ला सकता है और हर किसी को वह एक व्यक्ति बनने का प्रयास करना चाहिए” को उद्धृत करते हुए कहा कि उद्यमियों को राष्ट्र निर्माता और बदलाव लाने वाले के रूप में सबसे अच्छी तरह परिभाषित किया जाता है।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार एक प्रवर्तक के रूप में काम कर रही है और वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए परिवर्तनकारी पहलें की हैं। इनमें उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) के साथ 7 मेगा टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना और भारत को तकनीकी वस्त्रों में वैश्विक नेता बनाने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) की शुरुआत करना शामिल है। उन्होंने बताया कि 31 परियोजनाएं पहले ही मंजूर की जा चुकी हैं।
श्री गोयल ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, “हम नवाचार में बड़ी छलांग लगा रहे हैं, अनुसंधान और विकास को अंततः देश को नए युग में विकसित होने या प्रगति करने के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में पहचाना जा रहा है। और मुझे इस बात पर संदेह है कि आज कोई भी वृद्धिशील परिवर्तन या सुधार से संतुष्ट नहीं है। हम सभी अपने संसार में जिस तरह से रहते हैं, उसमें बड़ा बदलाव देख रहे हैं।”
श्री गोयल ने कहा कि भारत यूपीआई लॉन्च होने के 5 साल के भीतर डिजिटल लेनदेन में एक वैश्विक नेता बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे पास तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप्स इकोसिस्टम है, जिसमें पांच वर्षों में 65,000 से अधिक स्टार्टअप व 90 से अधिक यूनिकॉर्न पंजीकृत हैं और इन स्टार्टअप्स ने लाखों नौकरियां पैदा की हैं।
श्री गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मौजूदा दशक भारत का ‘टेक-एड’ दशक है, एक ऐसा दशक जहां तकनीक व नवाचार भारत और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति होंगे।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी खुद स्टार्टअप से जुड़े हमारे युवाओं की शक्ति पर बहुत दृढ़ विश्वास रखते हैं। प्रक्रियाओं को सरल बनाने, उनकी यात्रा (स्टार्टअप) के माध्यम से उन्हें संभालने, जहां जरूरी हो वहां वित्तीय सहायता प्रदान करने या स्टार्टअप से संबंधित नियामक आवश्यकताओं को सरल बनाने और इन्क्यूबेशन केंद्र बनाने में सहायता करने के जरिए उन्होंने नवाचार को मजबूत करने, हमारे युवा लड़कें और लड़कियों को अवसर प्रदान करने के लिए इस इकोसिस्टम पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। अटल टिंकरिंग प्रयोगशाला एक ऐसा प्रयोग है, जिसने शानदार परिणाम दिए हैं और मुझे विश्वास है कि उद्योग – अकादमिक साझेदारी कल के भारत को परिभाषित करने जा रही है।”
श्री गोयल ने कहा कि जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, भारत के अमृत काल की नियति युवाओं के हाथों में है।
उन्होंने कहा, “यह आप ही हैं जो आत्मनिर्भर पुनर्जागरण की पटकथा लिखेंगे, इसमें सरकार आपकी उद्यमशीलता की यात्रा में एक साथी होगी। ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम होगा।”
भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया, जिन्होंने आईसीटी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, के कथन “याद रखें कि आपका काम केवल रेलवे क्रॉसिंग को साफ करना हो सकता है, लेकिन यह आपका कर्तव्य है कि इसे इतना साफ रखें कि विश्व में कोई भी दूसरा क्रॉसिंग उतना साफ नहीं हो, जितना आपका है।” को उद्धृत करते हुए कहा कि हमें व्यवसायों के अपने उत्पाद चक्र में सुधार करने, भविष्य के लिए तैयार समाधानों का नवाचार करने और व्यवसाय प्रक्रिया री-इंजीनियरिंग पर लगातार ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “आज भारत आत्मविश्वासी है, फिर भी असंतुष्ट! असंतुष्ट होना अच्छी बात है, क्योंकि संतुष्ट व्यक्ति न कभी रूपांतरण ला सकता है, न ही बदलाव। हमें कुछ असाधारण उपलब्धि प्राप्त करने की भूख की जरूरत है, हमें कुछ करने में सक्षम होने के लिए हमारे भीतर जिजिविषा की जरूरत है।”
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